Bewafa Dost Shayari 2 Lines: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है बेवफा दोस्त शायरी। दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है लेकिन उसमे भी कुछ दोस्त बेवफा होते है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मुझे दोस्ती के दावे नहीं आते यार,
बस एक जान है जब दिल चाहे मांग लेना।
वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त,
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले।
मोहब्बत करने वालो को वक़्त कहा जो गम लिखेगे,
ए दोस्तों कलम इधर लाओ इनके बारे में हम लिखेगे।
चांद अधूरा है सितारों के बिना,
गुलशन अधूरा है फ़व्वारों के बिना,
समुंदर अधूरा है किनारों के बिना,
हम लोग अधुरे है तुम जैसे दोस्तों के बिना।
कैसे बयां करू अपनी मोहब्बत को चन्द अल्फाजों में लिखूं कैसे मै,
लो बस तुम्हारा नाम लिख के मुकम्मल इश्क़ की दास्तां करते है।
सच्चे दोस्त वो होते हैं जो आपके उदास होने पर,
आपको खुश करने के लिए कुछ भी कर सकते हों।
मत कर मेरे दोस्त हसीनो से मोहब्बत।वो तो आँखों से वार करती हैं,
मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है वो तो साली मुझ से भी प्यार करती है।
सब की ज़िन्दगी में खुशियाँ देने वाले दोस्त तेरी ज़िन्दगी में कोई गम न हु,
तुझे तब दोस्त मिलते रहे अच्छे अच्छे जब इस दुनियां में हम न हो।
किसी दिन तुम्हारी याद ना आये तो,
मुझे मतलबी ना समझ लेना मेरे दोस्त
क्या करूँ इस छोटी से उम्र में परेशानी बहुत है
तेरी दोस्ती के लिए अपना दिल तोड़ सकता हूं,
लेकिन अपने दिल के लिए तेरी दोस्ती नहीं तोड़ सकता।
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नहीं था,
लेकिन समय सबके पास था आज सबके पास घड़ी है
पर समय नहीं।
खता मत गिन दोस्ती में कि किसने क्या गुनाह किया,
दोस्ती तो एक नशा है जो तूने भी किया और मैंने भी किया।
वैसे तो मुझे घूमने का कोई शौक नहीं है पर घूमता हूँ,
क्योंकि मेरे दोस्त को मेरे साथ घूमना अच्छा लगता है।
दोस्ती सिर्फ पास होने का नाम नही,
अगर तुम दूर रहकर भी हमें याद करो,
इससे बड़ा हमारे लिए कोई इनाम नही।
इस दोस्ती को दोस्ती ही रहने दो न,
ऐसा क्या गुनाह किया है मैंने जो प्यार करना सिखा रहे हो।
अब बिना मतलब के दोस्तों का मिलना भी नसीब नहीं होता,
वो भूल जाते है हमें जब हमसे कोई काम नहीं होता
सब कुछ मिलेगा इस दुनियां में लेकिन
पुराने दोस्त और उनके साथ बिताए अनमोल पल लौट के नहीं मिलने वाले।
दोस्त कितना भी गंदा हो उसे कभी मत छोड़ना यार,
क्योंकि पानी कितना भी गंदा हो आग बुझाने तो काम आता है।
की नशा सिगरेट का होता तो छुट्टी गयी होती,
लत दोस्ती की लगी हैँ जान के साथ जाएगी।
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है,
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी।
पागल है वह लोग जो सोचते हैं की हमारी दोस्ती की एकता को,
तोड़ देंगे, बेटा कोशिश भी ना करियो वरना हड्डियां पूरी 206 तोड़ देंगे।
तेरी दोस्ती के दीवाने हैं इसलिए, हाथ फैला दिए ए दोस्त,
वरना हम तो खुद की जिंदगी के लिए भी दुआ नहीं करते।
मेरा कोई दोस्त नहीं है तुम्हारे सिवा,
और अब तुम भी दूर-दूर रहने लगे हो,
मुझे फिर से अकेला नहीं होना यार।
चिरागों से अगर अंधेरे दूर होते तो चांदनी की चाहत किसे होती,
कट सकती अगर ये जिंदगी अकेले तो, दोस्त नाम की चीज ही क्यों होती।
प्यार के लिए क्या दोस्त छोड़ दू इतना मैं नादान हूं क्या,
तू जान है और वो सास है मेरी जीने के लिये सास लेना छोड़ दू इतना पागल हूं क्या।
कल तुमने देखा मैने देखा आंखो ही आंखो में एक याद बन गए,
और अब दोस्ती गहरी करने के लिए एक बार मुलाकात हो जाए।
आज मैं अकेला हूँ तो क्या हुआ दोस्तो,
एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा।
दोस्ती सहल थी मुश्किल कभी ऐसी तो न थी,
दुश्मन इक दो थे ये महफ़िल कभी ऐसी तो न थी।
Bewafa dost shayari 2 Lines
दोस्ती सरल थी मुश्किल कभी ऐसी तो न थी,
दुश्मन इक दो थे ये महफ़िल कभी ऐसी तो न थी।
जिनके दिल पे चोट लगती है ना दोस्तों,
वो आंखों से नहीं दिल से रोते है।
इस दुनिया से थोड़ा संभल कर रहा करो मेरे दोस्त,
यहां लोग खुशियां छीन कर के कहते हैखुश रहो।
एक चाहत होती है दोस्तों के साथ जीने की जनाब,
वरना पता तो हमें भी है कि मरना अकेले ही हैं।
हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नहीं रखते,
दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त रखते हैं।
ना पैसा लगता है ना खर्चा लगता है,
जरासा मुस्कुरा कर देख मेरे दोस्त दिल को अच्छा लगता है।
ए खुदा कोई तो मिले एतबार के काबिल,
अब तो दोस्त भी धोखा देते हैं प्यार के खातिर।
दोस्ती का फ़र्ज़ यूँ ही निभाते रहेंगे,
वक्त बेवक्त आपको सताते रहेंगे,
दुआ करो के उम्र लम्बी हो हमारी,
वरना याद बन के आपको सताते रहेंगे।
जो तू चाहे वो तेरा हो, रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला, कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो।
न रिश्ता इसका खून से है न ही रिश्ता ये कोई परिवार का है,
ये दोस्ती एक ऐसा एहसास है जो लगता हैं कि जन्मो जन्मो से साथ है।
दोस्तों जानता हूँ मशहूर बहुत हे मेरे अल्फाज और शायरी,
मगर एक पगली ऐसी भी हे जो मुझसे मनाई नही जाती।
Read Also: