Love Shayari Photo Download: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटिल फोटो शायरी इमेज है।
हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
अश्कों से भीगे पन्ने पर यूँ लफ्ज़ सिमटते गए,
दर्द से बेहाल कलम और ज़ज़्बात पिघलते गए।
ज़िक्र बेवफाओँ का था रात सर-ए-महफ़िल मे,
झुका मेरा भी सिर जब मेरे यार का नाम आया।
कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती,
दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है।
कौन कहता है तेरे छोड़ जाने के बाद घर गया था,
मै बल्कि तेरे जाते ही मर गया था मैं।
मंजिल मिलेगी भटक कर है सही,
गुमराह वो है जो घर से निकलें है नहीं।
मेरी और इश्क़ की कभी बनी ही नहीं,
क्यूंकि उसे गुलामी चाहिए और मुझे आज़ादी।
अगर हो तेरी इजाजत तो मांग ले खुदा से तुमको,
सुना है दिल से मांगी गई दुआ कभी बेकार नही जाती।
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को।
जिंदगी जैसे जलानी थी वैसे जला दी हमने गालिब,
अब धुएँ पर बहस कैसी और राख पर ऐतराज कैसा।
फिर किसी मोड पर मिल जाउँ हमदम तो मुंह फेर लेना,
पुराना ईश्क है साहब फिर उभरा तो कयामत होगी।
लोग बेवजह ढूँढते हैँ खुदखुशी के तरीके हजार,
इश्क करके क्यों नहीँ देख लेते वो एक बार।
इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना,
कलम ही लिखती तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता।
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था।
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ऐ नादान दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर।
आँख का आँसूं तो हर कोई बन जाता है यहाँ,
हम तो बस मुस्कराहट बनने की आरजू रखते है।
मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते है जिसे खुद पर गुरुर होता है।
हमारा और उनका प्यार तो देखो यारो,
कलम से नशा हम करते हैं और मदहोश वो हों जाते हैं।
उन से कह दो के नजर अंदाज न करें अगर,
हमने अंदाज बदल दिया तो तुम्हारी नजर झुक जाएगी।
टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की आदत उस दिन,
जब पता चलेगा याद करने वाला याद बन कर रह गया।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है।
दुआएँ जमा करने में लग जाओ साहब,
खबर पक्की है दौलत और शोहरत साथ नहीं जायेंगे।
वक़्त तो अब लफ़्ज़ों में दिया जाता है,
रूबरू तो महज दिखावा किया जाता है।
सुना है तुम तक़दीर देखने का हुनर रखते हो,
मेरा हाथ देखकर बताना की पहले तुम आओगे या मौत।
वो पूछ रहे है बार बार कि हमें हुआ क्या है,
अब कैसे बताए उन्हे कि तुमसे से प्यार हुआ है।
Love Shayari Photo Download
इजाज़त हो तो तेरे चहेरे को देख लूँ जी भर के,
मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा।
तेरा ख्याल भी क्या गज़ब है ज़रा कम आये तो आफत,
ज़रा सी ज़्यादा आए तो कयामत।
हर रोज़ खा जाते थे वो कसम मेरे नाम की,
आज पता चला की जिंदगी धीरे धीरे ख़त्म क्यूँ हो रही है।
सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबे मुझे,
करीब से कुछ चेहरे पढे और न जाने कितने सबक सीख लिए।
हर रात जान बूझकर रखता हूँ दरवाज़ा खुला,
शायद कोई लुटेरा मेरा गम भी लूट ले।
भरे बाज़ार में यूँ ही हम खाली हाथ लौट आये,
सुना था उसके शहर में शराफ़त के सिक्के नहीं चलते।
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
मत कर हंगामा पीकर हमारी गली में,
हम तो खुद बदनाम है तेरी मोहब्बत के नशे में।
ऐ जिन्दगी देख तुझे हम बता रहे हैं,
आखों मैं समुन्दर् रोक कर भी हम मुस्कुरा रहे हैं।
कभी न कभी वो मेरे बारे में सोंचेगी ज़रूर,
के हासिल होने की उम्मीद भी नही थी फिर भी वफ़ा करता था।
एक चाहत होती है जनाब अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है।
कभी तुम्हारी याद आती है कभी तुम्हारे ख्वाब आते है,
मुझे सताने के सलीके तो तुम्हे बेहिसाब आते है।
कुछ लोग कहते हैं कि बदल गये है हम,
उनको ये नही पता कि अब सभंल गये है हम।
चुप रहना ही बेहतर है जमाने के हिसाब से,
धोखा खा जाते है अक्सर ज्यादा बोलने वाले।
ताले लगा दिए दिल को अब उसका अरमान नहीं,
बंद होकर फिर खुल जाए ये कोई दुकान नहीं।
किया है बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है आज़माइशों के बाद।
आज उस ने एक दर्द दिया तो मुझे याद आया,
हमने ही दुआओं में उसके सारे दर्द माँगे थे।
मुझ पर सितम ढहा गए मेरी ही ग़ज़ल के शेर,
पढ़-पढ़ के खो रहे हैं वो गैर के ख्याल में।
मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों,
कि उम्रें बीत जाती हैं सजा पूरी नहीं होती।
ओढ़ कर मिट्टी की चादर हम भी सो जायेंगे,
एक़ दिन आयेगा हम भी दास्ताँ हो जाएंगे।
आँखों में देखी जाती हैं प्यार की गहराईयाँ,
शब्दों में तो छुप जाती हैं बहुत सी तन्हाईयाँ।
चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल उनका,
डर है कहीं कह ना दे के ये हक तुम्हे किसने दिया।
साफ़ दामन का दौर तो कब का खत्म हुआ साहब,
अब तो लोग अपने धब्बों पर गुरूर करने लगे हैं।
अब इतना भी खूब ना लिखा करो यारो,
आप सबके अल्फ़ाज़ों से इश्क़ सा होने लगा है।
अजनबी शहर में किसी ने पीछे से पत्थर फेंका है,
जख्म कह रहा है जरुर इस शहर में कोई अपना मौजूद है।