Mohabbat Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है मोहब्बत शायरी। हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।
मुद्दा दुःख बाटने का था,
बात दर्द देकर खत्म हुई।
वो थक गई थी भीड़ मे चलते हुए,
उसकी बदन पर बहुत सी निगाहों का बोझ था।
ज़िन्दगी कभी भी ले सकती है करवट, तू गुमां न कर,
बुलंदियाँ छू हज़ार मगर, उसके लिए कोई गुनाह न कर।
शुकून का एक लम्हा भी हासिल नहीं है मुझे,
मुहब्बत को सुलाता हुं तो नफरत जाग जाती है।
हरगिज़ गलत निगाह से परखा न कर मुझे,
मैं तेरा हो चुका हूँ सोचा न कर मुझे।
मुद्दत हो गयी कोई शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो अन्दर भी वैसा ही मिले।
जाया ना कर अपने अल्फाज हर किसी के लिए,
बस खामोश रहकर देख तुझे समझता कौन है।
जो नहीं है हमारे पास वो ख्वाब है,
पर जो है हमारे पास वो लाजवाब है।
इश्क नाज़ुक मिजाज़ है बेहद,
अक्ल का बोझ नहीं उठा पाता।
मोहब्बत शायरी
मैं वो हूँ जो कहता था कि इश्क में क्या रखा है,
कुछ दिनों से एक हीर ने मुझे राँझा बना रखा है।
सबसे कीमती हो तुम,
मेरी हमसफर हो तुम।
रूह से रूह का मिलन भी क्या खूब है,
जिस्म की हर हसरत में बस महबूब है।
लफ़्जों की इस अदा क़ो मोहब्बत मत समझना हुजूर,
हर इश्क लिखने वाले के मेहबूब नही होते।
सब- कुछ पा लिया जिंदगी में मगर,
वो तेरे मेहंदी वाले हाथ नहीं पा सका।
ऐ मौत माना कि तू मुझे ख़ामोश कर देगी एक दिन,
लेकिन सदियों तक मै लोगों के दिलों में गूंजता रहूंगा।
किसी को अपना बनाना हुनर है,
लेकिन किसी का बन के रहना कमाल की बात है।
सबसे छुप कर एक नाजायज मुहब्बत ही कर लो,
क्या हुआ जो उम्र चालीस पार हूं।
पनाह की चाहत में हम,
मोहब्बत बे-पनाह कर गये।
कुछ इस कदर बे-यार है हम,
अब हर किसी के यार है हम।
शायद इसलिए अब खुल के बरसात नहीं होती,
नई नस्ल के बच्चे अब कहा कश्तिया बनाते हैं।
नजरें मेरी अब कमजोर हो चुकीं हैं,
तुम्हें अब नज़दीक आना होगा।
तुम सिर्फ़ लुत्फ उठाओ इन किस्सों के,
मत पूछो दर्द किसका है किसके लिए है।
चाहत सवार थी किसी के अंदर जिंदा रहने की,
और हुआ यूं कि हम अपने अंदर ही मर गए।
कैसे मान लूं की मजबूर थी तुम,
लहंगा तो तुम्हारी पसंद का था।
कभी ज़्यादा कभी थोड़े कभी कुछ कम नज़र आए,
क़सम ले लो हमें हर वक्त तुम ही तुम नज़र आए।
सबका दिल रखने के लिए,
अक्सर हमारा दिल टूट जाता है।
दिल के रिश्ते किस्मत से मिलते हैं,
वरना मुलाकात तो हज़ारो से होती हैं।
उन आँखों की झपकियों को भी सौ दफा सलाम है ए दिल,
जिन आँखों की पलकों के नीचे मेरी चाहत पनाह लेती है।
नींद भी नीलाम हो जाती हैं दिलों की महफ़िल में जनाब,
किसी को भूल कर सो जाना इतना आसान नहीं होता।
मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन,
किसी ने मुझ को गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया।
काश कुछ जिम्मा तुम भी उठा लेते,
टूटने से ना सही बिखरने से बचा लेते।
मुझे स्वयं से नफ़रत सी महसूस होती है,
जब मेरे अपने मुझे नजरअंदाज करते हैं।
लगा कर फूल होठो से उसने कहा चुपके से,
अगर यहा कोई नहीं होता तो फूल की जगह तुम होते।
नए गुनाह किए पुराने को छुपाने के लिए,
हमने इश्क़ कर लिया इश्क़ भुलाने के लिए।
फिर किसी मोड पर मिल जाऊँ तो मुँह फेर लेना,
पुराना इशक हूँ उभरा तो क़यामत होगी ।
मोहब्बत किताबों कि उन आखिरी पन्नों से होती है,
जिसमे पढ़ लेने की खुशी भी और खत्म होने का गम भी रहता है।
ऐ दिल उनकी निगाहों की बाजीगरी तो देख,
हमको पता ना चला उन्होंने तुझको चुरा लिया।
जिंदगी तेरे लिये सब को ख़फ़ा हमने किया,
अपनी किस्मत है कि अब तू भी ख़फ़ा हम से हो गयी
Mohabbat Shayari
हम ने चलना छोड़ दिया अब उन राहों में,
टूटे वादों के टुकड़े चुभते है अब पांवो में।
ये भी अच्छा है की सिर्फ सुनता है दिल,
अगर बोलता तो कयामत हो जाती।
ये हुनर खुदा ने तो सिर्फ लड़कों को बख्सी है,
महबूब से बिछड़ कर लड़कियां कहा पागल हुई है।
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