50+ Jabardast Shayari in Hindi - जबरदस्त हिंदी शायरी

Jabardast Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है जबरदस्त शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

कुछ तो खोया है उसने भी मेरी तरह,

मैंने चाहत गवाई  तो उसने बेहद चाहने वाला।


Jabardast Shayari in Hindi

बस यू ही तुम मेरे मुस्कराने की वजह बनी रहना,

जिंदगी में न सही मेरी जिंदगी बनी रहना।


हर जुल्म -ओ -सितम ख़ामोशी से ज़ब्त किये जायेगें,

बेशक जिंदा लाश बना दो फिर भी तुमसे ही मोहब्बत किये जायेगें।


हुई जो उसके होठों की तलब,

हमने खिलता हुआ गुलाब चूम लिया।


कुछ इस तरह से दिल तुझसे मिलने की दुआ करता है,

जैसे इंतज़ार -ए- रविवार हुआ करता है।


Jabardast Shayari Hindi


उसकी आंख उसके रुख़्सार उसके लब देखकर,

हम उसके कायल हो गए बस यही सब देखकर।


Jabardast Shayari in Hindi

असर ये कि सारा दिन महकेंगे,

मसला ये था कि रात तुम ख्वाब में आये।


मैं लिख तो दूँ पर लिखूंगा क्या तुम्हारे सिवा,

मुसलसल हो तुम्ही जेहन में दर्द दो या फिर दो दवा।


मिलते नहीं हैं हम अब अपनी शायरी में कहीं,

लफ़्ज़ भी अब उनकी तारिफ़ में हीं उतरते हैं!


