Emotional Love Shayari: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है इमोशनल लव शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
रात डूबी दिन उगा नहीं हुए रूबरू सितारे,
समेटे है दिल में कुछ दर्द तुम्हारे कुछ हमारे ।
तुमने रंग रंग का इश्क देखा है,
हमने एक ही इश्क मैं सब रंग देखा है।
आओ बैठो कुछ देर जिक्र करें उस ज़माने का,
जब तुम हमारे और हम तुम्हारे हुआ करते थे।
बोझ पलक़ो पे अब न होगा,
मैंने ख़्वाब काट डालें।
सब उसकी मोहब्बत के एहसास हैं ये,
वरना मेरा दिल क्या मेरी शायरी क्या।
मायने खो देते हैं वो जवाब,
जो वक़्त पैर नहीं मिलते।
फुर्सत मिले कभी तो तुम इतना बता देना,
वो कैसी मोहब्बत थी मैं तुम्हें ना दे सका।
तेरे दूर जाने के बाद ये एहसास हुआ जान,
किसी के चले जाने से किसी के नहीं निकलते है प्राण।
अब कभी नहीं होगी मोहब्बत सुना तुमने,
वो शख्स भी एक था और मेरा दिल भी।
मैं ने एहसास के धागे में पिरोया था उसे,
टूटा अगर मैं तो बिखर वो भी गयी होगी।
हर पल महसूस होते हो सिर्फ तुम,
अब चाहे तो इसे बस याद कह लो।
ख़ुद से मायूस हो के बैठा हूँ,
आज हर शख़्स मर गया होगा।
मेरी आँखे बहुत कुछ कहा करती हैं,
मगर मेरे अपने मेरे होंठ ही पढ़ते रहे।
दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर,
इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं।
हमेशा से मैं ना था सख्त दिल,
लोगो ने मेरे मासूमियत के साथ खेला है।
सांस कैंची की तरह चल रही है,
उम्र कपड़े की तरह कट रही है।
सफ़र-ए-जिंदगी का बस एक आयाम है,
राहें तो हैं बहुत पर मंजिल एक श्मशान है।
जिसके हिस्से में रात आयी है,
यकीन जानिये उसके हिस्से में चाँद भी होगा।
तन्हाई का दर्द कारवां नहीं समझता है,
क्यूं जमी की बात आसमां नहीं समझता है।
जाने किस ओर जा रहे हैं हम बस चले जा रहे हैं,
ये सफर है जिंदगी का जीना है जिए जा रहे हैं।
दूसरों को दर्द देते रहे अपनी बारी पे रहम चाहिए,
औरों का दर्द तमाशा और ख़ुद के लिए मरहम चाहिए।
इस आंख में कुछ चला गया था इस लिए ये लाल है,
अपनों से जूठ बुलवाती है ये मोहब्बत भी कमाल है।
जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।
ये लिखने का हुनर भी ऐसे ही नहीं आता,
टूटना पड़ता है लफ़्ज़ों को जोड़ने से पहले।
मैं उन्हें यूं रोक देता हूँ करीब आने से,
बहुत दर्द होता है जिनके दूर जाने से।
तुम दूर गये मजबूरी मे,
और हम टूट गये इस दुरी मे।
तेरी सादगी पर हम यूं चार चांद लगा देंगे,
तुम पहनना साड़ी हम तुम्हारी मांग में सिन्दूर सजा देंगे।
जज़्बातों का रिश्ता हुआ करती थी कभी मोहब्बत,
अब ये सिर्फ दो रातों का खेल ही बन कर रह गयी।
कुछ यादें बीतती ही नहीं है अब,
तमाम साल गुजरने के बाद भी।
रहना यूं तेरे ख्यालों में यह मेरी आदत है,
कोई कहता है इश्क कोई कहता इबादत है।
इन्सानो की इस दुनिया में बस यही तो एक रोना है,
अपने जज्बात जज्बात हैं दूसरों के खिलौना है।
फ़िर वही दिल की गुज़ारिश फ़िर वही उनका गुरूर,
फ़िर वही उनकी शरारत फ़िर वहीं मेरा कुसूर।
कोशिश इतनी है कोई रूठे ना हमसे,
नज़र अंदाज करने वालों से नज़र हम भी नहीं मिलाते।
जो एक बूँद के प्यासे होते हैं,
वो लोग अक़सर समंदर लिखते हैं।
न जाने कौनसी दौलत है कुछ लोगों के लफ़्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।
