New Love Shayari Image: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल न्यू लव शायरी इमेज है। हम उम्मीद करते है कि इस पोस्ट की love image shayari new आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेगी।
तुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहीं,
हम भी तेरे ख्वाब अपनी आँखों में रख कर भूल गए।
एक मुट्ठी भर प्रेम बिखैर दो जमीन पर,
बारिश का मौसम है श्याद प्यार पनप जाए।
मेरे शहर में ऐसे लोग रहते हैं,
जिस्म की भूख़ को इश्क़ कहते हैं।
तेरी दूरियों में वो दम कहा,
जो मेरी चाहत को कम कर दे।
हमारी मोहब्ब्त का बस इतना ही हिसाब कर दो,
जितना याद किया हमने तुम उतना ही मेरा साथ दे दो।
जो तू नहीं है तो ये मुकम्मल न हो सकेंगी
तेरी यही अहमियत है मेरी कहानियों में।
हर धड़कते दिल को लोग पत्थर समझते हैं,
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में।
सजा तो मुझे मिलना ही थी मोहब्बत में,
मैंने भी तो कई दिल तोड़े थे तुझे पाने के लिए।
कल एक फ़कीर ने मेरी आँखों में झांक के बोला,
ऐ बन्दे तू तो बहुत खुशमिजाज़ था इश्क़ होने से पहले।
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है,
फिर भी तू उसके बिना अच्छी नहीँ लगती।
मुस्कराते रहो तो दुनिया आप के कदमों मे होगी,
वरना आसुओ को तो आखे भी जगह नही देती।
शायरी मेरा शौक नहीं,
ये तो मोहोब्बत की कुछ सज़ाएं हैं।
उसने यह सोचकर अलविदा कह दिया,
गरीब लोग हैं मुहब्बत के सिवा क्या देंगे।
कोशिश बहुत की राज़-ए-मुहब्बत बयाँ न हो,
मुमकिन कहाँ था आग लगे और धुआँ न हो।
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,
मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती।
तुम याद भी आते हो तो चुप रहते हैं,
के आँखो को खबर हुई तो बरस जाएंगी।
वो भी जिन्दा है मैं भी जिन्दा हूँ,
क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है।
एक सुकून की तलाश मे जाने कितनी बेचैनियां पाल ली,
और लोग कहते है हम बडे हो गए हमने जिंदगी संभाल ली।
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम।
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदल के देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकल के देख।
नफरतों को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी,
वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है।
चाय कितनी भी लाजवाब बनाई जाए,
कुछ ख़यालात अक़्सर चाय ठंडी कर देते हैं।
गाँव मे एक लड़का पेड़ से लटक गया,
सुना है शहर से कोई बारात आई है।
ना जाने क्यु कोसते है लोग बदसुरती को,
बरबाद करने वाले तो हसीन चहेरे होते है।
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी,
अब तो बात नफरत की है सोच तेरा क्या होगा।
जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे,
मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ।
मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना,
मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे।
कौन खरीदेगा अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंशू,
वो जो दर्द का सौदागर था मोहब्बत छोड़ दी उसने
ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा,
जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी।
गुस्सा बहुत होते हो,
मोहब्बत हो गईं क्या हमसे।
जिन्हें याद कर के मुस्कुरा दे ये आँखें,
वो लोग दूर होकर भी दूर नहीं होते।
फासला इसलिए रखा मैंने क्योंकि
तुम करीब थे हर किसी के।
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है ऐ सनम,
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।
मेरे बाद कर ले बो हजार मोहब्बत,
फिर भी कम ही रहेंगी मेरी मोहब्ब्त के सामने।
फूल और दिल दोनों एक से होते हैं,
तकलीफ हो तो मुरझा जाते हैं।
मुमकिन नहीं वो बेखबर हैं हमारे जज्बातों से,
बात दिल की है दिल तक तो जाती है ।
निगाहों की बात निगाहों से कर लिया करो,
मोहब्बत को नजर लगते देर नहीं लगती।
तेरे बगैर भी हम जी तो रहे हैं लेकिन,
सजा ए मौत के मायूस कैदियों की तरह।
हम भूल जाएंगे वो भी तुम्हें,
उफ्फ़ अजीब भूल है तुम्हारी।
वो जिनके लिए हम सब हार बैठे,
सुना है उन्होंने नई मोहब्बत ढूंढ ली है।
अभी ना जाओ मुझे छोड़ कर खुदा के लिए,
अभी नहीं हैं बिछड़ने का हौसला मुझमे।
किसी को गलत समझने से पहले,
उसके हालात समझ लिया करो।
उसे कोई फर्क नहीं पड़ता अब,
मैंने नाराज़ हो कर भी देख लिया।
नहीं मिलेगा तुम्हें कोई मुझसा,
जा इजाज़त है ज़माना आज़मा ले।
छलकता है नूर गुलाबी गालों पे तेरे इस कदर,
तेरे रूखसार को देख मेरी ये गुस्ताख पलकें झपकती ही नही।
रोज़ एक नई तकलीफ रोज़ एक नया गम,
ना जाने कब एलान होगा कि मर गए हम।
वो मेरे खेलने कूदने के दिन थे
जब मुझे तुम से मोहब्बत हो गई थी।
तुमने मेरी कोई बात नहीं मानी,
हमने तेरे बताये गाने भी हज़ार बार सुने।
सिर्फ भरोसा ही तो था तुम पर,
इसीलिए तेरे लफ़्ज़ों को जिंदगी बना बैठे।
तालीम ना थी मुझे जरा भी उर्दू जबान की,
एक तेरे दीदार ने हर हर्फ़ का माहिर बना दिया।
मैंने हमेशा उसका इंतजार किया,
अपने ख़्वाबों में एक दुल्हन की तरह ।
चंद लफ्ज़ो से ही जो बयां हो जाय,
मोहब्बत मेरी इतनी मामूली नहीं थी।
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