Narazgi Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है नाराज़गी शायरी। दोस्तो रिश्तों में रूठना मनाना तो लगा ही रहता है लेकिन नाराज़गी इतनी भी नहीं होनी चाहिए कि रिश्ता ही टूट जाए। अगर किसी भी रिश्ते में एक तरफ नाराज़गी है तो दूसरी तरफ से उसे मनाना चाहिए।
हम उम्मीद करते है कि इस पोस्ट narazgi shayari, shayari on narazgi, narazgi shayari in hindi आपको अच्छी लगेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
बेशक तुम्हें गुस्सा करने का हक है,
मुझ पर नाराजगी में कहीं ये मत भूल जाना,
की हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे।
सोचती हूं मैं अपने किस्से कहूं,
चुप इसलिए भी हूं कि किस से कहूं।
किसी दिन हाथ धो बैठोगे मुझसे,
तुम्हें चस्का बहुत है बेरुखी का।
क्यूं शर्मिंदा करते हो हाल पूछकर,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है।
Shayari On Narazgi In Hindi
कहने को तो हर शख़्स अपना है,
पर कितना अपना है मुझे पता है।
तूफान तक सह सकते हैं लोग,
अकेले सन्नाटा झेल नहीं पाते।
मैं मुसाफ़िर हूं तेरी कश्ती का ऐ जिंदगी,
तू जहां कहेगी मैं वहीं उतर जाऊंगी।
ऐसे बनो कि तुम नहीं,
वो तुम्हें खोने से डरे।
गुलाब लाने से लेकर धनिया लाने तक का,
सफ़र करना है तुम्हारे साथ।
Narazgi Shayari In Hindi
भूलने की कोशिश कर रही हूं उन लोगों को,
जिन्हें मैंने भूल से चुन लिया था।
ना जाने कौन से विटामिन्स भरे हैं तुझमें,
जब तक बात ना कर लूं कमज़ोरी सी रहती है।
इश्क़ भी चाहते हो और सकून भी चाहते हो,
गज़ब करते हो यार अमावस की रात में चांद चाहते हो।
लड़की हो तुम कमरे में कहीं रो लोगी
मुझे काम पर जाना है सबसे मिलना है मेरा क्या होगा।
Narazgi Shayari 2 Lines
आज सारे लाड पूरे किए मैंने,
उसका बेटा मिला था मुझे स्कूल जाते हुए।
वैसे तो मोहब्बत में हमने सर झुकाया कई बार लेकिन,
जब बात नफ़रत की आई, तो उसका शहर भी छोड़ दिया।
मेरी औकात मेरे सपनों से इतनी बार हारी है,
कि अब उसने बीच में बोलना ही बंद कर दिया है।
उसके जैसा कोई और कैसे हो सकता है,
अब तो वो खुद भी अपने जैसा ना रहा।
Shayari On Narazgi
वक़्त के साथ नही वक़्त से आगे चलो,
क्योंकि ये दुनिया वक़्त से आगे चलने वालों का साथ देती है।
इन दूरियों को जुदाई मत समझना,
इन खामोशियो को नाराजगी मत समझना,
हर हाल में साथ देंगे आपका,
ज़िंदगी ने साथ न दिया तो बेवफाई मत समझना।
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे,
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते।
तेरी बातें ही सुनाने आए,
दोस्त भी दिल ही दुखाने आए।
Narazgi Shayari
नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे दोस्त,
जहाँ आपको ही बताना पड़े आप नाराज हैं।
नाराज़गी भी हमसे और नज़रें भी हम ही पर,
उनकी इसी अदा पर मर मिटे हैं हम।
मनाया नहीं जायेगा मुझसे इस बार वो शख़्स,
उसकी नाराज़गी से इस बार आबाद कोई और है।
बेशक मुझ पर गुस्सा करने का हक़ है तुम्हें,
पर नाराजगी में ये मत भूल जाना की हम प्यार करते है तुमसे।
जब नाराजगी अपनों से हो तो खामोशी ही अच्छी,
अब हर बात पर जंग हो ये जरुरी तो नहीं।
तेरी नाराजगी वाजिब है दोस्त,
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल।
इतना ही गुरुर था तो मुकाबला इश्क का करती ऐ बेवफा,
हुस्न पर क्या ईतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक हौ।
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे।
Shayari On Narazgi In Hindi
जिसकी वजह से मेंने छोड़ी अपनी साँस,
आज वो ही आके पूछती हे किसकी हे ये लाश।
ज़िन्दगी ने मर्ज़ का क्या खूब इलाज सुझाया
वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया।
दो रास्ते जींदगी के दोस्ती और प्यार,
एक जाम से भरा दुसरा इल्जाम से।
ऐ जीन्दगी जा ढुंड॒ कोई खो गया है मुझ से अगर,
वो ना मिला तो सुन तेरी भी जरुरत नही मुझे।
ए नसीब ज़रा एक बात तो बता,
तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है।
Narazgi Shayari In Hindi
उसी मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी,
जहाँ सारा शहर अपना था और तुम अजनबी।
गांव में अभी भी बेमतलब रोनक होती है,
शहरों में मतलब ना हो तो चार लोग इकट्ठे नहीं होते I
बहुत महसूस होता है,
तेरा महसूस ना महसूस करना।
नज़रें मिलीं दिल धड़का पलकें पल भर को क्या झपकीं
वो नज़रों से ओझल हुआ।
सच और ईमानदारी के रास्ते पे चलने का एक फ़ायदा,
ये भी है कि इस रास्ते में कहीं भीड़ नहीं है ।
Narazgi Shayari 2 Lines
प्यार भी हर किसी के बस का नहीं है,
साला जिगर चाहिए बर्बाद होने के लिए।
जिसे मै की हवा लगी,
उसे फिर न दवां लगी न दुआं लगी।
अपनी जुबान से किसी की बुराई मत करो क्यूकि,
बुराईया तुम मे भी है और जुबान और के पास भी।
कुछ लोगों की सोच को देखकर पूछने का मन होता है,
की भाड़ में आप खुद चले जाओगे या छोड़ के आऊँ।
ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है।
Shayari On Narazgi
रहने की कुछ बेहतरीन जगहों में से,
एक जगह अपनी औकात भी है।
मौत से इतनी ही तक़रार रहेगी,
ये कलम जो थम जायेगी।
ए दिल तू क्यो खुश होता है पागल,
अभी तो सिर्फ महिना बदला है वक़्त नहीं।
जिनसे बेतहाशा मोहब्बत हो
उनसे नाराजगी का ताल्लुक भी उतना ही गहरा होता है।
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