Sad Shayari for Boys: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह हम फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है लड़कों के लिए शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
चलो हँसने की कोई हम वजह ढूंढते हैं,
जिधर न हो कोई गम वो जगह ढूंढते है।
सब तरह की दीवानगी से वाकिफ हैं हम,
पर मां जैसा चाहने वाला जमाने में कोई नहीं है।
जहां पत्तियां नहीं झड़ती
वहां बसंत नहीं आता।
छोड़ कर ख़ुद्दारियां जिसके लिए आ गयी घुटनों पर,
बार-बार बेवफ़ाई के चाबुक़ मारता रहा वो मेरे खुले हुए ज़ख़्मों पर।
भरोसा टूटने की आवाज़ नहीं होती,
लेकिन गूंज जिंदगी भर सुनाई देती है।
बाहर से मरे तो दुनिया दफना भी दे,
अंदर से जो मर जाए कोई तब क्या रस्म की जाए।
भरोसा ना करना किसी बेवफ़ा पर यारों,
इनकी चालें बदलती हैं आदतें नहीं।
ख़ुद में कमियां ढूंढेगा उसपे इल्ज़ाम भी लगाएगा,
नया नया दिल टूटा है इसका थोड़ा तो छटपटाएगा।
सुकून में इसलिये भी हूँ क्यूंकि,
धोखा सिर्फ खाया है किसी को दिया नहीं।
हंसने की चाहत में,
आँसू इतने गिरेंगे पता न था मुझे।
मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे।
में अपने आप से इतने सवाल करता हूँ
बेहतर है मौत कफ़न तो देती है,
बस जिंदगी का चले तो कपड़े उतार ले।
ये हमेशा हंसते- मुस्कुराते लोग,
जरा सा प्यार से गले लगावो तो रो देते हैं।
जहन्नुम बना दी उस शख्स ने जिंदगी मेरी,
जिसके साथ जन्नत तक जाने के ख़्वाब देखे थे।
कहीं ख़त्म ना हो जाए मेरे सब्र का हौसला,
या रब,ये दर्द मुझे दीमक की तरह, चाटे जा रहा है।
माना कि लुट गए हम, वफ़ादारी के बाज़ार में,
बताओ तुमने क्या हासिल किया ईमान का सौदा कर के।
कुछ गुनाहों की सजा माफी नहीं है,
मैंने तुम्हें अभी तक कुछ न कहा,
क्या सिर्फ इतना काफी नहीं है।
हम टूटे हुए लोग यूंही नहीं मुस्कुराते,
हम गमों से छीनकर लाते हैं खुशी अपनी।
मैं इंतज़ार में हूँ कि एक दिन गन्तव्य ख़ुद अपनी चिट्ठी ढूँढ़ेगा,
किनारा नाव तक आ पहुँचेगा और तुम मुझ तक।
जिम्मेदारियों की एक खूबी होती है,
यह आपको कभी बिगड़ने नहीं देती।
कौन रोएगा हमारी खातिर मेरे यार,
हम तो वो हैं जो खुद पर भी हंस लेते हैं।
रात का वो सन्नाटा गवाह है मेरा,
मैंने ख़ुद को तेरे लिए रोते हुए देखा है।
हो पछतावा तुम्हें तुम्हारे फैसलों पर,
करूंगा मैं उस हद तक काबिल ख़ुद को।
किसी को दाग समेत अपना बुला सको,
तो ही उसको अपना चांद बुलाना।
जब उसने कहा तुम्हारी सोच ही घटिया है,
उस वक्त मैं उसी को सोच रही थी।
दिल का दरवाजा भले बंद भी कर लो तुम,
ये प्रेम है खिड़कियों से भी दस्तक दे जाएगा।
यूं तो जीत लेते हैं हम दिल हर किसी का पर कमबख्त ,
अभी मंजर ये है कि अपना भी हारे बैठे हैं।
रिश्ते संभाले नहीं जाते मुझसे,
अब नए बनाने से डर लगता है
हमदर्दी से पेश मत आओ,जनाब,
मेरा दर्द बुरा मान जाता है।
मुदत्तो बाद भी नहीं मिलते, हम जैसे नायाब लोग,
तेरे हाथ क्या लग गए तुमने तो हमें आम समझ लिया।
नींद हराम हो जाती है अधूरे इश्क के बाद,
किसी को भूल कर सो जाना आसान नहीं होता।
तुमने सिर्फ़ इश्क सुना है पढ़ा है देखा है,
हमने इश्क किया है जिया है हारा है सहा है।
मेरी चीख ने एक भीड़ तो इक्ट्ठा की लेकिन,
मेरा पुकारा हुआ शख्स नहीं आया।
मैं इश्क़ का फ़कीर हूं साहिब,
खैरात में चाहता हूं महबूब को।
