Love Shayari For Boyfriend: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल प्यार शायरी gf bf के लिए है। हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
तुम सिर्फ़ लुत्फ़ उठाओ इन किस्सों के,
मत पूछो दर्द किसका है किसके लिए है।
हमें मत सिखा इश्क के कानून अगर हमनें शराफत
छोड़ दी तो तू वकील ढूँढता रह जायेगा।
सिखा दी बेवफ़ाई भी तुम्हें ज़ालिम ज़माने ने,
कि तुम जो सीख लेते हो, हमीं पर आज़माते हो।
मुस्कान आ जाती है होंठों पर तेरे दीदार से,
बताओ क्या नाम रखें तेरा हम प्यार से।
पागलपन की हद से ना गुजरे तो वह प्यार कैसा,
होश में तो रिश्ते निभाए जाते है।
वो मोहब्बत को बड़े तहजीब से जताता है,
नाजुक होठों से पहले वो माथा चुम जाता है।
मसला ये नहीं की इश्क है तुमसे,
सिर्फ तुमसे इश्क है ये मसला है।
हमें तो राह तकने से मतलब है,
मसला तुम्हारा है कि तुम किस गली से आओगे।
तेरी खुशी में ही अपनी खुशी पाता हो,
तुम सिमट जाओ में तुम में बिखर जाता हो।
लाख चाहु की तुझे याद ना करू,
लेकिन इरादे अपनी जगह है और बेबशी अपनी जगह
मुश्किल होता है जवाब देना,
जब खामोश रह कर भी सवाल पूछ लेते है।
रिश्वत का जमाना है साहब,
कुछ ले देकर मेरे हो जाओ।
हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए,
हम समंदर भी गहरे हो गए।
जब कोई अपने ऊपर शक करता है नहीं,
तो जिंदगी जहर लगती है जहर।
बिना तेरे मेरी हर खुशी अधुरी है,
सोच तू मेरे लिये कितना ज़रूरी है।
कुछ खबर नही कि कब मुझे मौत आ जाए,
तुम भी एक जख्म दे दो कहीं तुम रह ना जाओ।
हम अपने आप को खोले तो अर्श तक जाये,
एक तुम हो जो हमे मुखतसर समझते हो।
एक रात वह गया था जहाँ बात रोक कर,
अब तक रुका हुआ हूँ वह रात रोक कर।
रख रखाव जिस कहते है यही है शायद,
यार से यारी अलग गैर से याराना जुदा।
यें तेरी आठन्नी सी दो आखे,
दिल की गुल्लक मे उतर सी गयी है।
हसीन चेहरे पे गम का साया क्यो कर है,
नये मकान मे जाले समझ से बाहर है।
उदास हूं आदतन ही वरना,
किसी को मुझसे गिला नहीं है।
पारसाई ने आज हद कर दी,
आज तेरी तस्वीर भी उठाकर नही देखी।
तू आजकल किस्से बाताता है हाल दिल के,
तू बता ना यार तू किस परेशानी में है।
तुम एक कसम निभाने से डर गए,
हमे तो तुम्हारी कसम दे दे कर लूटा लिया।
Love Shayari For Boyfriend
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में,
कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।
सुबह की सब ख़्वाहिशों को शाम तक टाला है,
ज़िंदगी को हमने कुछ इस तरह संभाला है।
ना चाहते हुए भी आ जाता है लबों पर नाम तेरा,
कभी तेरी तारीफों में तो कभी तेरी शिकायत में।
तेरी मसरूफियत से कोई ऐतराज नहीं मुझको,
बस तुम एहसास दिलाती रहना मैं भी याद हू्ँ तुमको।
ग़ज़ब का है मेरे दिल मे तेरा वजूद,
मैं खुद से दूर और तू हर पल मुझमे मौजूद।
कही बैठा वो मेरा जिक्र कर मुस्कुरा रहा है
ये हिचकी शाम में यूँ ही तो नही आ रही है।
मै इश्क का मुफ्ती तो नही मगर यह फतवा है,
जो बीच राह मे छोड जाये वो क़ाफिर से भी बदतर है।
हम बद्नाम होकर बैठे है महोब्बत में जिनकी,
वो बैठे है फनाह होकर महोब्बत में किसी गैर की।
वो पत्थर कहा मिलता है बताना ऐ दोस्त,
जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते है।
वैसे तो मैं ही काफिर हूं फिर भी तेरे लिए फरियाद करता हूं,
किसी और की बाहों में लिपटा हूं फिर भी तुझे याद करता हूं।
जिस्म का भूखा नहीं हूं मैं सच कहूँ तो,
उसके सिवाय किसी और के साथ मेरा दिल नही लगता।
कोई चकोर हैं जो चांद को निहारता है,
पर चाँदनी को मालूम कहां।
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर,
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है।
अब लिखना तो हम नही चाहते थे,
पर उसे मेरी लिखावट से मुहोब्बत हैं।
सच्चाई जब तक पता न चलें बेहतर है,
वरना दूर तो हम उनसे आज भी नहीं रह पाते।
चांद ख़ामोश सा जा रहा था कहीं,
हमने भी उससे कोई बात नहीं की।
ख़ुद से बढ़कर जब किसी से तुम मोहब्बत करते हो,
इतने सस्ते हो जाते हो तुम कि उन्हें मुफ़्त के लगते हो।
ऊब गया हूं मोहब्बत के फसानों से मैं,
अब तो मैखाना ही सहारा है।
ज़रूरत हो तो याद कर लेना,
हम तुम्हारी तरह नजरअंदाज नहीं करेंगे।
हिफाज़त से चुनों लफ्ज़ों को ये बड़े करामाती हैं,
लफ्ज़ जब घुले दिलों में महक रिश्तों से आती है।
फेरे ले लो या चाहे कह दो कबूल है कबूल है,
अगर दो दिलों में प्यार नहीं तो सब फिजूल है।
इतना भी न करो सवाल हमसे कि,
जवाब को भी तुमसे जलन होने लगे।
तलब करें तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें दे दूँ,
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब माँगते हैं।
जिंदगी में कुछ गहरे जख्म कभी नहीं भरते,
इन्सान बस उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है।
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