Intezaar Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है इंतजार शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
न जाने क्यों करता हूँ इंतजार मैं उसके जवाब का,
आखिर जवाब का न आना भी एक जवाब ही तो है।
कोई करता है मोहब्बत मे इंतज़ार,
तो कोई इंतज़ार से ही मोहब्बत किए बैठा है।
आरजू थी फना होने की शायद जो इस दिल ने प्यार का इजहार किया,
दो पल भी ना बैठे थे वो पास मेरे हमने जिनका बरसो इंतजार किया।
वस्ल के इंतजार में उम्र गुजरी रदीफ़ बन कर,
सनम मेरा यार बदलता रहा क़ाफिया के जैसे।
कुछ रिश्ते ऐसे भी निभाए जाते है,
एक दिन मिलने के लिए महिनो इंतजार मे बिताए जाते है।
Tera Intezaar Shayari
झूठे ख्वाबों के लिए नींदें खराब करना क्या,
जो अपना नहीं उसका इंतजार करना क्या।
इस इंतज़ार में बैठे हैं उन की महफ़िल में,
कि वो निगाह उठाएँ तो हम सलाम करें।
शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुई,
कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया।
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ज़िन्दगी,
तेरा इंतज़ार मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।
मुस्कुराहट लबों पर युँ ही नहीं आती,
उसे भी किसी नज़र का इंतज़ार होता है।
करवट मे कत्ल नींद का इक बार करके देख,
तू भी कभी मेरा इंतज़ार करके देख।
जिंदगी में खत्म होने जैसा कुछ भी नही होता,
हमेशा एक नया दिन आपका इंतज़ार कर रहा हैं।।
चँद लफ्जों के तालुकात पे इश्क़ रुक सा गया,
वो इकरार पर रुके और हम इँतजार पर।
बहुत ही खूबसूरत है उनके इंतजार का आलम,
बेकरार सी आंखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे हैं।
जवाब की बेताबी इंतजार को बड़ा देती है,
कहने को तो,एक लफ़्ज है पर उम्र उम्मीद में गुजर जाती है।
शिद्दत से इंतजार है उस सवाल का,
जिसके जवाब में हम दोनों कहें क़ुबूल है।
बरसों तक किया मैंने उसके इजहार का इंतजार,
जब मेरी कहानी का अंत हुआ तब की उसने शुरुआत।
ग़ज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया,
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया।
वादों की तरह इश्क भी आधा रहा,
मुलाकातें कम रही इंतजार ज्यादा रहा ।
इज़हार कर रहे थे हम आंखों से,
वो लफ़्ज़ों का इंतज़ार करते रह गए।
इंतजार, इज़हार, इबादत सब तो किया मैंने,
बताओ प्यार की गहराई इससे ज्यादा क्या होगी।
जब कोई किसी के प्रेम में या इंतजार में होता है,
तो वह ईश्वर के और भी करीब हो जाता हैं।
बात करने के लिए तो बहुत लोग हैं पर,
इंतजार सिर्फ तुम्हारे ऑनलाइन आने का रहता है।
मुझे इंतज़ार करना आता है,
पर काश उसे लौटना आता।
हम उससे इतना प्यार करते हैं कि,
उसका आज भी इंतजार करते हैं।
इंतजार तुम्हे करना होगा शायद कुछ ज्यादा,
नायाब हूं और नायाब चीज यूं ही नही मिलती।
दो पल उनसे मिलने की ख्वाहिश,
ज़िंदगी भर का इंतजार मिल गया।
शायद ग़लती की थी इश्क़ करके,
इज़हार के बदले इनकार मिल गया।
पलकों पर रुका है समुन्दर खुमार का,
कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का।
बैठें है हम फुर्सत से तेरी फुर्सत के इंतजार में,
इंतज़ार भी खूबसूरत लगने लगता है जब कोई आने वाला हो।
झुठा ही सही कोई तसल्ली तो कराये इंतजार में हुं,
शायद गलती से ही तेरा फ़ोन आ जाये।
इसी पल का तो इंतजार था मर मिटे है आपके प्यार मे,
जो कहना है कह दो अपने धड़कते दिल का अफसाना।।
अभी अलविदा नहीं कहा उसने,
इंतजार क़रना लाजमी है।
वैसे तो इस दुनिया में देखने को बहुत कुछ है,
मगर इन आंखों को बस तेरा इंतजार है।
मेरे सूखे होठों को इंतजार है उस बरसते बादल का,
मैंने किसी दरिया की कोई बात नहीं माने।
तमाम उम्र गुजार देगें हम राह-ए-इंतजार में,
झूठा ही सही पर आने का एक वादा तो कर दे।
इंतजार जहर नजरअंदाज कहर,
इश्क को यूंही कातिल नहीं कहते।
इंतजार से थकी इन आंखों में कुछ ख्यालात चाहता हूं,
मेरे जज़्बात पढ़ने वाले मैं तुझसे एक मुलाकात चाहता हूँ।
तुझे क्या पता तेरे इंतजार मे हमने हर लम्हा कैसे गुजारा है,
एक -दो बार नही दिन मे हजारो दफा तेरी तस्वीरो को निहारा है।
क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद,
किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद।
जी लेने दे तेरे एहसासों में कि ज़िन्दगी मेरी तू है,
इंतज़ार मेरा मुक़्क़द्दर ही सही आरजू मेरी तू है।
दुआओं में मांग चुके हैं हम तुम्हें,
क़बूल होने का इंतज़ार है अब मुझे।
तेरे उस 10 मिनट का इंतजार आज भी कर रहा हूं,
लौट कर आजा तुझसे बेहिसाब मोहब्बत आज भी कर रहा हूं।
मुन्तजिर में ही नहीं रहता किसी आहट का,
कान दरवाजे पे उसके भी लगें रहते हैं।
तेरे इंतेज़ार में जज़्बात महका रखें है,
कब आओगी तुम तेरी राहों में मैंने फूल बिछा रखें हैं।
कौन कहता है कि वक्त बहुत तेज है,
कभी किसी का इंतजार करके देखो।
तेरे इंतजार में बैठे रहे ये इंतजार इबादत में बदल गया,
तुझसे जो प्यार था ये देखोहमारी आदत में बदल गया।
वो जन्नत ही क्या जो एक पल में मिल जाएं,
जरा इंतजार का मज़ा लीजिए।।
है किस्मत हमारी आसमान में चमकते सितार जैसी,
लोग अपनी तमन्ना के लिए हमारे टूटने का इंतज़ार करते है।
मेरे आने का यूं तेरा इंतजार करना मेरे इश्क का असर है,
मुलाकात के बाद मेरा यूं निखरना तेरे इश्क का असर है।
कल दिन भर किया उसका इंतज़ार,
इंतज़ार तो खत्म नहीं हुआ पर दिन खत्म हो गया।
तुम बन जाओ ना सुकूंन वाला रविवार मेरा,
हफ्ते के 6 दिन करूं मैं इंतजार तुम्हारा।
इँतजार ए यार मे एक और रात गुजर जायेगी,
ना दीदार होगा तेरा सनम उमर मेरी तन्हा बसर हो जायेगी।
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