100+ Desh Bhakti Shayari in Hindi - देशभक्ति पर बेहतरीन शायरी

Desh Bhakti Shayari: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है देशभक्ति शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगा और इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।

शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे, 

भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे


Desh Bhakti Shayari in Hindi

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा, 

मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा.


दूध और खीर की बात करते हों हम तुम्हे कुछ भी नही देंगे, 

कश्मीर की तरफ नजर भी उठाया, तो लाहौर भी छीन लेंगे।


तिरंगे ने मायूस होकर सरकार से पूछा कि ये क्या हो रहा हैं, 

मेरा लहराने में कम और कफन में ज्यादा इस्तेमाल हो रहा हैं।


भारत का वीर जवान हूँ मैं ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं,

जख्मो से भरा सीना हैं मगर दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं भारत का वीर जवान हूँ मैं।


दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, 

सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान है।


इंडियन होने पर करीए गर्व मिलके मनाएं लोकतंत्र का पर्व, 

देश के दुश्मनों को मिलके हराओ हर घर पर तिरंगा लहराओ।


वो ज़िन्दगी क्या जिसमे देश भक्ति ना हो, 

और वो मौत क्या जो तिरंगे में  लिपटी ना हो।


देश भक्तो के बलिदान से स्वतंत्र हुए है हम,

कोई पूछे कौन हो तो गर्व से कहेंगे भारतीय है हम।


शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा।


Desh Bhakti Shayari 2 Line

लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,

उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

दिवाली में बसे अली रमजान में बसे राम,

ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान।


ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें, भी परेशान हो जाएँ,

अगर परिंदे भी हिन्दू और मुसलमान हो जाएँ


शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो,

होठों पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो


इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है, 

झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है।


झुक के करो सलाम उनको जिनके भाग में ये मुकाम आता है, 

खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है।


तीन रंग का है तिरंगा ये ही मेरी पहचान है शान देश की,

आन देश की हम तो इसकी ही सन्तान हैं।


दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, 

सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं।


देश भक्तो की बलिदान से स्वतंत्र हुए है हम,

कोई पूछे कोन हो तो गर्व से कहेंगे भारतीय है हम।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

ना जियो धर्म के नाम पर ना मरों धर्म के नाम पर,

इंसानियत ही है धर्म वतन का बस जियो वतन के नाम पर।


बलिदानों का सपना सच हुआ देश तभी आजाद हुआ,

आज सलाम करें उन वीरों को जिनकी शहादत से ये गणतन्त्र हुआ।


जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं, 

कड़ी ठंड गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता हैं।


मैं जला हुआ राख नही अमर दीप हूँ, 

जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ।


कर जज्बे को बुलंद जवान तेरे पीछे खड़ी आवाम,

हर दुश्मन को मार गिराएंगे जो हमसे देश बँटवाएंगे।


आन देश की शान देश की इस देश की हम संतान हैं,

तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान है।


सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ,

दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ।


देशभक्ति शायरी हिन्दी मे

देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें,

अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं,

सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।


मन को खुद ही मगन कर लो कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो।


भारत की फ़जाओं को सदा याद रहूँगा, 

आज़ाद था आज़ाद हूँ आज़ाद रहूँगा।


फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती, 

ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के नहीं की जाती।


दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगें, 

आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें।


दिवाली में बसे अली रमजान में बसे राम, 

ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान।


ना पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है हमारी,

पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं।


Desh Bhakti Shayari Hindi

न आरजू जन्नत की ना ही मौत की फिक्र, 

चाहती हैं जिंदगी बस शहीदों में हो जिक्र।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

ऐसे ही अपने प्यारे तिरंगा को लहरायेगे, 

पूरे विश्व में हम फौजी भारत का नाम बढायेगे।


हर फौजी को पता होता है वह जिन्दा वापिस घर लौटेगा या नही, 

लेकिन जब भी लौटेगा उसका बदन तिरंगे से ही लिपटा होगा।


मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ,

यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ।


मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,

तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।


जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है,

अपने खून से जिस जमीं को सींचा उन बहादुरों को सलाम है।


जो अब तक ना खौला वो खून नहीं पानी है,

जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी है।


खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है,

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।


अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,

इसीलिए मेरा भारत महान है।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

रात होते ही आप नींद में खो जाते है,

सूरज ढलते ही वो तैनात हो जाते है।


तैरना है तो समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं,

प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा हैं।


अपनी धरती अपना हैं ये वतन, मेरा है मेरा है ये वतन,

इस पर जो आंख उठाएगा, 

जिंदा दफना दिया जाएगा मुझे जान से भी प्यारा है ये वतन।


देश के लिए प्यार है तो जताया करो किसी का इन्तजार मत करो,

गर्व से बोलो जय हिन्द अभिमान से कहो भारतीय है हम।


लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,

मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।


जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं,

जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।


चैन ओ अमन का देश है मेरा इस देश में दंगा रहने दो,

लाल हरे में मत बांटो इसे शान ए तिरंगा रहने दो।


करता हूँ भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले,

हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर, या फिर कभी जिंदगी न मिले


