Waiting Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है इंतज़ार शायरी। हम हमेशा आपके लिए कुछ ना कुछ नया पोस्ट करते रहते है। आपको इस साइट पे हर तरह की शायरी मिलेगी। हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
इँतजार करते करते एक और रात बीत जायेगी,
पता हैं तु नहीं आएगी और ये तनहाई जीत जायेगी।
हद तो ये है की अब मौत भी तकती है दूर से,
शायद उसको भी इंतेज़ार मेरी खुदकुशी का है।
इंतज़ार का आलम वो क्या जाने,
जिन्हें चाय बनी बनाई मिली हो।
बैठे है बड़ी फुर्रस्त से,
तेरी फुर्रस्त के इंतज़ार में।
न जाने आज भी मुझे तेरा इंतज़ार क्यों है,
बिछुड़ने के बाद भी मुझे तुझसे प्यार क्यों हैं।
तेरी मुहब्बत का इंतजार कब तक करे,
तु ही बता एक तरफा प्यार कब तक करे।
तमाम उम्र गुजार देगें हम राह-ए-इंतजार में,
झूठा ही सही पर आने का एक वादा तो कर दे।
ठहरे हुए से दिन है मेरे तुम्हारी एक शाम के इंतजार में,
मै आज भी अक्सर इंतजार करती हूँ वहां जहां तुझे पहली बार देखा थी।
उनके इंतज़ार में पूरी ज़िन्दगी गुज़ार ली हम ने,
मगर वो ना आए हमसे मुलाक़ात कर ने।
मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है,
तेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतज़ार है।
इंतेज़ार शायरी
कौन कहता है वक्त बहुत तेज है,
तुम कभी किसी का इंतजार तो करके देखों।
हैरान हूँ मैं ख़ुद अपने सब्र का पैमाना देख कर,
उसने याद नहीं किया ओर मैंने इंतज़ार नही छोड़ा।
इंतजार तो अब किसी का भी नहीं है,
फिर भी ना जाने क्यूँ पलट के देखने की आदत नहीं जाती।
तुम्हारी एक call के इंतजार में बरसों से नम्बर नहीं बदला हमने,
मैं इंतज़ार में थी सकून के वो आया मगर बेचैनिया लेकर।
जो इंतजार में था वो दिल था ,
जो थक कर हार गई वो नज़रें थी।
इंतजार अगर लंबा हो तो चलता है,
पर इंतजार एकतरफा हो तो सिर्फ तकलीफ़ देता है।
सारा दिन इंतजार में बीत जाता है कि रात में बात होगी,
और रात को लड़ाई हो जाती है।
इंतजार जहर नजरअंदाजी कहर,
इश्क़ को यूं ही कातिल नहीं कहते।
इजहार से नहीं लगता पता किसी के प्यार का,
इंतजार बताता है कि तलबगार कौन है।
उसे पता ही नहीं क्या है इंतज़ार का दुख,
मैं उसके पास कभी देर से गई ही नहीं।
इज़हार से नहीं लगता पता किसी के प्रेम का,
इंतजार बताता है तलबगार कौन है।
बात करने के लिए बहुत सारे लोग हैं,
पर इंतजार बस तुम्हारा ही रहता है।
सारा दिन इंतजार करते हैं कि रात को बात होगी,
और रात को लड़ाई हो जाती है।
मैं इंतज़ार में थी सकून के वो आया मगर बेचैनिया लेकर,
जो इंतजार में था वो दिल था जो थक कर हार गई वो नज़रें थी।
सारा दिन इंतजार में बीत जाता है,
कि रात में बात होगी और रात को लड़ाई हो जाती है।
Shayari On Waiting
इंतजार अगर लंबा हो तो चलता है,
पर इंतजार एकतरफा हो तो सिर्फ तकलीफ़ देता है।
इंतजार जहर नजरअंदाजी कहर।
इश्क़ को यूं ही कातिल नहीं कहते।
इजहार से नहीं लगता पता किसी के प्यार का,
इंतजार बताता है कि तलबगार कौन है।
उसे पता ही नहीं क्या है इंतज़ार का दुख,
मैं उसके पास कभी देर से गई ही नहीं।
इज़हार से नहीं लगता पता किसी के प्रेम का,
इंतजार बताता है तलबगार कौन है।
Waiting Shayari
बात करने के लिए बहुत सारे लोग हैं,
पर इंतजार बस तुम्हारा ही रहता है।
सारा दिन इंतजार करते हैं कि रात को बात होगी,
और रात को लड़ाई हो जाती है।
एक खंज़र है ये इंतज़ार भी
धँसता है सुकूँ के सीने में आहिस्ते-आहिस्ते।
किस ख़त में रखकर भेजूँ अपने इंतजार को,
बेजुबां है इश्क़ ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू।
तेरी जरूरत तेरा इंतजार और ये तन्हा आलम,
थक कर मुस्कुरा देते हैं हम जब रो नहीं पाते।
इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी,
तुम आज भी नहीं आओगे और तन्हाई जीत जाएगी।
रेल की तरह गुज़र तो कोई भी सकती है,
इंतज़ार में पटरी की तरह पड़े रहना ही असल इश्क़ है।
आहटें सुन रही हूँ तेरी यादों की,
मुझे आज भी तुम्हारा इंतज़ार है।
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।
मुद्दत हो गयी इक वादा किया था उन्होंने,
कश़मकश में हूँ याद दिलाऊँ कि इंतज़ार करूँ।
रात भर इंतज़ार करता हूँ सुबह मुलाक़ात होती है,
सच कहते है लोग चाय में अलग ही बात होती है।
सच्चा प्यार है तब ही तो इंतजार है
वरना आज के जमाने में एक के बाद दूसरा तैयार है।
रगों में लहू जमाती इन दिसम्बर की सर्दियों में,
तुम्हारे इंतज़ार की तपिश में जलना इश्क़ है।
बेचैन हो रहा है बदन मेरा इसे चाहत है तेरे प्यार की,
कब तक सम्हालूं खुद को कि इंतेहा हो गई इंतज़ार की।
इंतज़ार ए मुहब्बत में थक न जाना,
हम मांगते रहेंगे तुम्हें दुआ कबूल होने तक।
किसी रोज़ होगी रोशन मेरी भी ज़िंदगी
इंतज़ार सुबह का नही किसी के लौट आने का है।
उसे तो खबर ही नहीं क्या है इंतज़ार का दुख,
मे उसके पास कभी देर से गया भी तो नहीं।
गुजरा है आज भी ये दिन उसके इंतजार में,
जैसे मरने वाले की सांसे यमराज ले जाने वाला हो।
मुझ से माहीर तेरा इश्क़ है तुझसे माहीर मेरा इश्क है,
इजहार तेरे वश में नही इंतजार मेरे वश में नही।
हमे तो इंतजार करने से मतलब है,
मसला तुम्हारा है तुम मिलो या ना मिलो।
उनके इंतजार की घड़ी भी अब धीमी हो गईवो
शायद इसलिए कि उनके वादों में कोई सच्चाई ही न थी।
कौन कहता है वक्त बहुत तेज है,
तुम कभी किसी का इंतजार तो करके देखों।
क्या पूछा की तुम्हारा इंतजार क्यों हैं,
तुम मेरे हो क्या ये वजह काफी नही हैं।
एक ही हसीन दर्द हैं जो दिल को बहुत रास हैं,
मुहोब्बत की पहचान हैं जानमहमें आज भी तुम्हारा इंतजार हैं।