Bf Hindi mein Shayari Wallpaper: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल Bf Shayari है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो,
ये ओर बात है कि किस्मत दगा कर गयी।
कुछ लोग जिंदगी में ऐसे होते है,
चाहे वो तकलीफ कितनी भी दे,
पर सुकून उन्ही के पास मिलता है।
ज़िंदगी भर प्यार मेरा कम नहीं होगा,
मांग लो तुम जान भी तो ग़म नहीं होगा।
हमे ये दिल हारने की बिमारी ना होती,
अगर आप के दिल जितने की अदा इतनी प्यारी ना होती।
तवायफ से वजह पूछी जो जिस्म फरोशी की,
बोली मुहब्बत पे यकीं कर के घर से भागी थी।
निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।
मुहब्बत तो बस इक एहसास है,
जिस से हो जाए बस वही खास है।
बहाना कोई ना बनाओ तुम मुझसे खफा होने का,
तुम्हें चाहने के अलावा कोई गुनाह नहीं है मेरा।
चुपके चुपके लेकर नाम तेरा गुज़र देंगे ज़िन्दगी,
बे-ख़बर ज़माने को बतायेंगे प्यार ऐसे भी होता है।
बहुत याद आते हो तुम,
दुआ करो मेरी याददाश्त चली जाये।
टूटे हुए लोगो की खास बात होती है,
अकड़ इनमे रत्ती भर भी नहीं होती है।
जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला,
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है।
हमारा नाम ही काफी है तुम्हारी महफ़िल मे,
हम खुद आ गए तो तुम भी दीवाने हो जाओगे।
जब मैने उनसे कहा कि तुम पर प्यार आता है, तो वो मुस्करा कर बोली तुम्हे और आता ही क्या है।।
तुम लाख छुपाओ सीने में एहसास हमारी चाहत का,
दिल जब भी तुम्हारा धड़का है आवाज़ यहाँ तक आई है।
तेरे दिल को सजायेंगे अपने अरमान दे कर,
तेरे लबो को हसाएंगे अपनी मुस्कान दे कर।
आज फिर देखा किसी ने मोहब्बत भरी निगाहो से,
एक बार फिर तेरी ख़ातिर हम ने अपनी निगाहें झुका ली।
प्यार की कसम तुझे कबर से भी उठा लाएंगे,
तेरे जिस्म में हम अपनी सारी जान देकर।
मैं कैसे मान लूँ इश्क बस एक बार होता है,
तुझे जितनी दफा देखूँ मुझे हर बार होता है।
चार दिन की ज़िन्दगी में किससे कतरा कर चलूँ,
खाक हूँ मैं खाक पर क्या खाक इतराकर चलूँ।
तेरी कातिल निगाहें और हम घायल,
उफ्फ ये तेरी अदाओं उन पर हम कायल।
आह जो दिल से निकाली जाएगी,
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी।
जो शख्स मेरी हर कहानी हर किस्से में आया,
वो मेरा हिस्सा होकर भी मेरे हिस्से में नहीं आया।
ऐ दिल होश में रहा कर,
कोई भी तोड़ देता है खुद को महफूज़ रखा कर।
दिल की गहराइयों से एक सबक सिखा है,
बिना मांँ बाप के सारा जीवन फीका है।
इश्क़ करो खुद जान जाओगे तुम की,
इश्क़ है धोखेबाज खुद मान जाओगे तुम।
लफ्ज करेंगे इशारा जाने का,
तुम आंखे पढ़ कर ठहेर जाना।
तेरे ही ख्याल पे खत्म होगा ये साल,
तेरी ही ख्वाइश से शुरू होगा नया साल।
मेरा ही पागलपन था जो इस दौर में भी,
तेरी सुलझी हुई जुल्फ़ों में उलझ गया।
बाकी जैसी जो मेरी गुजरी है तुम्हारी भी गुज़ार देंगे,
वक़्त आने दो वक्त से पहले ही तुम्हें हम मार देंगे।
इश्क में कुछ इस तरह से बिखरा हूं मैं,
हर तरफ़ से टूटा हूं तब जाकर कहीं निखरा हूं मैं।
भरोसा रिश्ते की सबसे महंगी शर्त हैं,
और वही मुझे तुझपर रत्तीभर नहीं है।
इतनी मर्तबा इश्क़ जो कर लिया था मैंने,
अब इश्क़ का मसीहा बना बैठा हूं मैं।
अब तेरे चले जाने का कोई गम न होगा हमें,
इतना टूटा हूं कि अब टूट के ही खड़ा हुआ हूं मैं।
मैं जानता हूँ के तेरी पसंद का खिलौना हूँ मैं,
नंबर वही रखूँगी जब मर्ज़ी याद करके मुझसे खेल लेना।
उठा लो दुपट्टे को ज़मीन से कहीं दाग़ न लग जाए,
पर्दे में रखो चेहरे को कहीं आग न लग जाए।
खुश हूं मै बहुत वजह मत पूछना,
वजह पूछी तो शायद रो दूंगा मै।
मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था,
एक मैं ही अकेला था बाकि सारा काफिला भी उसका था।
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी,
और बाद में रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था।
तुम मेरी पहचान हो तुम ही मेरा नाम हो,
मैं हूँ लम्हा दोपहर का तुम सुबह हो शाम हो।
अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है,
अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है।
मर्द के आंसू नहीं दिखते,
मर्द के जुल्म दिख जाते हैं।
ये जो शायरी में ज़हर उगलता हूं ना मै,
किसी बेवफ़ा नागिन से मुंह लगाया था कभी।
ए वक़्त जरा रुक जा,
वक़्त ना रुका तो सांस तू ही रुक जा।
तेरा मेरा क्या सब ख़ाक तो है,
ये तन की मिट्टी बस राख़ तो है।
तय है बदलना हर चीज़ बदलती है इस जहाँ में,
किसी का दिल बदल गया किसी के दिन बदल गये।
एक अदा से शुरू एक अंदाज़ पे खत्म होती है,
नज़र से शुरू हुईं मोहब्बत नज़रअंदाज़ पे खत्म होती है।
मोहब्बत और हमसे खैर छोड़ो,
नफ़रत बताओ कितनी करते हो।
कुछ तुम कोरे कोरे से कुछ हम सादे सादे से,
एक आसमां पर जैसे दो चाँद आधे आधे से।
इश्क़ का वजीफा है मेरे पास,
जिसे चाहूं पागल कर सकता हूँ मैं।
खूबसूरत ये सारे नज़ारे हो गए,
जिस घडी से हम तुम्हारे हो गए।
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।