Ghamand Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है घमंड शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मोहब्बत के महीने में घमंड मत करना,
प्रोपोज हम करेंगे तुम बस हा कर देना।
अपनी उम्र और पैसों पर कभी घमंड मत करना,
क्योंकि जो चीज़ें गिनी जा सकें वो यक़ीनन ख़त्म हो जाती हैं।
मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत हैं इस दुनिया में,
लेकिन बाद में पता चला की सब चाहते हैं अपनी जरूरत के लिए।
घमंडी नहीं हूं साहब बस जहां दिल ना लगे वहां,
जबरदस्ती बात करने की आदत नहीं मेरी।
घमंड किस चीज़ का हैं जनाब गुस्ल,
कफ़न दुआ दफ़न और यूं हर कहानी खत्म।
तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये।
प्रकृति तेरा रूठना भी जरूरी था इंसान का घमंड टूटना भी जरूरी था,
हर कोई खुद को खुदा समझ बैठा था ये शक दूर होना भी जरुरी था।
क्यों न करूं घमंड में अपने आप पर,
हर वक्त सर पर हाथ है महाकाल के।
इरफान को शोहरते कितनी भी मिले तकब्बूर नही रखता,
इरफान सब भूल जाता है मगर नफरत नही रखता।
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है।
घमंड शायरी हिंदी में
खुलता किसी पे क्या मेरे दिल का मामला,
शायरों के इन्तिखाब ने रुसवा किया मुझे।
कुछ कमी रह गयी है शायद मेरी रुसवाइयों में,
तुझसे से फिर मैं दिल लगाना चाहता हूँ।
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उसने,
बात तो सच है मगर बात है रुसवाई की।
अपनी रुसवाई तेरे नाम का चर्चा देखूं,
एक जरा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूं।
क्या मिला तुम को मेरे इश्क़ का चर्चा कर के,
तुम भी रुस्वा हुए आख़िर मुझे रुस्वा कर के।
तेरी साँसों की आहट को भी जब पहचानता हूँ मैं,
मुझे रुसवा करे तू इसकी गुंजाइश कहाँ है अब।
किसी के हक़ में तो किसी के खिलाफ लिख दूंगा,
मैं तो आईना हु जो देखूंगा साफ लिख दूंगा।
मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ,
बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ।
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ।
जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर,
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर।
Ghamand Love Shayari
जरा छू लूँ तुमको कि मुझको यकीन आ जाये,
लोग कहते हैं मुझे साये से मोहब्बत है।
कुछ हदें हैं मेरी कुछ हदें हैं तेरी,
लेकिन दायरों में भी इश्क़ होता है।
वो लम्हा बना दो मुझे,
जो गुजर कर भी तुम्हारे साथ रहे।
मेरे सीने में एक दिल है,
उस दिल की धड़कन हो तुम।
पाना और खोना तो किस्मत की बात है,
मगर चाहते रहना तो अपने हाथ में है।
Ghamand Par Shayari
हमेशा के लिए रख लो ना पास मुझे अपने,
कोई पूछे तो बता देना किरायेदार है दिल का।
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा,
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाना।
तुम्हारा इश्क़ मेरे लिए हवा जैसा है,
जरा सा कम हो तो सांसे रुकने लगती हैं।
तेरे अहसास की खुशबू रग रग में समाई है,
अब तू ही बता क्या इसकी भी कोई दवाई है।
हाथ थामे रखना दुनिया में भीड़ भारी है,
खो ना जाऊं कहीं मै ये जिम्मेदारी तुम्हारी है।
रिश्तों को बस इस तरह से बचा लिया करो,
कभी मान जाया करो तो कभी मना लिया करो।
मेरी मोहब्बत की मौत हो चुकी है,
जनाज़े का ऐलान बाद में किया जाएगा।
माना कि वक्त सता रहा है,
मगर कैसे जीना है वो भी तो बता रहा है।
साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है,
फिर शिकायत सिर्फ लोगों से क्यूँ।
कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को-ऐ-बेखबर,
ये ख़ुद ही ढूंढ़ लेता है जिसे बर्बाद करना हो।
मैं जग जीवन का भार लिए फिरता हूँ,
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ।
फ़ायदे खुद-कुशी के समझा कर
उसने तोहफ़े में रस्सियां दीं है।
मैं बहुत सीमित हूं अपने शब्दों में,
लेकिन बहुत विस्तृत हूं अपने अर्थों में
सहर का जिक्र अन्धेरे की बात ही नही हुई,
वह आए जबसे मिरे घर मे ही रात न हुई।
Ghamand Shayari in Hindi
उसूलों पर जहाँ आँच आए टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना ज़रूरी है।
छोड़ अपने आसमानी ख्याल,
पहली अपनी जमीन का वजूद सम्भाल।
जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था,
माँ तूने गोद में उठा कर जब प्यार किया था।
हर दफा तुम कुछ नए नजर आ रहे हो,
मेरे खयालों में तुम दिन पर दिन चले आ रहे हो।
देखो कैसे अपने गम छुपाये जा रहा हूं,
आंखों में आंसू लेकर बेवजह मुस्कुराये जा रहा हूं।
Ghamand Shayari
जमाना वफादार नहीं तो फिर क्या हुआ,
धोखेबाज भी तो हमेशा अपने ही होते है।
छुपे-छुपे से रेहते हैं सरेआम नही होते,
कुछ रिश्ते सिर्फ अहसास हैं उनके नाम नही होते।
सच तो कह दूँ मगर इस दौर के इंसानों को,
बात जो दिल से निकलती है बुरी लगती है।
वक़्त कभी वक़्त को यूँ भी दोहराता है,
गर पाने की ज़िद हो तो सब मिल जाता है।
वही हसरतें वही रंजिशें ना ही दर्द-ए-दिल में कोई कमी हुई,
अजीब सी है तेरी मोहब्बत ना मिल सकी ना ख़त्म हुई।
बिछड़कर भी कहाँ बिछड़ते हो तुम,
याद बनकर हर पल साथ रहते हो तुम।
फीकी हर चुनरी फीका हर बंधेज,
जिसने रंगा रूह को वो सच्चा रंगरेज।
नशा होकर भी हलाल होता है,
ये चाय का प्याला भी कमाल होता है।
तारीफ आपकी करे कैसे अल्फाज़ नहीं मिलते,
आप जैसे किसी और में ये अंदाज नहीं मिलते।
ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है साहब,
लोगों की आदत है, सामने सलाम पीछे बदनाम।