महोब्बत दो लोगो के बिच का नशा है,
जिसे पहेले होश आ गया वो बेवफा है।
तुम्हारे माथे पर सजाया गया सिंदूर,
मेरी उम्मीद खत्म कर सकता है, प्रेम नहीं।
कुछ मिला कुछ मिलते मिलते छूट गया,
शायद सपना था जो आंखें खुलते ही टूट गया।
लुटा दिए सारे तरीके मैंने तुमसे नज़रे मिलाने के,
अब ढूंढ लो बहाने तुम भी मेरे करीब आने के।
नशा चढ़ता है हम पर तुम्हे सोचने भर से,
मुलाकात का आलम क्या होगा खुदा खैर करे।
प्रेम की उम्र नहीं होती ना ही दौर होता है,
प्रेम तो प्रेम है जब होता है बेहिसाब होता है।
सूनसान सी लग रही है आज ये शायरों की महफ़िल,
क्या किसी के दिल में अब दर्द नहीं रहा।
जिस पर हम मर मिटे उसने हमें मिटा दिया,
वाह क्या खूब उसने मोहब्बत का सिला दिया।
माना कि अनमोल हैं हसरत-ए-नायाब हैं आप,
हम भी वो लोग हैं जो हर दहलीज़ पर नहीं मिलते।
अपनी मोहब्बत को वो अंज़ाम दे दूँ,
अपने हुनर को मैं तेरा नाम दे दूँ।
सिमट गया मेरा प्यार चन्द लफ़्हज़ों में,
उसने कहा प्यार तो है पर तुमसे नहीं किसी और से।
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में,
की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया।
दिल बड़ा होना चाहिए,
बातें तो सब बड़ी बड़ी करते है।
बिन फेरे के ही तय हो गया हमारा एक दूसरे का होना,
हमने प्रेम में अग्नि से पहले ईश्वर को साक्षी माना था।
इश्क़ वाजिब था हम़ पर जो हमनें कर लिया,
वफा फर्ज हैं उन पर देखें अब़ वो क्या करते हैं।
वक़्त का करम है हम पर,
जो तुमसे वक़्त रहते दूर हो गए।
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद,
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता।
बहुत हौसले वाला लड़का था वो
पर उसे भी मैंने देखा है किसी की याद में रोते हुए।
यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नहीं लगती,
मगर लोग तेरे नाम से छेड़ें तो बुरा भी नहीं लगता।
अपने ही दुख महसूस नहीं होते,
मुझे इस दुनिया ने पत्थर बना दिया।
सच बडी क़ाबलियत से छुपाने लगे है हम,
हाल पूछने पर बढिया बताने लगे है हम।
दिखूं मैं तेरी आँखों में तू मेरी आँखों मे दिखा कर,
अच्छा लगेगा मुझे कभी मेरे लिए भी तो लिखा कर।
अकेला था तो कलम बस दर्द लिखती थी,
तुम्हारे आने से कलम अब तुम्हे ही लिखती है।
लबों तक आकर भी जुबां पर न आए,
मोहब्बत में सब्र का वो मुकाम हो तुम।
मुझे ज़िन्दगी की दुआ देने वाले,
हंसी आ रही है तेरी सादगी पर।
खुदा तो इक तरफ खुद से भी कोसों दूर होता है,
इंसान जिस वक्त ताकत के नशे में चूर होता है।
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
ज्ञान तो वही हैं जो किरदार में झलके।
कागज के बेजान परिंदे भी उड़ते है दोस्तों,
बस डोर सही हाथ में होना चाहिए।
कैसे तुम भूल गए हो मुझे आसानी से,
इश्क़ में कुछ भी तो आसान नहीं होता है।
राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है,
वो नज़र छुपा के मुझे देख रहा हो जैसे।
किसी की बद्दुआ की गिरफ्त में हूँ मैं,
मुझे मेरे नसीब की मोहब्बत नहीं मिली।
तेरी नफरत बता रही है ,
मेरी मोहब्बत गजब की थी।
मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था,
दिल के टुकड़े हो गये पर लोगो ने कहा वाह क्या निशाना था।
लोगों को शोर में नींद नहीं आती,
मुझे एक इंसान की खामोशी सोने नहीं देती।
