Tanhai Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से आपके लिए एक नई पोस्ट हाजिर है जिसका टाइटल है तनहाई शायरी। दोस्तो प्यार इश्क़ मोहब्ब्त ये शब्द सुनने में तो बड़ी अच्छे लगते है लेकिन अगर इनसे रूबरू हुआ जाए तब पता चले की इनको निभाना आसान नहीं है। खासतौर पर जब अगर कोई धोखा दे दे प्यार मेे तब दिल टूट सा जाता है और फिर खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है।
तो अगर आपको भी प्यार मेे तनहाई हासिल हुई है है तो इस पोस्ट की Tanhai Shayari Hindi आपको जरूर अच्छी लगेगी।
तुम्हारा यूं मिलना कोई इत्तेफाक ना था,
एक उम्र की तन्हाई का मुआवजा हो तुम।
इस तन्हाई के आलम में मै और मेरा तन्हा दिल,
भूल नहीं पाया है लम्हा वो तेरी अंगड़ाई का।
तन्हाई से तंग आकर मोहब्बत की तलाश में निकले,
लेकिन मोहब्बत भी ऐसी मिली कि और तनहा कर गयी।
तूफान सा आ गया है मेरे आशियाने में शायद,
तनहाई ने कदम रख लिया है मेरे मयखाने में।
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
हजारों अपने हैं मगर याद तुम ही आते हो।
Tanhai Shayari With Images
ये सर्द हवाएँ बिखरे पत्ते और तन्हाई,
दिसम्बर तू सब कुछ ले आया है सिवा उसके।
सुनो अब लौट कर मत आना,
ये तन्हाई अब हमें तुमसे भी प्यारी लगती हैं।
बैठ के तन्हाई में जब जब तुझे पुकारा हैं तब दिल में याद,
आँख में आंसू और खुद को तनहा ही पाया हैं।
मेरी तन्हाई पर जो सवाल करतें हैं,
वहीं लोग मेरी मुस्कुराहट पर बवाल करते हैं।
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।
Dard e Tanhai Shayari Hindi
क्या बताए कि खुद से कितना इश्क़ करते है,
यूँ समझिए कि तन्हाई में ज्यादा खुश रहते है।
घर से निकले चौक गए फ़िर पार्क में बैठे,
तनहाई को जगह जगह बिखराया हमने।
जिसे देखो वो तनहाई मैं जिए जा रहा है,
फिर साहब ये इश्क कौन किए जा रहा है।
मोहब्बत में मुझे ये खाई मिली,
इश्क से ज्यादा तन्हाई मिली।
ये सर्द हवाएँ बिखरे पत्ते और तन्हाई,
दिसम्बर तू सब कुछ ले आया है सिवा उसके।
Shayari On Tanhai
बिखरे अरमान भीगी पलकें और ये तन्हाई,
कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।
बस वही जान सकता है मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है।
कोई समझे तो एक बात कहूँ,
तन्हाई सौ गुना बेहतर है मतलबी लोगों से।
इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी,
तुम आज भी नहीं आओगे और तन्हाई जीत जाएगी।
ये उदास रातें मेरी तन्हाई को मुकाम पे ले आती हैं कि
मुझे तुम एक तुम फिर तुम और बस तुम याद आते हो।
Tanhai Shayari Hindi
सरे बाज़ार निकलूं तो आवारगी की तोहमत,
तन्हाई में बैठूं तो इल्जाम-ए-मोहब्बत।
कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है ,
एक मैं मेरी परछाई मेरी तन्हाई और तेरा एहसास।
तेरी यादों से महक उठी है यूं तन्हाई,
दिल के सेहरा में कोई फूल खिला हो जैसे।
मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूँ,
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है I
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल।
Tanhai Shayari
तेरी याद बहुत अब आने लगी इक जान है अब वो जाने लगी,
तन्हा तन्हा हम रहने लगे तन्हाई बड़ा तड़पाने लगी।
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं,
लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है।
मत पूछो मेरे दिल का हाल आपके दिल भी बिखर जाएँगे,
इस लिए नही सुनाते अपने दिल का दर्द किसी को ये सुनके तो तन्हाई के भी आँसू निकले।
करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को,
चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को,
करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई,
तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को।
तनहाई शायरी
तुम्हें देखकर मैं खुद को भूल जाता हूँ,
तन्हाई में अक्सर ग़ज़ल गुनगुनाता हूँ,
इश्क़ हो गया है या कोई और बला है,
बेवजह यूँ हर घड़ी अब मुस्कुराता हूँ।
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने,
क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल,
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही,
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल।
खोए हुए आंसुओं से मोहब्बत मुझे भी है,
तेरी तरह ज़िन्दगी से शिकायत मुझे भी है,
तू अगर नाज़ुक है तो पत्थर मैं भी नहीं,
तन्हाई में रोने की आदत मुझे भी है।
अपनी बेबसी पर आज रोना आया,
दूसरों को क्या मैंने तो अपनों को भी आजमाया,
हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की मैंने,
लेकिन खुद को हर मोड़ पर हमेशा अकेला पाया।
Tanhai Shayari With Images
जहां याद न आये तेरी वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने वो खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंजिल तक जाना है हमें,
लेकिन जहां से अपने न दिखें वो ऊंचाई किस काम की।
कभी दीवाना तो कभी आशिक बन जायेगें,
तेरा साथ मर कर भी हम निभायेंगे,
यकीं न आए तो तन्हाई में याद करना,
हंसी बन कर तुम्हारी होंठो पे खिल जायेगें।
पता नही क्यो वो छाए हुए हे मेरी तन्हाई के दौर में,
पता नही क्यो वो छाए हुए हे मेरी तन्हाई के दौर में,
जब भी तन्हा होता हूं साथ मेरे वो आ जाते हे याद बनकर।
न जाने कौन सी बात है उस जाने पहचाने से अजनबी मे,
मेरे लाख न चाहते हुए भी मेरी तन्हाई मे भी
मेरे मुस्कुराने की बजह बन जाती है।
लगता हैं इन हवाओं में रुसवाई मिल गयी हैं,
तन्हाई मेरी किस्मत में लिख दी गयी हैं,
पहले यकीन हुआ करता था,
अब दिल को तस्सली देनी पड़ती हैं कि तुम मेरे हो।
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