Ek Tarfa Pyar Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल एकतरफा प्यार शायरी। आप सभी ने कभी ना कभी किसी ना किसी से प्यार किया होगा। लेकिन ये जरूरी तो नहीं कि जिससे हम प्यार करे वो भी हमसे प्यार करे तो ऐसे में प्यार एकतरफा हो जाता है।
हम उम्मीद करते है कि इस पोस्ट की Ek Tarfa Pyar Ki Shayari आपको अच्छी लगेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
जुबाँ उनके इशारो की गुलाम थी साहब,
इश्क हमने अपनी बेचैनी से कर लिया।
मेरी मोहब्बत भी रेत की तरहाँ थी,
हाथो मे हो के भी फिसलती नजर आती है।
जरा सी बदमाश जरा सी नादान है तू,
लेकिन ये भी सच है की मेरी जान है तू।
इश्क नही किया तो करके देखना,
ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।
चंद लम्हो ने खरीद ली है मेरी पुरी उम्र ,
उनके ख्वालो से बचने का हुनर मुझँ मे नहीं था।
Ek Tarfa Pyar Sad Shayari
एक लिहाज है मेरे दिल की सदा,हम उम्र मेरे जजबात,
बस अहसास ही नाजूक है मेरे मन के दिवारो के।
मैं जितना ख़ामोश मिलूं,
दर्द उतना ही समझ लेना।
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही ख़ून में,
ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सज़ा है।
बहुत ख़ूबसूरत है ना ये वहम भी,
के तुम जहाँ भी हो सिर्फ़ मेरे हो।
दर्द हो तो दवा भी मुमकिन है,
वहम की क्या दवा करे कोई।
Ek Tarfa Pyar Ki Shayari In Hindi
कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है,
दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़ वही काफ़ी है।
मैं ने उन सब चिड़ियों के पर काट दिए,
जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था।
खुद को पढ़ता हूँ फिर छोड़ देता हूँ,
एक पन्ना जिंदगी का रोज मैं मोड़ देता हूँ।
कितना खूबसूरत है आपसे मेरा रिश्ता,
न आपने कभी बांधा न हमने कभी छोड़ा।
जब दिल की जेबों में कुछ नहीं होता,
याद करना बहुत ही अच्छा लगता है।
Ek Tarfa Pyar Ki Shayari
अल्फ़ाज़ गिरा देते है जज्बात की कीमत,
हर बात को अल्फ़ाज़ में तौला ना करो।
आज देखा है तुझ को बहुत दिन के बाद ,
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं।
कपड़े से तो परदा होता है साहब,
हिफाज़त तो निगाहों से होती है।
तरस गई है निगाहे उनके दिदार ए रुखसार को,
और वो है कि ख्वाबो में भी नकाब में आते है।
हौले हौले समय पी लेगा उम्र सारी,
सफर तो यह बस दो घूँट प्यास जितना है।
Ek Tarfa Pyar Shayari In Hindi
उम्र गुज़र जाती है इन्हें समझने में,
खुशी और ग़म दोनो हमशक्ल जो होते है।
लम्हा था अकेले तड़प’कर गुज़र गया,
अब तुम क्या तुम्हारा इंतज़ार क्या।
मौसम तुम्हारे साथ का जाने किधर गया,
तुम आए और बौर न आया दरख़्त पर।
सुकून हुआ करता था जो शख्स कभी,
आज याद में उसकी सुकून खो दिया है।
न जाने तू सच है या झूठ का पुलिंदा,
तेरे इश्क पर ही है, मेरी हर उम्मीद ज़िंदा।
Ek Tarfa Pyar Shayari
ये झूठ है की मुहब्बत किसी का दिल तोड़ती है,
लोग खुद ही टूट जाते है मुहब्बत करते करते।
जो देखता हूँ वही बोलने का आदी हूँ,
मैं अपने शहर का सब से बड़ा फ़सादी हूँ।
नही पता था ये मुलाक़ात आखरी होगी,
वरना टालते रहते इसे हम,
तुम्हारे इश्क़ न करने के बहाने की तरह।
अजीब ख्वाइशें लिए बैठे हैं लोग,
घर छोड़ आए हैं, घर बनाने को।
दो हिस्सों में बट गए है अरमान मेरे,
कुछ तुझे पाने निकले,कुछ मुझे समझाने।
एकतरफा प्यार शायरी
जिस गली में तेरा घर न हो बलमा,
उस गली से गुजरना गवारा नहीं।
ख़ामोशी समझता था जो शख्स मेरी,
आज उसे मेरे अल्फ़ाज़ समझ नही आते।
पहले हमें देखने के लिए तरसते थे,
अब हैं देखकर मुकर जाते।
मैं इंतज़ार में हूँ,
तुम्हे खबर है ना।
इस सावन में सबसे पहले ये काम करूँ,
कागज कलम लेके ये दिल तेरे नाम करूँ।
Ek Tarfa Pyar Sad Shayari
आपकी चाहत हम नहीं तो कोई बात नहीं,
खुदा करे तू जिसे चाहे वो मिल जाए तुझे।
जुबां पर कुछ और दिल में एक कसक सी है,
खुदा का शुक्र है कि आँखे खुली तो है।
सरहदें पार करो मुलाकात कर लो,
दिल की दुनिया है कोई कश्मीर नहीं है।
दिल बड़ा मगर फकीर हूँ,
सोच लेना नही अमीर हूँ।
समस्या ये है कि तुम उसे कैद करना चाहते हो,
और वो उड़ना चाहती है तितली की तरह।
Ek Tarfa Pyar Ki Shayari In Hindi
चले जाओगे एक दिन अपनी यादों के साथ,
इस ख्याल में कुछ और सोचा ही नही गया।
ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है,
जहाँ था कल तक मै वहाँ आज कोई और है।
अब चाहत बस इतनी है,
की हम जो लिखें वो किसीको महसूस न हो।
नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी न सही,
ये खिड़की खोलो ज़रा सुब्ह की हवा ही लगे।
हमने हाथों की लकीरों को ही खुरच डाला,
किसी फ़कीर ने कहा था के तेरा महबूब बेवफा होगा।
Ek Tarfa Pyar Ki Shayari
मैं अपनी हस्ती से आज़ाद हो गया हूं,
किसी बेवफा को जरूरत हो तो वो मुझसे खेल सकती है।
तुम मेरे दिल की वो धड़कन हो,
जो मेरी मौत से पहले मुझसे जुदा नहीं होगी।
नज़रें झुका लेने से भला सादगी का क्या ताल्लुक़,
शराफ़त तब झलकती है जब नियत में पर्दा हो।
किस्मत में लिखा था आशना दर्द से होना,
तू ना मिलता तो किसी और से बिछड़े होते।
अब तो मोहब्बत भी हो गयी,
अब कौन सा गुनाह बचा है मुझसे।
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