Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी - Tareef Shayari In Hindi

Tareef Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है तारीफ़ शायरी। दोस्तो अगर आपका भी कोई अपना है जिससे आप प्यार करते हो और चाहते हो तो आपको उसकी तारीफ जरूर करनी चाहिए। अगर आप भी तारीफ करना चाहते है तो इस पोस्ट की tareef shayari in hindi आपको जरूर अच्छी लगेगी।

जिसे लिखते हुए मुझे तकलीफ़ बहुत होती है, 

मेरे उस शेर की तारीफ़ बहुत होती है।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

ज़माने भर की बुराईयाँ ज़माने भर के डर एक तरफ़,

तेरे हाथ में मेरा हाथ।और फिर ये कायनात एक तरफ़।


निगाह हर तरफ़ ढूँढने लगी हैं,

तुम कहाँ छुप गये हो धड़कन पूछने लगी है।


तारीफ करने वाले बेसक आपको पहचानते होंगे,

लेकिन फिक्र करने वाले को आपको ही पहचानना होगा। 


Tareef Shayari in two lines


दिल करता है पलट जाऊँ आसमान की तरफ,

ज़मीन वालों का मिज़ाज नहीं मिलता मुझसे।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

आखिर कब तक करूँ एक तरफा प्यार,

बात भी होती है उनसे रोज और कर भी ना पाता इज़हार।


जरा सा शुक्रिया तो करने दो इन नाजुक होंठों का,

सुना हैं बहुत तारीफ करते हैं हमेशा मेरे बारे में।


किसी ओर की तारीफ क्या करना,

जब मेरी मुहब्ब्त ही लाजवाब है।


Khubsurti Ki Tareef Shayari


तारीफ अपने आप की करना फिजूल है,

खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

ख्वाहिश ये ना रखें कि तारीफ हर कोई करे,

कोशिश यही करे कि बस कोई बुरा ना कहे।


रात भर करता रहा तेरी तारीफ चाँद से,

चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया।


हमेशा अपनी तारीफ किया करो,

क्योंकि बुराई करने के लिए तो बहुत लोग है।


Tareef Shayari For Beautiful Girl


तेरे बाद फिर कभी चमन की तरफ जाना नहीं हुआ,

फिर कभी हमने कोई फूल खिलता हुआ नहीं देखा।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

तारीफ अपने आप की करना फिजूल है,

खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है।


जिसे लिखते हुए मुझे तकलीफ़ बहुत होती है, 

मेरे उस शेर की, तारीफ़ बहुत होती है।


तुझको चाहा तो मोहब्बत की समझ आयी मुझे,

वरना इस लफ्ज़ की तारीफ सुना करते थे।


Khubsurti Ki Tareef Shayari In Hindi


मैंने करवट बदल के देखा है,

याद तो तुम उस तरफ भी आते हो।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

शिकायत क्या करूँ दोनों तरफ ग़म का फसाना है,

मेरे आगे मोहब्बत है तेरे आगे ज़माना।


न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से, 

मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है।


ताल्लुक खत्म हुआ है सिर्फ,

मोहब्बत तोह आज भी ज़िन्दा है दोनों तरफ।


Tareef Shayari In Hindi


उसने कहा चार लफ़्ज़ों में मेरी तारीफ़ करो,

मेने लिखा फेशियल फाउंडेशन क्रीम और मस्कारा।


एक तुम्हारी बाली और एक वो गर्दन पर बाईं तरफ़ का तिल,

बेमिसाल जोड़ी है जैसे हम और तुम।


एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ,

पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये।


गलतियां भी होगी और गलत भी समझा जाएगा 

यह ज़िन्दगी हैं जनाब यहां तारीफें भी होगी और कोसा भी जाएगा।


Tareef Shayari


तुमने तारीफ़ ही इस अंदाज से की मेरी,

की अपनी ही तस्वीर को हम सौ बार देख चुके है।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

वो सजती है सिर्फ तुम्हारे लिए उसकी तारीफ किया करो,

काजल अगर थोड़ा ऊपर नीचे हो उसे भी खूबसूरत कहा करो।


काबिल ए तारीफ है आपका हर अल्फ़ाज़,

इन अल्फाजों से आपकी मोहब्बत जो झलकती है।


बहुत तारीफ करता था मैं उसकी बिंदी की,

लफ्ज़ कम पड़ गए जब उसने झुमके पहने।


तारीफ़ शायरी


हम दोनो की मोहब्बत में महज़ इतना ही फ़र्क है,

एक तरफ़ था और दूसरी तरफ़ आज भी है।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

मेरी तारीफ़ करे या मुझे बदनाम करे,

जिसने जो बात करनी है सर ए आम करे।


मोहब्बत की तारीफ में बस इतना ही कहेंगे,

बेमिसाल सज़ा है किसी बेगुनाह के लिए।


अरसे बीत गए तुम्हारी तारीफ लिखते लिखते,

दो लफ्ज़ तुम भी कभी मेरे सब्र पर ही लिख दीजिए।


Tareef Shayari in two lines


मेरी चाहतों की शाम उस दिन हसीन हो जाये,

मैं उन्हे मांगूं और हर तरफ अमीन-अमीन हो जाये।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

तिशनगी में भी पलट आया हूँ सहरा की तरफ

मुझसे इस प्यास में दरिया नहीं देखा जाता।


मे अपनी तारीफ खुद किया करता हुं,

क्योंकि मेरी बुराई करने के लिए तो पूरा जमाना।


तैयार बैठा है जिन को आसानी से दीदार मयस्सर है तेरा,

वो कहाँ बाग़ में फूलों की तरफ़ देखते हैं।


Khubsurti Ki Tareef Shayari


क्या लिखूँ तेरी सूरत-ए -तारीफ मे, मेरे हमदम,

अल्फाज खत्म हो गये है, तेरी अदाएँ देख-देख के।


Tareef Shayari - तारीफ़ शायरी

तेरी आदत इस तरह लगी है,

तारीफ किसी की भी करू,

खयाल तेरा ही आता है।


वो सजती है सिर्फ तुम्हारे लिए उसकी तारीफ़ किया करो,

काजल अगर थोड़ा ऊपर नीचे हो उसे भी खूबसूरत कहा करो।


हमारी हजार शायरियों के बीच तुम्हारी,

एक छोटी सी तारीफ ही इश्क है।


किसी ओर की तारीफ क्या करना,

जब मेरी मुहब्ब्त ही लाजवाब है।