Love Shayari For Husband: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है रोमांटिक शायरी फॉर हसबैंड। हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट करते है कि ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
कुछ कहानियाँ मुझ तक ही रहें तो बेहतर है,
ज़माना उन्हें समझने के काबिल नही है अभी।
मसरूफ थे सब अपनी ज़िंदगी की उलझनों में,
ऐ दोस्त ज़रा सी जमीन क्या हिली सबको खुदा याद आ गया।
हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह,
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे।
जो उड गये परिंदे उनका क्या अफसोस करे,
यहां तो पाले हुए भी गैरों की छतों पर उतरते है।
लहू में भीगे तमाम मौसम गवाही देंगे कि तुम खड़े थे.
वफ़ा के रास्ते के हर मुसाफ़िर गवाही देंगे कि तुम खड़े थे।
तुम कहते हो के मैं किसी गुलाब से कम नहीं,
तो क्या मैं ये मान लूं के तुम्हे मेरे कांटों से भी प्यार है।
मुझे अव्वल मत रखो,
लेकिन जहाँ मुझे रखो वहाँ किसी और को ना रखो।
मुझे कहां से आएगा किसी का दिल जीतना,
मैं तो अपना भी हार बैठी हूं तुम पर मेरे महादेव।
सोचती हूं वो सोच रहा होगा मुझे,
फिर सोचती हूं ये क्या सोच रही हूं मैं।
तुम सिर्फ मेरा नाम जानते हो,
उसके पीछे की कहानी नहीं।
Romantic Love Shayari In Hindi For Husband
अगर यकीन न हो तो बिछड़ कर देख लो,
तुम मिलोगे सबसे मगर हमारी ही तलाश में।
जहाँ तक आके तुम वापस गए हो,
वहाँ अब तक कोई पहुंचा नहीं है।
अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशान को,
वो भी अधूरे लगते है तेरे साथ के बिना।
हम एक दूसरे से मोहब्बत के बावजूद,
हम एक दूसरे की तमन्ना न कर सके।
तुमसे उल्फ़त के तक़ाज़े न निभाये जाते,
वरना अपनी भी तमन्ना थी कि चाहे जाते।
मैं अपनी मोहब्बत में बच्चो की तरह हूँ,
जो मेरा हैं बस मेरा है किसी और को क्यो दुँ।
मर्यादा में रहकर भी खूबसूरत दिखा जा सकता है,
ज़रूरी नहीं इसके लिए अपने संस्कार त्यागने पड़े।
ऐसा क्या लिखूँ की तेरे दिल को तस्सली हो जाए,
क्या ये बताना काफी नहीं की मेरी ज़िन्दगी हो तुम।
यूँ तो रातों को नींद नही आती,
पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है।
गुल गई गुलशन गई गई होंठो की लाली,
अब तो मेरा पीछा छोड़ तू हो गई बचो वाली
Hindi Love Shayari For Husband
तेरा इंतज़ार किसी मुकदमे से कम नहीं,
हर बार नई तारीख मिलती हो जैसे।
मेरी हर सोच में तुम हों और,
तुम कहती हो ज्यादा सोचा ना करो।
यू पानी से थामने वाली नहीं है तेरी हिचकियाँ,
इलाज चाहिए तो मेरे दीदार की दुआ कर।
बेवजह थोड़ा सा रूठना भी जरूरी है,
रिश्तों को मजबूत करने के लिए।
दिल रोज सजते है नादान दुल्हन की तरह,
ग़म रोज चले आते हैं बाराती बनकर।
इतनी जल्दी तो सँभलने की तवक़्क़ो न करो,
वक़्त ही कितना हुआ है तमन्नाओं को धुआँ हुए।
दिल धड़कना रुक भी जाए,
मै तब भी तुमसे ही इश्क करूंगा।
पूरी दुकान बिक जाएगी मुंह मांगी कीमत पर,
जिस दिन दर्द ए दिल की दवा बाजार में आएगी।
तेरी आंखो को तुझसे ही छुपकर रोज मै पड़ता हूं,
तू क्या जाने की तुझे ख्वाबों में भी खोने से मै डरता हूं।
तुम्हें जाना था हमसे दूर हमने जाने दिया,
अब इससे बढ़कर और क्या वफ़ा करते।
जिसने कभी न बदलने का वादा किया था,
वो पलक झपकते इन पलकों से दूर चले गए।
ये सर्द हवाएं मेरे दिल को बहका रही है,
आज फिर मुझे ये बारिश तेरा बना रही है।
अगर निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो,
तो कोई भी रिश्ता नाकाम नहीं होता।
तुम बस ख़्वाब देखना उसे हकीकत हम करेंगे,
तुम बस नफ़रत करना मोहब्बत हम करेंगे।
नाम देना जरूरी नहीं हर रिश्तो को,
कुछ रिश्ते बेनाम ही खूबसूरत होते है।
तेरी खूबसूरती को शब्दों में बयां नही कर सकता,
जरूरत तेरी खुद से ज्यादा है मगर जता नही सकता।
इश्क उसी से करो जिसमें खामियाँ बेशुमार हो,
ये खूबियों से भरे चेहरे इतराते बहुत है।
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को,
पता है न तुम दिल में रहते हो खुदा की तरह।
वह ज़माने भर का सबसे मजबूत लड़का,
जब एकांत में जाता हैं तो रो पड़ता हैं।
नफ़रत में इस कदर हद से गुज़र जायेंगे,
तू करीब भी होगी तो बिना देखे गुजर जायेंगे।
Love Shayari For Husband In Hindi
मेरी तन्हाई देखेंगे तो हैरत ही करेंग लोग,
मोहब्बत छोड़ देंगे या मोहब्बत ही करेंगे लोग।
जब होना या ना होना बराबर हो जाए,
तो ना होना ही बेहतर होता है।
हैरत करूँ मलाल करूँ या गिला करूँ,
तुम गैर लग रहे हो बताओ मैं क्या करूँ।
निगाहे बोलती हैं जब जुबा खामोश रहती है,
दिलों की धड़कने ही तब दिलों की बात कहती हैं।
बिस्तर पर लिपटने बाले तो बहुत मिल जायेगें,
मज़ा तो तब है जब कोई भरे बाज़ार में सीने से लगा ले।
Love Shayari For Husband
मुझें बहुत प्यारी है तुम्हारी दी हुई हर निशानी,
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी।
लोगों ने रोज़ ही नया माँगा ख़ुदा से कुछ
एक हम तेरे सवाल से आगे नहीं गए
हम तस्लीम करते हैं हमें 'फुरसत' नहीं मिलती,
मगर जब याद करते हैं ज़माना भूल जाते हैं।
तुम्हारे रोने से बात बिगड़ जाएगी,
तुम रुख़्सत भी होना तो हंसते हुए।
कौन कहता है कि मैं तेरी याद से बेखबर हूं,
मेरी आंखों से पूछ ये रात कैसे गुजरती है।
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