Dhokha Shayari - धोखा शायरी - Dhokha Hindi Shayari Image

Dhokha Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है धोखा शायरी। दोस्तो अगर प्यार में कभी धोखा मिल जाए तो बड़ा ही दुःख होता है दिल के टुकड़े हो जाते है। इस पोस्ट मेे आपको dhokha shayari image है जो आपको अच्छा लगेगा। हम उम्मीद करते है कि shayari on dhokha आपको अच्छा लगेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

रात तकती रही आँखो में दिल आरजू करता रहा,

कोई बे-सबर रोता रहा कोई बे-खबर सोता रहा।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू,

हम किससे करें बात कोई बोलता ही नही।


रात तकती रही आँखो में दिल आरजू करता रहा,

कोई बे-सबर रोता रहा कोई बे-खबर सोता रहा


सहमी हुई है झोंपड़ी बारिश की खौफ से,

महलों की आरज़ू है कि बरसात तेज़ हो।


आरज़ू थी तुम्हारी तलब बनने की,

मलाल ये हैं के तुम्हारी लत लग गई।


Pyar Me Dhokha Shayari


हम क्या करें अगर न तेरी आरज़ू करें,

दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

ग़म-ए-आरज़ू का हसरत सबब और क्या बताऊँ,

मिरी हिम्मतों की पस्ती मिरे शौक़ की बुलंदी।


जी लेने दे तेरे एहसासों में कि ज़िन्दगी मेरी तू है,

इंतज़ार मेरा मुक़्क़द्दर ही सही आरजू मेरी तू है।


आरजू झूठ है कहानी है आरजू का फरेब खाना नहीं,

 खुश जो रहना है जिंदगी मे तुम्हें दिल किसी से कभी लगाना नही।


आरजू झूठ है कहानी है आरजू का फरेब खाना नहीं,

खुश जो रहना है जिंदगी मे तुम्हें दिल किसी से कभी लगाना नहीं।


Dhokha Hindi Shayari


जी भर के देखा कोई बात न कि,

बस आरज़ू थी मुलाक़ात की।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

बांध लु तुम्हे ये तमन्ना नहीं मगर ,

बंध जाऊ तुमसे ये आरजू जरूर है।


साँस रुक जाये भले ही तेरा इंतज़ार करते करते,   

तेरे दिदार की आरज़ू हरगिज़ कम ना होगी।


उम्र दराज मांग कर लाए थे चार दिन,

दो आरज़ू में कट गए दो इंतज़ार में।


मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद,

उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई।


Dhokha Shayari In Hindi


आरजू तो आज तक तुम ही हो,

तब मोहब्बत थी अब तजुर्बा।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

दिल की आरज़ू थी दर्द दर्द-ए-बे-दवा पाया,

क्या सवाल था मेरा और क्या जवाब उन का।


तुझ से सौ बार मिल चुके लेकिन,

तुझ से मिलने की आरज़ू है वही।


न किसी की आरजू न किसी की फरियाद करेगें,

जिनको होगी हमसे मुहब्बत वो खुद हमें याद करेंगे।


आरजु थी तेरी माेहब्बत पाने की,

पागल तूने ताे नफरत के काबिल भी नहीं समझा।


Shayari On Dhokha


इश्क़-ए-आरज़ू तुम्हें भी है हमसे,

इज़हार तुम करो तो इशारा हम भी करें।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

एक आर्जी सी मोहब्बत के लिए मैं अपने पापा को छोड़ दूं,

वो मुझे बेवफा कहता है तो क्या मैं जन्नत छोड़ दूं।


हज़ार दर्द शब-ए-आरज़ू की राह में है,

कोई ठिकाना बताओ कि क़ाफ़िला उतरे।


आरजू होनी चाहिए किसी की याद करने को,

लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं।


है आरजू की एक रात तुम आओ ख्वाबो में, 

बस दुआ है उस रात की कभी सुबह न हो।


Dhokha Shayari Image


मै इत्र से महकूं ये आरज़ू नहीं है,

तमन्ना है की मेरे किरदार से खुशबू आए।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

