Rishte Shayari in Hindi: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है रिश्ता शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आयेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
बड़ा खास है आपका और रिश्ता हमारा,
अब ये और बात है की सबको समझा नहीं सकते।
काश की रिश्तों को निभाने का भी कोई कोर्स होता,
कसम से पैसे वालों ने तो डबल पीएचडी कर ली होती।
काश की झूठ बोलना आसान होता,
कुछ रिश्ते जबरन ही पर चलाते जरूर।
धमकियाँ रिश्तों में आने के दो मतलब हैं,
या रिस्ता गहरा रहा या टूट रहा।
ताऱीफ पीठ पीछे भी कर देना चाहिए,
गैरो से पता चलने पर रिश्ते महक जाते हैं।
तोड़ के गया है रिश्ता वो अपनी ओर से,
हमारी ओर से टूट जाना शायद नामुमकिन सा था।
रूठने की भी सही वज़ह होनी चाहिए,
बार-बार बेवज़ह रुठनें से रिश्ते टूटने लग जाते हैं।
बड़ी बड़ी बातें करता था वो दोस्ती और रिश्तों की,
वक़्त पे वो बुज़दिल साथ खड़ा तक न हुआ।
किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो,
तो ये रिश्ते निभाना किस क़दर आसान हो जाये।
धूप के एक ही मौसम ने जिन्हें तोड़ दिया,
इतने नाज़ुक भी ये रिश्ते न बनाये होते।
कुछ निभाना होता है कुछ चलाना होता है,
ये रिश्तें हैं बने बनाये नहीं मिलते इन्हें बनाना होता है।
खूबसूरत लोग और खूबसूरत रिश्ते,
ये हमसे बनते हैं पर टूटनें पर हमें तोड़ देते हैं।
कारण क्या बताया जाए तुमसे बिछड़ जानें का,
बस बात इतनी सी है जहाँ इज़्ज़त न हो वो रिश्ते बोझ लगते हैं।
वो नाराज़ है तो चलो बात कर आयें,
कहीं ऐसा न हो की रिश्तों में वक़्त अपना खेल कर जाए।
रिश्तों के दरमिंयाँ कुछ गलत कुछ सही सा है,
कितना भी समझाया जाए आदमी मतलबी सा है।
Badalte Rishte Shayari
उसका बोलना ज़रूरी था इस बार,
वो चुप रहा और ये रिश्ता वहीं बैठ गया।
उस रिश्ते में अब ऐसे मुक़ाम पे हम थे,
वो आँसू बहाता था तो भी हमें लगता था कोई चाल है इसमें।
मैं निभाते निभाते ये रिश्ता अब टूट चुका हूँ,
बेड़ियों में रहनें से मर जाना अच्छा होगा।
एक बेहतरीन दोस्ती का रिश्ता,
बस गले लगानें के ढँग से बिगड़ गया सारा।
आसान नहीं है लब्ज़ों का बवंडर बुनना,
हज़ारों रिश्ते शब्दों के हर फेर से बिखर जाते हैं।
कहीं किसी बात से चोट लग गई हमको,
वो रिश्ता जो भी था उसके बाद टि नहीं पाया।
वक़्त रिश्तों औऱ एहसानों की है ज़िन्दगी,
लोग बेवज़ह इन्सानों को दोष देते हैं।
तारीफों का दौर है ज़रा सम्भल के सच बोलिये,
रिश्ते चपलूशों के ही ज़्यादा बना करते हैं शहर में।
तुम्हारे नाम का एक पत्थर मैनें दरिया के बीच फेंका,
इत्तेफ़ाक़ देखिए वो हमारे रिश्ते की तरहहीडूब गया।
बनते बनते भी कई बार रिश्ते टूट जाते हैं,
गलती की बात नहीं शायद मन नहीं मिलते।
Rishte Shadi Shayari
हर वो सख़्श बेवफा नहीं होता जो रिश्ते तोड़ जाता है,
कुछ बदनसीब जिम्मेदारियों के तले दबे होते हैं।
सफ़र-ए-आशिक़ी का अब नया दौर शुरू है,
मेरा ख़राब वक़्त शुरू हो चुका है अब देखते हैं ये रिश्ता कहाँ जाता है।
वो एहसान फरामोश निकला साहब,
ख़ैर छोड़िए आज़कल कौन यहाँ वफ़ादारी निभाता है रिश्तों की।
आइए किसी शाम बैठें नदी के किनारे और ये दौर भी देख लें,
यहाँ रिश्तों की क़ीमत रुपयों पर टिकी रहती है।
वो लम्हा बस गुज़र जाए किसी तरह यादों से,
मैं चाहता ही नहीं अब रिश्तों औऱ रिश्तेदारों से कोई मतलब रखना।
Rishte Shayari in Hindi
बेशक़ कमजोर हूँ मैं नए रिश्ते बनानें में,
यक़ीनन ये मेरे क़िरदार की एक उम्दा बात है।
दरख्वास्त है खुदा कि अब वो रास्ता मिटा दिया जाए,
जो रास्ता रिश्तों को मेरे दिल तक पहुँचाता है।
मुक़ाम कुछ और ही था हमारे रिश्ते का,
लोग इसे बस इश्क़ समझनें की भूल कर बैठे।
बहुत तक़लीफ़ देती है ये जुदाई जब दोनों वफ़ादार हो रिश्ते में,
गर इतना आसान होता तो लोग महीनों रोया नहीं करते।
रिश्ते बधें हो अगर दिल की डोरी से,
तो दुर नही होते किसी मजबुरी से।
रिश्ता शायरी हिंदी में
रिश्ता कुछ इस नज़ाकत से खत्म किया उसने,
हम आज भी वहम में है वो साथ थे भी या नहीं।
तू खास है मेरे लिए आम नही,
गहराई बहुत है रिश्ते में बस कोई नाम नहीं।
कुछ शिकायतें बनी रहें तो बेहतर हैं,
चाशनी में डूबे रिश्ते वफादार नही होते।
न पूछ हम से हालातो ने कैसे-कैसे आजमाया है,
हम ने पूरी शिद्दत से अधूरे रिश्तों को निभाया है।
बहुत छोटी उम्र होती है उन रिश्तों की,
जहाँ हम से ज्यादा मैं और तुम का ज़िक्र हो।
हमे नही कबूल आपका किसी और से रिश्ता,
आप नफरत भी कीजिए तो सिर्फ मुझसे कीजिए।
कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता,
गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है।
रिश्तों को बस इस तरह से बचा लिया करो,
कभी मान जाया करो तो कभी मना लिया करो।
छुपे-छुपे से रहते हैं सरेआम नही होते,
कुछ रिशते सिर्फ अहसास हैं उनके नाम नही होते।
मुठ्ठी भर शिकायतों से दरारें नहीं पड़ती,
अगर रिश्तों की बनावट में झूठ ना हो।
भरोसा रिश्ते की सबसे महंगी शर्त हैं,
और वही मुझे तुझपर रत्तीभर नहीं है।
एक खून के रंग ने रंग नहीं बदला,
वर्ना सारे रिश्ते जहां के बेरंग हो गए।
तुमसे अब कुछ रिश्ता ऐसा है,
ना नफरत है ना इश्क़ पहले जैसा है।
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