Narazgi Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है नाराजगी शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
उदास हूं लेकिन तुझसे नाराज नहीं,
अफसोस ये है की तेरे दिल में हूं लेकिन तेरे साथ नहीं।
हमें लगा था वो नाराज है हमसे,
हम गलत थे वो तो तंग है हमसे।
तुमसे नाराज़ होकर कहां जायेंगे रोयेगे याद करेंगे
और फिर आपके पास ही तो लौट आयेंगे।
ना राज है जींदगी ना नाराज है जींदगी,
बस जो भी है वो आज है जींदगी।
तुमसे नाराज़ हो कर तुमसे ही बात करने का मन,
यह दिल का मसला समझ ना पाए हम।
Narazgi Shayari for Girlfriend
थका हुआ हूं थोड़ा ज़िंदगी भी थोड़ी नाराज़ हैं,
पर कोई बात नहीं ये तो हर रोज़ की बात हैं।
इक रोज़ मैं भी किसी शाम सूरज की तरह ढल जाऊंगा,
कहो फिर किस से होगे नाराज़ होगे और कौन तुम्हे मनाएगा।
किसी को मनाने से पहले ये जरुर देख लेना,
वो आपसे नाराज है या परेशान।
मंजिल का नाराज होना भी जायज था,
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे।
यहां सब खामोश हैं कोई आवाज नहीं करता,
सच बोलकर कोई किसी को नाराज नहीं करता।
कुछ इस तरह नाराज है वो हमसे,
जैंसे उसे किसी ओर ने मना लिया हो।
मुझसे नाराज़ हैं तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ए जिंदगी मेरा रोज रोज तमाशा न बनाया कर।
मन हो जाता जब कभी मन से ही नाराज़,
मन फिर सुनता ही नहीं,मन से मन की बात।
तुम नाराज हो जाओ रूठो या खफा हो जाओ,
पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो की जुदा हो जाओ।
रूठ कर लड़ने का हक़ दिया था तुम्हें,
नाराज़ हो कर चुप रहने की कोई बात न हुई थी।
मैं कोई हक नही रखता किसी से नाराज़ होने का,
मुझ से खुद रूठ जाता है मेरे घर का आइना।
मेरी किरदार में बस कमी बहुत है,
अच्छाई बस इतना की तुम्हे नाराज नहीं कर सकता।
तु मिल गई है तो मुझ पे नाराज है खुदा,
कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है।
पहले एक मिनट भी बात ना करूं तो नाराज हो जाती थी,
आज मन नहीं है कहकर उसनेे मेरा फ़ोन काट दिया।
मंजिल का नाराज होना भी जायज था,
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे।
ए मेरे नाराज़ लम्हें तू मुझसे मिल तो सही,
इस जमाने से अलग होकर गुजारूं तुझको।
चार दिन की जिंदगी है ,
और वो तीन दिन से तू नाराज हैं।
क्यों तुझसे नाराज रहे हम,
क्यों रखें इतना सा भी वास्ता।
नाराज़ होना भी छोड़ दिया है तुमने,
इतनी नाराजगी भी ठीक नहीं।
मुट्ठी भर माफी के बीज बिखेर दो, नाराज दिलों की जमीन पर,
बारिश का मौसम आया है शायद अपनापन फिर से पनप जाए।
मेरी जान बात सुनो नाराज हो क्या,
तुम तो इतने गौर से पढ़ रहे हो मेरी जान हो क्या।
हम चाह कर भी तुमसे ज्यादा देर तक नाराज नही रह सकते,
क्योंकि तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान में मेरी जान बसती है।
तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का,
एक तेरा चेहरा देख हम अपना गम भुलाते है।
आप तो मोहब्बत कीजिए साहिब,
नाराज़ तो हमसे ज़माना रहता है।
सुनो जब वो मुझसे नाराज होती है तब मुझे,
दुनिया की सबसे महँगी चीज उसकी मुस्कान लगती है।
थोड़ा खुद से नाराज हूं आजकल,
वरना चाय मै खुद बनाता तुम्हारे लिए।
आखिरी मुलाकात में बिंदी लगाकर आयी थी,
वो नाराज़ थी या मुझको मनाने आयी थी।
थोड़ा सा नाराज होकर देखो किसी से,
वक्त नहीं लगेगा वो भूल जाएंगे तुमको।
जो काबिल है तू उसके लयक नहीं,
नाराज तो वो तुजसे है क्युकी तू उसके काबिल नहीं है।
नाराज होकर तुम्हारा यू DP हटा लेना,
हमारे लिए तो ये ही भारत बंद जैसा है।
तु मिल गई है ताे मुझ पे नाराज है खुदा,
कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है।
गलती मेरी ना होने पर भी,
माफी अक्सर मैं मांग लिया करता था।
मैं खुद को नाराज़ कर,
उनको मना लिया करता था।
तू नाराज़ सी लगती है कोई तरकीब बता मनाने की,
मैं खुशियां निछावर कर दूंगा क़ीमत तो बता मुस्कुराने की।
मेरी फितरत मे नही है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते है जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।
नराज हो कर भी नराज नहीं होते,
ऐसी मोहब्बत है तुमसे।
उन लम्हों से आज भी नाराज हूँ जिन लम्हों में मैं तुमसे नाराज रहा,
क्यूँ नाराज नहीं हो पाता मैं तुमसे क्यूँ मुझमे तुम मुझसे ज्यादा हो।
मोहब्बत तो मोहब्बत है और हमेशा रहेगी फिर चाहे वो नाराज़ हो,
बेरुख़ी दिखाए ख़ामोश हो जाए,जलाये या भूल जाए।
क्यूँ नाराज नहीं हो पाता मैं तुमसे,
क्यूँ तुम मुझमे मुझसे ज्यादा हो।
उन लम्हों से आज भी नाराज हूँ जिन लम्हों में मैं तुमसे नाराज रहा,
नाराज तो नहीं थे तेरे जाने से मगर हैरान थे कि तुमने मुड़ कर भी नहीं देखा।
Narazgi Shayari
ग़िला जो मैं करूँ तो नाराज़ होते हो क्यों,
है इश्क़ तुमसे तो मेरा हक़ भी वाज़िब है।
तुमने नाराज होना छोड़ दिया,
इतनी नाराजगी भी ठीक नहीं।
आप तो मोहब्बत कीजिए साहिबा ,
नाराज़ तो हमसे ज़माना रहता है।
कोई कहे जाके जुगनू से,
उसकी तितली उससे नाराज़ है।
अपनी उम्मीद की टोकरी को खाली कर दीजिये,
परेशानियां नाराज होकर खुद चली जायेंगी।