खामोश सी शाम हैं और गुफतगू की आरजू,

हम किससे करे बाते की कोई बोलता नहीं।


तुम्हारी याद में जीने की आरजू है अभी,

कुछ अपना हाल सभालू अगर इजाजत हो I


कितनी क़ातिल है ये आरजू जिंदगी की,

मर जाते हैं किसी पर लोग जीने के लिए।


इश्क़-ए-आरज़ू तुम्हें भी है हमसे,

इशारा तुम करो तो इज़हार हम भी करें।


Dhokha Shayari


क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है,

ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

ज़रा शिद्दत से चाहों तभी होगी आरज़ू पूरी,

हम वो नहीं जो तुम्हे ख़ैरात में मिल जाये।


मयस्सर हो बस इतना आरज़ू-ए-इश्क़ सलामत रहे,

मुलाकात हो ना हो परवाह नहीं लफ़्ज़ों में इकरार सलामत रहे।


मुझे अच्छा सा लगता है तेरी आरजू करना,

खुद अपनी दिल से तेरी आरज़ू करना।


मुझे तमाम जमाने की आरजू क्यों हो,

बहुत है मेरे लिये एक आरजू तेरी।


धोखा शायरी


बड़ी आरज़ू थी हम को नए ख़्वाब देखने की,

सो अब अपनी ज़िंदगी में नए ख़्वाब भर रहे हैं।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

साँस रूक जाये भला ही तेरा इन्तज़ार करते-करते,

तेरे दीदार की आरज़ू हरगिज कम ना होगी।


जिंदगी का हर लम्हा आरजू का दुश्मन है,

हादसों की ख्वाहिश में हादसे नही होते।


न किसी की आरजू न किसी की फरियाद करेगें,

जिनको होगी हमसे मुहब्बत वो खुद हमें याद करेंगे।


ये जिंदगी तेरे साथ हो ये आरज़ू दिन रात हो,

मै तेरे संग संग चलूं तू हर सफर में मेरे साथ हो।


किसको ख्वाहिश है ख्वाब बनके पलकों पे सजने की, 

हम तो आरजू बनके तेरे दिल में बसना चाहते हैं।


Pyar Me Dhokha Shayari


जी लेने दे तेरे एहसासों में, कि ज़िन्दगी मेरी तू है,

इंतज़ार मेरा मुक़्क़द्दर ही सही आरजू मेरी तू है।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

तेरी आरजू तो है मगर कोई उम्मीद भी नहीं,

तुम्हें पाने कि ख्वाहिश तो है मगर कोई जिद्द भी नहीं।


कितनी कातिल है ये आरजु जिंदगी की,

मर जाते हैं किसी पर लोग जिने के लिए।


ना जी भर के देखा ना कुछ बात की,

बड़ी आरजू थी मुलाकात की।


तुम्हारी याद में ही जीने की आरज़ू है मगर,

कुछ अपना भी हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो।


Dhokha Hindi Shayari


न खुशी की तलाश है न गम-ए-निजात की आरजू,

मैं खुद से भी नाराज़ हूँ तेरी नाराजगी के बाद।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

रफ़्ता-रफ़्ता बुझ गया चिराग़-ए-आरजू,

पहले दिल ख़ामोश था अब ख़्वाहिशें ख़ामोश हैं।


जो लमहे तक़दीर में लिखे नही होते,

उन  की आरज़ू को ही इश्क़ कहते हैं।


आरजू बचपन से ही चाँद देखने की थी,

फिर कुछ यूं हुआ की हम आप से टकरा गये।


Dhokha Shayari In Hindi


ये आरज़ू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम,

विसाल-ए-यार फ़क़त आरज़ू की बात नहीं।


Dhokha Shayari - धोखा शायरी

ख़त्म हो भी तो कैसे ये मंजिलो की आरजू,

ये रास्ते है के रुकते नहीं और इक हम के झुकते नही।


ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही,

बस टूट कर बिखरने की आरज़ू नहीं रही।


ख़ुद को पाने की तलब में आरज़ू उस की भी थी,

मैं जो मिल जाता तो उस में आबरू उस की भी थी।


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