रास्ते की धूल होते हैं,कुछ लोग फ़िज़ूल होते हैं

यूँ हर किसी का एतबार नहीं करते क्योंकि मुर्शिद चाहतों के भी उसूल होते हैं।


अकेला था तो कलम बस दर्द लिखती थी,

तुम्हारे आने से कलम अब तुम्हे ही लिखती है।


Jabardast Shayari in Hindi

रौशन है तेरे प्यार से मेरे इश्क का जहां,

जो बात तुझ में है वो किसी और में कहा।


तुम्हारे इश्क़ की दास्तां लिखी है मेरी आँखों में

तुम मेरे इज़हार करने का इंतजार मत करना।


मुर्शिद मेरे सपनों को यूंही महकता रखना,

मैने थामा है तेरा हाथ बड़े मान के साथ।


देखोगे जब किताब-ए-इश्क़ के पन्नो को खोलकर,

अव्वल भी तेरा नाम होगा आख़िर भी तेरा।


Jabardast Shayari Status


ख़तरे में तुम्हारी रोज़ की इबादत पड़ जाएगी,

रोज़ मेरी शायरी पढ़ोगे तो मेरी आदत सी पड़ जाएगी।


Jabardast Shayari in Hindi

वाकिफ है हम तुम्हारे अल्फाजों से,

तुम शेर किसके लिए लिखते हो ये हमें पता है।


तुम चाँद हो तुम्हें तो हक़ है,

इतराओ छुप जाओ नज़र ना आओ।


दूर होकर भी जो शख्स समाया है मेरी रूह में,

पास वालों पर वो कितना असर रखता होगा।


साड़ी की सिलवटें खोंसते हुए जो सांस रोक लेती हो तुम,

बस उसी लम्हे में कहीं सांस भी रुकी हुई सी है मेरी।


मेरा दौर आनें वाला है और उनका जा रहा है,

यही एक फर्क है मुझमें औऱ उनमें।


Jabardast Shayari in Hindi

मेरे हर लफ्ज़ में मिल जाते हो तुम,

इस तरह मेरे ख्यालों में रहते हो तुम।


कहाँ किस ओर जाना है कोई बताएगा,

अजी छोड़िए आगे बढ़ते रहें शायद रास्ते ख़ुद बता दें तंग आकर।


अगर बर्दास्त करना मोहब्बत है तो हमें शायद मिल न पाए,

हमसे नहीं हो पाएगा ख़ुश रहनें का दिखावा करना।


मैं बस्ती से गुज़रा तब जाकर मालूम पड़ा मुझे,

लोग आगे बढ़ गए औऱ गाँव वहीं पीछे छूटा ही रह गया।


Jabardast Shayari in Hindi


कश्तियाँ भी समन्दरों से बैर रखती होंगी शायद,

पर ज़रुरी तो नहीं की उनकी इज़्ज़त ना करें।


Jabardast Shayari in Hindi

साज़िश नहीं खुश-किस्मती कहिए,

टक्कर का दुश्मन  इत्तेफ़ाक़ से नहीं मिलता।


कश्ती बदलना है या ठहरना है यहीं,

आज़कल ख़ुदा बदल लेनें में लोग सोचा नहीं करते।


शिकायत अगर ख़ुदा भी करे तुम्हारी,

यक़ीनन उसे भी झूठा मान लेंगे हम।


वो अजनबी था अभी कुछ दिन पहले,

अब ना जानें कैसे  उससे वर्षोँ का याराना लगता है।


हमें भी ख़ुश रहनें का हक़ दिया है ख़ुदा नें,

बस यही सोच  हमें देखकर मुस्कुरा क्यों नहीं देते।


Jabardast Shayari in Hindi

मानना न मानना ये औऱ बात है,

इश्क़ हो न हो  ये कुछ औऱ बात है।


तेरी नंगी पीठ को जब चूमता हूँ मैं,

सुकून से आँखें मूंद लेना तेरा अज़ीब सा एहसास-ए-सुकून देता है।


अजीब लोग हैं अपनें गिरेबां में झाँककर नहीं देखते,

गज़ब के लोग हैं  दूसरों के कुछ कह देनें पर इतना सोचनें लग जाते हैं।


चाय शर्त होगी मुलाक़ात के लिए

इस सर्दी में एक साथ तुम हो चाय हो पुरानें गानें हो बस औऱ क्या ही चाहिए।


Hindi Jabardast Shayari

माना कि बेजोड़ है हर अदा उनकी,

पर हम सा उनपर कोई मरता भी तो न होगा।


Jabardast Shayari in Hindi

मैं हँसता बहुत हूँ इससे भी उन्हें तक़लीफ़ रहती है,

क्या कहें कि ये शहर बिना मेरे मुर्दों का नगर है।


सुना है सख़्त हैं मंज़िल के रास्ते,

ख़याल आया कि अब तलक हमसे वो रूबरू नहीं।


एक दिन वो सामनें होगा औऱ  मैं हक़ीकत कह दूँगा,

ये मुमकिन है की उसे भी मालूम हो चुका हो अबतक।


पता नहीं किस बात से ख़फ़ा हुए बैठे हैं,

ना हाल पूछते हैं ना वज़ह बताते हैं।


मार देना है तो यूँ ही मार दो,

ये ज़हर-सी-मुस्कुराहट छिपा कर क्यूँ नहीं ऱखते।


Jabardast Shayari in Hindi

एक मैं ही फ़क़त अकेला रह गया हूँ जहाँ में,

सुना है उसके चाहनें वालों की कोई कमीं नहीं है।


वो जो एक रोज़ हमसे मिल के गया है,

सुना है घर जाकर भी हमारी ही बात किया करता है।


परहेज़ नहीं रंगों से बस ख़ास पसंद नहीं चटक मटक,

अब देखिए ना वो साँवली ही है पर हमें बहोत पसंद है।


ढूंढनें निकला मैं ख़ुद को उनके दिल के किसी कोनें में,

पता चला कि वहाँ तो कब्ज़ा है हमारी ही यादों का।


Shayari Jabardast

आदतन चल पड़े हम उसी राह पर,

लोग जिसको भला बुरा कहतें रहे हैं एक अरसे से।


Jabardast Shayari in Hindi

उनका एक पल मिला था हमें तोहफ़े में जनमदिन पर,

औऱ तोहफों का क्या है वक़्त पर लौटानें का रिवाज़ था हमारा।


तलाश ख़ुदा की होती तो बहुत मिल जाते राह दिखानें वाले,

मैं थककर बैठ गया हूँ ख़ुद को ढूंढते ढूंढते।


ये फ़ैसले उनको लेने हैं जिनपर इससे कोई फर्क नहीँ पड़ता,

औऱ फ़ासले हमें झेलनें हैं मसअला ये ज़रा गंभीर है साहब।


इस अंदाज़ में जिंदगी का असर हो गया हम पर,

अब उस एक सिवा दुनियाँ में कोई नज़र नहीं आता।


बे-मतलब बरसात भी कहाँ होती होगी,

कोई तो शायद ख़ून के आँसू रोता होगा।


मेरा सामना मुक़द्दर से भी गर हुआ होता,

यक़ीनन मैं तुमसे अच्छा माँग नहीं पाता।


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