Ishq Shayari In Hindi: नमस्कार दोस्तो,हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है इश्क़ शायरी हिंदी में। हम उम्मीद करते है कि इस पोस्ट की ishq ki shayari in hindi आपको पसंद आयेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
उसको फुर्सत नहीं मिलती के पलट कर देखे,
हम ही दीवाने हैं दीवाने बने रहते हैं।
मैंने जब भी रब से शिफारीश कि है,
तेरे चेहरे पर हसीं कि गुजारिश कि है।
मैं सर्फ़ तुम्हारा तुम्हारा तुम्हारा ही रहूँगा,
इश्क़ हमारा हमारा हमारा हमेशा रहेगा।
कभी-कभी जब बहुत याद आते हो,
मैं ख़ुद को भूल के तुम हो जाता हूँ।
ना चाहतों का ना ही ये दौलतों का रिश्ता है,
ये तेरा मेरा तो बस रूह का रिश्ता है।
Ishq Wali Shayari In Hindi
बदले हैं मिज़ाज़ उनके,
वो बात तो करते हैं, मगर वो बात नहीं।
दूर होना किस्मत में था,
अलग होना चाहत थी तुम्हारी।
तुम्हारे दिल की दीवारें ख़ाली है,
मुझे वहाँ अपनी तस्वीर लगानी है।
जब भी हम खुद को हम लिखते हैं,
आपको भी अपने संग लिखते हैं।
मुझसे झूठ की तू कोई उम्मीद न करना,
तेरे शहर का अखबार नहीं आईना हूँ मैं तेरा।
हर शक्स नहीं होता हर शख्स के काबिल,
हर शक्स को अपने लिए मांगा नहीं करते।
ये जिन्दगी तो तेरी यादों की अमानत है सनम,
हम तो सिर्फ साँसों की रस्म अदा कर रहें हैं।
जिसके हिस्से में रात आई है,
यकीनन उसके हिस्से में चांद भी होगा।
तैरना है तो समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं,
प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा है।
इंतज़ार ए मुहब्बत में थक न जाना,
हम मांगते रहेंगे तुम्हें, दुआ कबूल होने तक।
शब्दों के इत्तेफाक़ में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा बस मुस्कुरा के देख।
उस को कहो के प्यार से आ कर माथा चूमे मेरा,
डॉक्टर ने कहा है, जभी हालत में कुछ सुधार होगा।
नसीब वालों को ही मिलती है मोहब्बत खैर,
हमारे तो बचपन से ही कर्म फूटे है।
उस को कहो के प्यार से आ कर माथा चूमे मेरा,
डॉक्टर ने कहा है तभी हालत में कुछ सुधार होगा।
सिलसिला आज भी वही जारी है,
तेरी याद मेरी नींद पर भारी है।
इश्क़ विश्क करने की हमें फुर्सत कहाँ,
हम तो शायरियों में ही इश्क़ जीते हैं।
वाह रे नसीब तूने भी क्या खेल खेला है
मुहब्बत बाँटने वाला भी आज अकेला है.
जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला,
मैं हारा भी तो अपनों से ही।
ज़िन्दगी को इतना सस्ता भी मत बनाओ दोस्तों,
कि दो कौड़ी के लोग खेल कर चले जाये।
इश्क वो खेल नहीं जो छोटे दिल वाले खेलें,
रूह तक काँप जाती है सदमे सहते-सहते।
सुनो तुम क्यों नही पढ़ते शायरी मेरी,
क्या तुम्हें मोहब्बत होने का खतरा है।
फिर से हो रही थी मोहब्बत उन्हें मुझसे,
ना खुलती आँख तो,बस वो मेरे हो ही चुके थे।
कोई चुप रहता है कितना बोल कर भी,
कोई चुप रह कर भी कितना बोलता है।
मेरा हाथ छोड़ कर,
वो किसी और के पैरों में जा गिरी।
लोग शाम होते ही पास आ बैठते है मेरे,
उनको इश्क़ भुलाने का हुनर सिखाता हु मैं।
खुद से ज्यादा किसी और का हो जाना,
ना अब हमें ये किस्सा फिर नहीं दोहराना।
बस नाम लिखने की इजाज़त नहीं मिली,
बाकी हम सब कुछ तुम पर ही लिखते हैं।
मैं लड़का छोटे गांव का तुम बड़े शहर की क्वीन प्रिये,
तुम सुनती गाने शकीरा के मै शिव तांडव में लीन प्रिये।
खिंचती है मुझे कोई क़शिश उसकी तरफ़,
वरना मैं बहुत बार मिला हूँ आख़री बार उससे।
ख़ाक डालो इन गोरी लड़कियों पे,
चलो किसी सांवली पे मरते हैं।
सुनो तुम जो ये सुबह सुबह,
उठते ही मुझे याद करते हो ना ये भी इश्क़ है।
बना के छोड़ दिया है तुमने अपनी यादों का आदी,
क्या तुम हसीन लोग इस तरह से ही मोहब्बत का सिला देते हो।
आज मौसम का गुरूर तो देखो मुर्शिद,
जैसे मेरे महबूब का दीदार कर आया हो।
मेरे अल्फ़ाज़ ही तों हैं जो मेरा किरदार बताते है,
किसी के दिल को छू लेंते हैं और किसी के दिल को लग जाते है।
माना कि जानलेवा है तेरे इंतज़ार के लम्हें,
मगर हम भी कमाल का सब्र रखते हैं।
कोई चेहरे का दीवाना किसी को हुस्न की तलब,
अदाएं पीछा करवाती है मोहब्बत कौन करता है।
आगोश में वो आए तो साँसें थम गईं,
एक चाँद बहक गया एक रात मचल गई।
बड़ी अजीब और बड़ी बगबगी लगती है,
जबसे चूमे हैं उसके लब शकर फीकी लगती है।
हमने बदल लिया है अपना अंदाज़ ए मोहब्बत,
याद तो हर पल करते हैं पर तंग नहीं।
मुर्शिद हर एक रात में महताब देखने के लिए,
हम तो सोते हैं तेरे ख़्वाब देखने के लिए।
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