Two Line Mohabbat Shayari In Hindi Font With Images

Mohabbat Shayari In Hindi: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है मोहब्बत शायरी। हम हमेशा आपके लिए कुछ नया पोस्ट करते रहते है। हम उम्मीद करते है कि आज की shayari on mohabbat in hindi आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

शोर करने वाले अगर खामोश हो जाये तो,

उनकी ख़ामोशी से सुकून नहीं खौफ आता है।


Mohabbat Shayari In Hindi

अगर हो सकें तो सुकून की एक शाम दे मुझे,

ये ज़िन्दगी थोड़ा सा तो आराम दे मुझे।


अपना रवैय्या वही रहा ग़ुर्बतों में भी,

लहज़े में गिरावट मुझे मंजूर ही नहीं।


बे-ज़ार हो चुके हैं बहुत दिल-लगी से हम,

बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी से हम।


जो लोग दिल के करीब होते हैं,

अक्सर उनके शहर बहुत दूर होते हैं।


Shayari On mohabbat in hindi

चेहरे हज़ार देखे हैं मग़र दिल में कोई बसा नहीं, 

सच कहूँ एक तेरे सिवा मुझको कोई नशा नहीं।


Mohabbat Shayari In Hindi

इबादतें ही बनाती हैं पत्थरों को ख़ुदा,

ये तेरा हुस्न मेरे इश्क़ की बदौलत है।


अगर हो सकें तो सुकून की एक शाम दे मुझे,

ये ज़िन्दगी थोड़ा सा तो आराम दे मुझे।

  

पहले भी कई बार गुम हुआ हूं मैं,

मगर इस बार उसने खो दिया है मुझे।


अच्छे लोगों को तो सभी चाहते है,

है कोई तलबगार के बुरे बहुत है हम।


Sachi Mohabbat Shayari In Hindi

इश्क़ भी भला कभी मरता है पूरी तरह,

वो अब भी जिंदा है आधा मुझमें आधा तुझमें।


Mohabbat Shayari In Hindi

चलो ये भी करके देखा जाये,

एक अख़बार खुद का निकाला जाये।


तेरे बिना मैं और, ना मेरा इश्क ही पूरा है,

जैसे राधा बिना मुरलीवाला श्याम अधूरा है।


शायद मिलने पर ख़त्म हो जाए,

दूरियों ने इश्क़ जिंदा रखा है।


हमें लिख कर कहीं महफ़ूज़ कर लीजिए,

तुम्हारी यादाश्त से निकलते जा रहें हैं हम।


Pyar Mohabbat Shayari In Hindi

महफूज़ है महोब्बत तेरी मेरी अल्फाज़ो मॆ,

यूँ ही नहीं हम रोज़ तुझे ल़फ्ज़ो मॆ उतारा करते।


Mohabbat Shayari In Hindi

यूँ तो उनसे करने को बातें थी तमाम,

मगर आँख प्यासी थी तो उन्हें देखते रहे हम।


ना कोई सवाल करना है ना कोई जवाब चाहिए, 

तू सूकून है मेरा मुझे बस तु चाहिए बेहिसाब चाहिए ।


हमदर्दी अब मुझको कीलों की तरह चुभती है,

कोई खामख्वाह मेरा हाल ना पूछा करो।


वो रोया तो बहुत होगा खाली कागज़ देख कर ज़िन्दगी, कैसी बीत रही है उसने पूछा था ख़त मेे।


Two Line Mohabbat Shayari In Hindi


तुम्हे ना पाने में ही झलकती है एहमियत तुम्हारी,

तुम मिल जाती तो शायद इतनी खास ना होती।


Mohabbat Shayari In Hindi

तेरे किरदार में ऐसा क्या है मुर्शिद, 

हम एक उम्र से तलबगार सिर्फ तेरे है।


रूबरू होने की तो छोड़िए गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,

गुरुर ओढ़े हुए कुछ रिश्ते अपनी हैसियत बताने लगे हैं।


दिल से साबित करो की ज़िंदा हो,

सांस लेना कोई सबूत नहीं।


तुम बदले तो हम भी कहा पुराने से रहे,

तुम गए तो हम भी बुलाने से रहे ।


Mohabbat Shayari In Hindi Font

उसको भुला कर मुझको ये मालूम हुआ है,

आदत कैसी भी हो छोड़ी जा सकती है।


Mohabbat Shayari In Hindi

नजर से उतरने की देर होती है,

फिर उस शक्श की हर बात में खराबी नजर आती है।


अपनो से सम्पर्क नियमित रूप से बनाए रखना चाहिए क्योंकि,

अज़नबियों के शोर से ज्यादा अपनों की चुप्पी परेशान करती है।


बहुत हसीन रही थी नजदीकियाँ हमारी,

यकीनन फासले तो जानलेवा होने ही थे।


वो एक सबक था ज़िन्दगी का,

और मुझे लगा मोहब्बत है।


Mohabbat Shayari In Hindi


जब मुहब्बत बेपनाह हो किसी से,

तो हर तीसरा शख्स बुरा लगता है।


Mohabbat Shayari In Hindi

हम ही से रज़िशें हम ही पर बंदिशें,

तुम्हारे तलबग़ार क्या हुए मानो, हम तो गुनाहगार हो गए।


मेरी तलब पे तो आसमाँ भी हैरान है,

कि मैंने चाँद नही उसका दाग माँगा है।


मैं चाँद तोड़ के लाने से तो रहा,

वो ज़िद करेगी तो इक आईना दूँगा।


मेरे अपने करने लगे हैं बगावत आजकल,

गैरों को होने लगी है मोहब्बत मुझसे।


मोहब्बत शायरी

फिर तेरी यादें तेरी बातें और तेरी तलब,

सुकून मेरा तुम्हें क्यूँ रास नहीं आता।


Mohabbat Shayari In Hindi

तुम्हारा मुझे ना मिलना,

तुम्हारे छोड़ कर जाने से लाख बेहतर है।


जहां दिल  लग जाए जनाब,

वहां दिमाग नहीं लगाया करते।


मरहम है तू ताउम्र घाव रहने दे,

दवा है तू मुझे ताउम्र बीमार रहने दे।


जाते जाते उसने ये तो कहा अपना ख्याल रखना,

पर उसकी आंखे कह रही थी अब मेरा ख्याल कोन रखेगा।


Shayari On mohabbat in hindi

हज़ारों मोहब्बतें निछावर होंगी तुझ पर,

मगर हम जैसी शिद्दत ना मिलेगी तुझे।


Mohabbat Shayari In Hindi

वो मेरा नही फिर भी मेरा है,

ये कैसी उम्मीद ने मुझे घेरा है।


तुझे पाना तो बहुत मुश्किल न था,

बस मैंने ही ज़िद कर ली कि पाना नहीं साथ चलना है।


जब ठिकाना ही तुम हो,

तो ख़ुशियाँ दुनियाँ में और कहाँ ढूँढें।


ज़रा सी फैलीं स्याही ज़रा से बिखरे ग़म भी है,

शायरी केवल अल्फ़ाज़ नहीं इसमें छिपे कुछ हम भी है।


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