पत्थर ना समझ मुझे अब तू भी यहां,
तेरी हर बात का दिल पे असर होता है।
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए,
साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था।
अलविदा कह चुके है तुम्हे,
जाओ आँखो पर ध्यान मत दो।
शक से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते,
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता।
कर दिया ना फिर से तन्हा,
कसमें तो ऐसे खाते थे जैसे सिर्फ मेरे हो तुम।
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है,
चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता है।
क़िताब के खुले बेखबर पन्ने पन्नो पर लफ्ज़ों की इबारत है,
और इबारत पर बिखरे फूल जैसे तेरी यादों की इबादत है।
कुछ लोगों को दिल के साथ खेलने में अच्छा लगता है,
इसलिए तो मुझे मोहब्बत करने में डर लगता है।
बेकार है शायरी प्यार के बिना भी,
प्यार ही तो रंग भरता है गजल में।
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके वो दामन,
करीब से गुजर कर भी क्यों बिछड़ गए वो।
रब भी तो रूठा है मुझसे शायद,
अब मैं उसे मांगू भी तो किस से।
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते,
अच्छे लोगों की यही बात बुरी लगती है।
वादा है जब भी मिलोगे हर बार तुम्हें इश्क होगा,
मुहब्बत पुरी शिधत से होगी और प्यार बेपनाह होगा।
ईमोशनल लव शायरी
हमें भी आते हैं तमाम तरीके इजहार के,
मगर ज़िद है कि मोहब्बत है तो महसूस हो उसे।
मैं तेरा मातम मनाऊँगा लेकिन तेरा ग़म नहीं मनाऊँगा,
तारीख याद रखूँगा लेकिन तेरा जन्मदिन नहीं मनाऊँगा।
आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा,
दिन की यह पहली खुशी भी कमाल होती है।
समझते ही नहीं हैं वो मेरे अल्फाजों की गहराई,
मैंने हर लफ्ज़ कह दिया जिसे मोहब्बत कहते है।
हर लम्हा उसकी याद का पैगाम दे रहा है,
ना जाने क्यों ये इश्क मेरी जान ले रहा है।
जब जब मुझे लगा कि मैं तेरे लिए खास हूँ,
तेरी बेरुखी ने समझा दिया मैं जूठी आस हूँ।
तमाम रातें अपनी खुद ही तो बेकरार कर बैठा,
वो पतंगा न जाने क्यों चरागों से प्यार कर बैठा।
मिले वफ़ा मोहब्बत में अब वो दौर नहीं,
ये इश्क़ भी सिर्फ खेल है कुछ और नहीं।
सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के,
काश कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।
जब रूह में उतर जाता है बेपनाह इश्क़ का समंदर,
सबकी सुबह तो होती है मगर किसी और के अंदर।
एक तेरा दीदार मेरे सारे गमों को भुला देता है,
मेरी भी जिंदगी को बस ये जिंदगी बना देता है।
मजबूर नहीं करेंगे तुझे वापस आने के लिए,
बस एक बार आकर अपनी यादें तो ले जाते।
मैंने ये जिंदगी भी तो तेरे हवाले कर रखी है,
मै मर भी गया तो भी मेरा कुछ नहीं जाएगा।
गर मानोगे तो एक रूह का रिश्ता है हम सभी का,
ना मानोगे तब कौन क्या लगता है यहां किसी का।
कौन तुम्हारे पास से उठ कर घर जाता है,
तुम जिसको छू लेती हो वो मर जाता है।
हटा दो क़दमों के निशान भी मेरे रास्ते से अब,
चलते चलते तेरे पास न आ जाऊं फिर से कहीं।
ठुकरा दी मैंने जिल्लत भरी खुशियाँ,
इज्जत से गर गम मिले तो वही कुबूल हैं।
जनाजा रहबरी करता है पीछे चलने वालों की,
उन्हें रास्ता दिखाता है जो रास्ता भूल बैठे हैं।