Desh Bhakti Shayari 2 Line

जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,

जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो,

हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन,

मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

दिलों की नफरत को निकालो,

वतन के इन दुश्मनों को मारो,

ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन,

भारत माँ के सम्मान को बचा लो।


कुछ नशा तिरंगे की आन का है,

कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,

हम लहराएंगे हर जगह,

ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है।


गूंज रहा है दुनिया में भारत का नगाड़ा,

चमक रहा आसमान में देश का सितारा,

आजादी के दिन आओ मिलकर करें दुआ,

की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा।


जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है,

अपने खूं से जिस जमीं को सींचा,

उन बहादुरों को सलाम है।


मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए

बस अमन से भरा यह वतन चाहिए

जब तक जिन्दा रहूं इस मातृ-भूमि के लिए

और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये


ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई,

मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,

नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई,

मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता।



कतरा  कतरा भी दिया वतन के वास्ते ,

एक बूँद तक ना बचाई इस तन के वास्ते ,

यूं तो मरते है लाखो लोग हर रोज़ ,

पर मरना तो वो है जो जान जाये वतन के वास्ते।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

आओ झुक कर करें सलाम उन्हें,

जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,

कितने खुशनसीब हैं वो लोग,

जिनका खून वतन के काम आता है।


खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,

मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो,

लाल हरे रंग में ना बाटो हमको,

मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।


इस तिरंगे को कभी मत तुम झुकने देना,

देश की बढ़ती शान को तुम कभी न रुकने देना,

यही अरमान है बस अब इस दिल में, कि ऐसे ही आगे तुम बढ़ते रहना।


तीन रंग का नही वस्त्र ये ध्वज देश की शान हैं,

हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान हैं,

यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैं,

और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।


मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ,

यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,

मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,

तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।


खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,

मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,

करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,

तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।


ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,

ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,

पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,

कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।


लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,

मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा,

मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,

मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए

बस अमन से भरा यह वतन चाहिए

जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए

और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये।


इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना

रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना

लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने

ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना


आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे

शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे

बची हो जो एक बूंद भी लहू की

तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।


देशभक्तों से ही देश की शान है,

देशभक्तों से ही देश का मान है,

हम उस देश के फूल हैं यारों,

जिस देश का नाम हिंदुस्तान है।


लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,

भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर,

ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर,

कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर।


गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है,

सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है,

दिल से तुमको नमन हैं करते ये आजाद वतन जो दिलाया है।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,

कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,

हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,

नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

न मरो सनम बेवफा के लिए,

दो गज जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए,

मरना है तो मरो वतन के लिए,

हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए


किसी को लगता हैं हिन्दू ख़तरे में हैं,

किसी को लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,

धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारों,

पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं


चढ़ गये जो हँसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली,

हम उनको प्रणाम करे हैं, जो मिट गये देश पर,

हम सब उनको सलाम करते हैं


आओ झुककर सलाम करे उनको,

जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,

खुशनसीब होते हैं वो लोग,

जिनका लहू इस देश के काम आता है


गीले चावल में शक्कर क्या क्या गिरी,

तुम भिखारी खीर समझ बैठे,

चंद कुत्तो ने पाकिस्तान जिंदाबाद क्या बोला,

तुम कश्मीर को अपने बाप की ज़ागीर समझ बैठे


ऐ पाक, तेरा ख़्वाब नजारा ही रहेगा,

तू क़िस्मत का मारा है मारा ही रहेगा,

तेरे हर सवाल का जबाब करारा ही रहेगा,

कश्मीर हमारा हैं और हमारा ही रहेगा।


दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत,

हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत

दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,

दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत।


Desh Bhakti Shayari in Hindi

हर वक़्त मेरी आँखों में धरती का स्वप्न हो, 

जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न हो, 

और कोई ख्वाहिश नहीं है ज़िन्दगी में, 

जब कभी भी जन्मु तो भारत मेरा वतन हो।


अपनी धरती अपना हैं ये वतन, मेरा है मेरा है ये वतन,

इस पर जो आंख उठाएगा जिंदा दफना दिया जाएगा,

मुझे जान से भी प्यारा है ये वतन।


देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है,

भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है,

भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है।


आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे, 

शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे, 

बची हो जो एक बूंद भी लहू की,

तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।


अपनी धरती अपना हैं ये वतन, मेरा है मेरा है ये वतन,

इस पर जो आख उठाएगा, जिंदा दफना दिया जाएगा

मुझे जान से भी प्यारा है ये वतन..


किसी को लगता हैं हिन्दू ख़तरे में हैं,

किसी को लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,

धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारों,

पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं।


Desh Bhakti Shayari

ये बात हवाओ को भी बताये रखना, 

रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, 

लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की,

ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।



मेरे देश तुझको नमन है मेरा,

जीऊं तो जुबां पर नाम हो तेरा

मरूं तो तिरंगा कफन हो मेरा।


करीब मुल्क के आओ तो कोई बात बने,

बुझी मशाल को जलाओ तो कोई बात बने,

सूख गया है जो लहू शहीदों का,

उसमें अपना लहू मिलाओ तो कोई बात बने।


साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,

तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,

कहते है, कि किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,

उसे मिटा के खुद गढ़ने का मजा ही कुछ और है।


दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत,

हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत

दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,

दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत


अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही,

सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही।


वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,

मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।


बस ये बात हवाओं को बताये रखना, 

रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना, 

लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने, 

उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना।


कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं, 

कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं, 

हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, 

नशा ये हिन्दुस्तान की शान का हैं।


करीब मुल्क के आओ तो कोई बात बने,

बुझी मशाल को जलाओ तो कोई बात बने,

सूख गया है जो लहू शहीदों का,

उसमें अपना लहू मिलाओ तो कोई बात बने।


मेरे देश का नाम और भी खूबसूरत और भी ऊंचा

मेरे देश का नाम हो जाये काश कि हर हिंदू विवेकानंद

और हर मुस्लिम कलाम हो जाये।


किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,

मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,

मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,

मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।


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