तबस्सुम इत्र जैसा है हँसी बरसात जैसी है,
वो जब भी बात करती हैं तो बाते भीग जाती है।
तुझे चंद शायरी में कैसे मै बयां कर दूं,
मेरे जन्मों का ख़्वाब और वर्षों का इंतजार है तू।
मोहब्बत है तुमसे इसलिए खूबसूरत लगती हो,
खूबसूरत हो इसलिए मोहोब्बत नही है।
कितना सुकूँन है तुझे चाहने में,
और तुझसे कुछ ना चाहने में।
लफ्ज़ो पर बंदिशे है तो तू ये इलाज कर,
आचार संहिता लगी है तो ईशारो में बात कर।
कलम से लिख नहीं सकते उदास दिल केे अफ़साने,
हम तुम्हे दिल से याद करते है बाकी तुम्हारे दिल की खु़दा जाने।
रवैया बहुत खराब है अभी मेरे हालातों का,
लोग बहुत जल्दी बुरा मान जाते हैं मेरी बातों का।
उस शख्स सा सुकून मेरे अक्स में नही,
दिल भी उसी के रक्स में है बस में अब नही।
सांसे तो रोक लू अपनी,ये तो मेरे बस में है,
यादें कैसे रोकू तेरी तू तो मेरी नस-नस में है।
कभी मतलब के लिए तो कभी बस दिलगी के लिए,
हर कोई मोहब्बत ढूढ़ रहा है अपनी लाइफ के लिए।
हिम्मत तो इतनी थी कि समुद्र भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतना हुए कि दो बुंद आंसूओं ने डुबा दिया।
सूरज के बाद चाँद और चाँद के बाद सूरज,
गोल घूमती धरती पर ठहरने के भरम में हूँ।
मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,
मेरा कौन हैं ये सोचने में रात गुज़र जाती हैं।
बादलों की ओट से सूरज निकलने वाला है,
सफर जारी रखो वक्त बदलने वाला है।
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की ये बरसातें भी,
हम अक्सर बन्द कमरे में भीग जाते हैं।
रिश्तों की धूप थी शाम हुई और ढल गई,
अब उससे क्या गिला वो अगर भूल गई।
सुकूँ में है अगर वो बगैर मेरे,
सुकूँ पर उसके मैं हर खुशी लुटा दूँ।
न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे,
हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं।
इज़्ज़त करने पर आऊं तो मुझ सा बाअदब कोई नही,
किसी बात पर डट जाऊं तो बगावत मशहूर है मेरी।
स्पर्श वो नहीं जिसने शरीर को पाया हो,
स्पर्श वो जिसने आत्मा को गले लगाया हो।
लड़कों के लिए शायरी
लड़ते रहे हम तु तु करने वालो से
जी जी करने वाले हमारी जान ले गये
जमाने भर के रिश्तों से मुझे क्या लेना-देना,
बस इतना ही काफी है कि बहन मेरे साथ है।
याद ना दिलाओ वो पल इश्क़ का बड़ी लम्बी कहानी है,
मैं किसी और से क्या कहूं जब उनकी ही मेहरबानी हैं।
हमारी मुस्कुराहट पर न जाना
दिया तो क़ब्र पर भी जल रहा है।
मंजिल का नाराज होना जायज था,
तुम भी तो अनजान राहों से दिल लगा बैठे थे।
मुझे रख दिया छाँव में, खुद जलते रहे धूप में,
मैंने देखे है ऐसे फरिश्ते, माता पिता के रूप में।
रुला कर उसने कहा अब मुस्कुराओ और हम भी मुस्कुरा दिए,
क्यूंकि सवाल हंसी का नहीं उसकी ख़ुशी का था।
लोग समझते हैं के मैं तुम्हारे हुस्न पर मरता हूँ,
अगर तुम भी यही समझती हो तो सुनो
जब हुस्न खो दो तब लौट आना।
बे नाम जिंदगी की हक़ीक़त न पूछो,
कुछ पुर्खुलुस लोग थे बर्बाद कर गए।
उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ था।
मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो,
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।
में हमेशा डरता था उस खोने से,
उसने ये डर ही खत्म कर दिया मुझे छोड़कर।
मुझे नहीं मालूम वो पहली बार कब अच्छा लगा,
मगर उसके बाद कभी बुरा भी नहीं।