सारी जिंदगी ही रखा है यूं रिश्तों का भरम भी मैंने,
लेकिन खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता कभी।
बार बार क्यों पूछते हो तुम मुकाम उसका,
कह दिया ना सिर्फ वो ही तो जिदंगी है मेरी।
चूड़ियों में भी मानो जान सी आ जाती थी,
उस की कलाइयों पर जब भी सजी देखीं।
बड़ा ही सितम ढाती हैं तेरे प्यार की यादें मुझ पर,
साये की तरह जाने क्यों मेरे साथ चलती रहती हैं।
सब कह रहे हैं किस्मत कि बात है,
मेरे बर्बादियों में सिर्फ तेरा हाथ है।
मुझे अपनी मौत का बहुत दुख हुआ,
मुझे इश्क और इश्क बेहद इश्क़ हुआ।
कोई पूछे न मुझसे कैसे हमने गुजारी है,
सासों पर दिन सारा दिल पर रात भारी है।
उस ने मुझसे पूछा कि क्या तुझे रोना इतना पसंद है,
मैंने भी बोल दिया जो रुलाता है वही पसंद है।
अपनी महफिल संवारने के लिए लोग इतना बदल जाते है,
भाई बहन के रिश्ते को भी सूली पर चढ़ा देते है।
फिर यूं हुआ कि हमने रवैय्ये सब समझ लिए,
फिर इसके बाद उस से कोई शिकायत नहीं रही।
निकाहनामे पर हम दोनों के दस्तख़त थे,
वो दुल्हन थी और मैं गवाह।
नज़र की प्यास तुझ पर ही खत्म होती है,
जुबां को जायका होठो पर तेरे नाम से आता है।
पागल है दिल रोज एक नई नादानी करता हैं,
आग मे आग लगाकर फिर पानी पानी करता हैं।
अधूरे इश्क़ में ही होती हैं बेपनाह चाहत,
मुकम्मल इश्क़ में तो लोगों को झगड़ते देखा हैं।
पहला इश्क़ को कैसे सच्चा कहूं,
पहली गेंद तो ट्राई बॉल होती है।
ना मुझे करनी है दोस्ती ना मोहब्बत का सफर करना है,
तुम खुश रहो अपनी जिंदगी मैं मुझे तन्हा शबो मैं रहना है।
हटा कर जुल्फें चेहरे से न छत पर शाम को जाना,
कहीं कोई ईद ना कर ले अभी रमज़ान बाकी है।
मजबूरियों के दौर में जान से भी ज्यादा प्यारे लोग,
बेशक बेवफा ना हों पर बदल जरुर जाते हैं।
फैसले लेना तुम्हारे बस की बात नही,
तुम दिल से सोचते हो दिमाग से नही।
करती है मोहब्बत फिर मुकर जाति है,
वो पागल लड़की जख्म हजार दे जाती है।
हम हाल न पूछे तो मगरूर,
तुम हाल न पूछो तो मशरूफ।
नया जन्म लिया है उसने,
कल तक हम ही दुनिया थे।
उसने खुद ने किया है सवाल हम मौन हो गए,
इसी उलझन में अब हम कौन हो गए।
मैं समझा के फकत बिछड़े है,
हाय किस्मत भुला दिया उसने।
रास्तों ने चाहा तो फिर मिलेंगे,
मंजिल का तो कोई इरादा नहीं लगता।
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे,
मेरी तनहाई में ख्वाबो के सिवा कुछ भी नहीं।
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से,
अब या तो दोनों आते हैं या फिर कोई नहीं आता है।
हुस्न और इश्क़ का झगड़ा कोई मसला ही नहीं,
रूठना और मनाना तो अदा है इन की।
तेरी यादों से महक उठी है यूं तन्हाई,
दिल के सेहरा में कोई फूल खिला हो जैसे।
मुझे इस लिए भी पसंद है दर्द मंद लोग,
खुद टूट जाते है किसी का दिल नही तोड़ते।
Emotional Love Shayari
सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले,
हमारी बारी आई तो रिवाज ही बदल गया।
अदायें सीख लीं तुमनें नज़र से क़त्ल करने की,
मगर तालीम न सीखी किसी से इश्क़ करने की।
दर्द को मुस्कराकर सहना क्या सीख लिया,
सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती।
क्या हसीन इत्तेफ़ाक था तेरी गली में आने का,
किसी काम से आये थे किसी काम के नहीं रहे।