Shayari Dard Bhari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है शायरी दर्द भरी। दोस्तो हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
सुनो अपनी मोहब्बत में हम तुम्हें इतना मगरूर कर देंगें,
तुम खुद ही चली आओगी तुम्हें इतना मजबूर कर देंगें।
कमबख्त तेरी आँखों की मासूमियत ले डूबी,
वरना इतनी आसानी से दिल।हम भी नहीं हारते।
उसने मेरा हाथ थामा और पूछा मोहब्बत या ज़रूरत,
मैंने उसकी उँगलियों में अपनीं उँगलियाँ फंसाईं और बोला आदत।
हासिल करके तो हर कोई मोहब्बत कर सकता है,
बिना हासिल किए किसी को चाहना कोई हम से पूछे।
चंदो से कई मंदिर मस्जिदें तामीर हो गई,
कच्चा मकान गरीब का पक्का ना हुआ।
नाम हर किसी का चल सकता है,
बस चलाने का दम होना चाहिये।
नशा दौलत का हो या शोहरत का चूर कर देता है,
और नशा अगर तेरे प्यार का हो तो मशहूर कर देता है।
ये भीगी रात ये भीगा बदन ये हुस्न का आलम,
ये सब अंदाज मिलकर दो जहां को लूट जाएंगे।
Shayari Dard Bhari Hindi Me
न झटको जुल्फ से पानी ये मोती फूट जाएंगे,
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा मगर दिल टूट जाएंगे।
लिख दूँ तो लफज़ तुम हो सोच लूँ तो ख्याल तुम हो ,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो।
अपनी ही दुनिया में मदहोश होते हैं,
जब साथ हमारे कुछ अपने दोस्त होते हैं।
वो सजदा ही क्या जिसमे सर उठाने का होश रहे,
इजहारे इश्क का मज़ा तो तब है जब मै ख़ामोश रहूं ओर तूं बेचैन रहे।
सितम पे सितम कर रही है वो मुझ पर,
मुझे शायद अपना समझने लगी है अब।
सियासतों की तरह है मुहब्बतों का मिज़ाज़,
जिसे भी सौंपी हुकूमत उसी ने लूट लिया।
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी,
कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर।
मुमकिन ही नहीं कि दर-दर पर झुक जाऊँ मैं,
मेरा रब भी एक है मेरा सर भी एक है।
सबने मशहूर किया मुझको मोहब्बत है तुमसे,
मुझको अच्छे लगे इल्ज़ाम लगाने वाले।
मेरे अल्फाजो को समझने वाले,
लगता है तेरे ज़ख्म भी गहरे है।
जाने बाला कमियां देखता हैं,
निभाने बाला काबलियत।
हाल क्या कहूं लग गई हैं नजर तुम्हारी,
तुम्हारी थी इसलिए अब तक नही उतारी।
Dard Bhari Shayari Hindi
अजीब शर्त रख दी दिलरुबा ने मिलने की,
सूखे पत्तों पर चल कर आना और आवाज़ भी न हो।
उम्र और ज़िन्दगी में बस फ़र्क इतना है,
जो दोस्तों के बिना बीती वो उम्र और जो दोस्तों के साथ गुज़री वो ज़िन्दगी।
फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है,
वक्त अलविदा कहने का आ गया हैं।
ये खामोश से लम्हें ये गुलाबी ठंड के दिन,
तुम्हें याद करते-करते एक और चाय तुम्हारे बिन।
पानी से रिश्ते कागजी ख्वाहिशें और तैरने का वहम,
उफ़्फ़ ज़िन्दगी एक लहर से ज्यादा शायद कुछ भी नहीं।
तुम आऐ तो मेरे इश्क में अब बरकत होने लगी है,
चुपचाप रहता था दिल मेरा अब हरकत होने लगी है।
फ़कीरी ये कि तुझसे मिल नहीं सकते,
रईसी ये कि तुझसे इश्क़ करते हैं।
अगर मिलती मुझको दो दिन की बादशाही साहेब,
तो मेरी सियासत में तेरी तस्वीर के सिक्के चलते।
तलब इतनी कि तुम्हे बाहों में भर लूँ,
पर मजबूरी यह कि तुम दूर बहुत हो।
कोई मिल जाए तुम जैसा यह तो बहुत मुश्किल है,
पर तुम ढूँढ लो हम जैसा मुमकिन ये भी नहीं।
बहाने हजार मिल जायेंगे मुझसे दूर जाने के,
पर ये याद रखना मोहब्बत के हर कदम पर याद मेरी ही आयेगी।
ज़मीर बेच कर अमीर हो जाना,
इससे बेहतर है फकीर हो जाना।
जज़्बात लिखे तो मालूम हुआ,
पढ़े लिखे लोग भी पढ़ना नहीं जानते।
तोड़ दिए मैंने घर के आईने सभी,
प्यार में हारे हुए लोग मुझसे देखे नहीं जाते।
हमारे दिल की मत पूछो साहब बड़ी मुश्किल में रहता है,
हमारी जान का दुश्मन हमारे दिल मे रहता है।
कहने लगे वो कि तुम बदतमीज़ हो,
हमने कहा हुज़ूर निहायती भी बोलिए।
Shayari Dard Bhari Hindi Me
बिना गलती के मिली हुई सजा,
मौत से भी बदत्तर लगती है।
कितनी मोहब्बत है तुमसे कोई सफाई नहीं देंगे,
साये की तरह रहेंगे तेरे साथ पर दिखाई नहीं देंगे।
रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी।
उसको गले लगा कर जो बढ़ जाती थी धड़कने,
मुस्कुरा कर वो कहती थी डरपोक बहुत हों तुम।