Best 50+ Majburi Shayari in Hindi - मजबूरी शायरी

Majburi Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है मजबूरी शायरी। हम उम्मीद करते हैं कि ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

होंठो की भी क्या मजबूरी रहती है,

सब कह के बात अधूरी रहती है।


Majburi Shayari in Hindi

बदलना कौन चाहता है,

मजबूर कर देते है लोग।


मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही,

वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नही।


मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,

बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए।


हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है,

वज़ह कोई मज़बूरी भी हो सकती है।


Majburi Ki Shayari

बिक गयी यूँ सरे बाजार वफा की पूंजी,

बिक गए हम किसी मजबूर की जेवर की तरह।


Majburi Shayari in Hindi

तुम्हारे बाद ये दुःख भी तो सहना पड़ रहा है,

किसी के साथ मजबूरी में रहना पड़ रहा है।


मोहब्बत मज़बूर करती है,

वरना याद करने से शवाब थोड़ी मिलता है।


बस एक इश्क़ हीं तो है जो गुरूरी है,

वरना सब समझौता है मजबूरी है।


कुछ यूँ हुआ किसाथ चलने की बारी आई,

तो वो शख़्स इत्तफ़ाक़ से मजबूर हो गया।


Majburi Shayari Image

हर मौसम में ख़ालीपन की मजबूरी हो जाओगे,

इतना उस को याद  करोगे तो पत्थर हो जाओगे।


Majburi Shayari in Hindi

तेरी खामोशी अगर तेरी मज़बूरी है,

तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है।


दोनों ही मजबूर रहे अपने अपने दायरे में,

एक इश्क़ कर न सका एक इश्क़ भुला न सका।


नज़र भी ना आऊं इतना दूर भी मत कर,

पूरी तरह बदल जाऊ इतना मजबुर भी मत कर।


ना पा सकूँ ना भुला सकूँ तू मेरी मजबूरी सा है,

तेरे बिना जी रहे हैं और जी भी लेगें फिर भी तू जरूरी सा है।


Pyar me Majburi Shayari in Hindi

हाँ पता नहीं है उसे की जरा मजबूरी है मेरी,

वरना ख्वाहिशें तो उसकी मैं हर बार पूरी करता हूं।


Majburi Shayari in Hindi

तक़दीर की बातें बहुत करता था वो

वक़्त आनें पर ख़ुद को मजबूर बता के चलता बना वो।


कैसे मान लूँ कि मजबूर थी तुम,

लहँगा तो तुम्हारी पसन्द का था।


इक और उम्र हमें जीने को मजबूर करती है,

तुम्हारी ख्वाहिश हमको कभी मरने नहीं देगी।


मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,

बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए।


मजबूरी शायरी

हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है,

वज़ह कोई मज़बूरी भी हो सकती है।


Majburi Shayari in Hindi


मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,

बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए।


कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो वरना,  

मजबूरी का नाम लेकर बेवफ़ाई और तो सभी करते है।


शाख़ से कांटे का गम उनको बहुत था लेकिन 

फ़ूल मजबूर थे हँसते रहे गुलदानों  में ।


कह तो सकता हूं मगर मजबूर नहीं कर सकता,

इख्तियार अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह।


Majburi Sad Shayari


वो इश्क़ ही क्या जो मरने को मजबूर कर दे,

इश्क़ तो वो है जो दोबारा जीने को मजबूर कर दे।


Majburi Shayari in Hindi

रिश्ते बधें हो अगर  दिल की डोरी से,  

तो दुर नही होते किसी मजबुरी से।


मुझे आगोश मैं ले कर मेरी सारी कसक दूर कर दो,

मैं सिर्फ तुम्हारा हो जाऊ मुझे इतना मजबूर कर दो।


अपनी बेवफाई को मजबूरी बता गई,

आज फिर वो एक समझोता कर गई।


हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो,

हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो।


Majburi Shayari in Hindi

बेशक थोड़ा तो हम भी चाहने लगे थे तुझे,

तेरी पाबंदियों नें दूर जाने को मजबूर कर दिया।


Majburi Shayari in Hindi

मजबूर रहे हम दोनो अपने अपने दायरे मैं,

वो मोहब्बत निभा ना सका मैं मोहब्बत भुला ना सका।


हँसना कभी कभी मजबूरी बन ही जाता है,

वो जिंदगी का उसूल है हँसो यारो।


बाहों में नहीं है वो कोई बात नहीं साहब,

अभी ये दूरियाँ तो मजबूरी हैं ज़िन्दगी के लिए।


तक़दीर की बातें बहुत करता था वो,

वक़्त आनें पर ख़ुद को मजबूर बता के चलता बना वो।


Majburi Shayari

हम मजबूरी में काम करते रह हर वक़्त,

जब लौट के आये कोई था ही नहीं हमारा।


Majburi Shayari in Hindi

वो इस क़दर हमसे दूर जानें को तैयार हो गया,

जैसे कि हमनेँ उसे मजबूर किया था मोहब्ब्त के लिए।


उसके इज़हार को मना करना मजबूरी थी मेरी,

उससे इश्क़ करके छोड़ देना हमसे हो नहीं पाएगा।


उसका घर तबाह किया गया सबके सामनें,

लोगों ने बाद में कहा की मजबूरी थी चुप रहना।


अब हम थोड़े पुरानें खयाल के हैं क्या करें,

हमसे ये नए नए ट्रेंड नहीं होते ज़रा मजबूरी भी तो समझा कीजिए।


Majburi Ki Shayari

इन फासलों को हमारी मजबूरी न समझना,

सुना था इश्क में दूरियां बेहतर होती हैं।


Majburi Shayari in Hindi

सवाल समझ कर भी जो जबाब ना दे पा रहा हो,

सोचो ज़रा कितना मजबूर होगा वो।


किसी को बांध कर रखना फितरत नहीं मेरी, 

मैं प्रेम का धागा हूं मजबूरी की जंजीर नहीं।


गर्दिश तो चाहती है तबाही मेरी मगर,

मजबूर है किसी की दुआओं के सामने।


दोनों ही मजबूर रहे अपने अपने दायरे में,

एक इश्क़ कर ना सका औऱ एक इश्क़ भुला ना सका


Majburi Shayari Image

दोनों ही मजबूर रहे अपने अपने दायरे में,

एक इश्क़ कर न सका एक इश्क़ भुला न सका।


Majburi Shayari in Hindi

सुनना नही चाहता मैं किस्से तेरी मजबूरियों के,

में खुद मजबूर हूँ मुझे अब मोहब्बत नही करनी।


हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,

बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम।


मैं दिया हूँ मेरी फ़ितरत है उजाला करना,

वो समझते हैं कि मजबूर हूँ जलने के लिए।


कुछ मजबूर करती है उसकी यादें,

कुछ मुझे भी लिखना अच्छा लगता है।