Mast Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है मस्त शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आयेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
शायरियों से वार करना हमें भी आता है जनाब,
बस डरते हैं कहीं निशाना दिल पर ना लग जाए
आपकी आँखों ने मेरी ग़लतफ़हमी दूर कर दी,
मुझे लगता था जादू हाथ की सफाई होती है
माना कि बहुत महँगा है ख्वाब आपका,
पर कीमत हमारे प्यार की कुछ कम तो नहीं।
सब्र रखते थेबड़े ही सब्र से हम,
वरना तेरे इंतजार के लम्हे जानलेवा थे।
मुझे उठाते वक़्त गाल क्या टच हो गए,
कमीना अभी तक बेहोश पडा़ हैं।
इससे बड़ कर और क्या सितम होगा,
खुदा वो चाहते भी है और कहते भी नही।
है सुर्ख अधर क्या तीरे नजर जुल्फ घटा मतवाली है,
लगता है दिल आज सम्हल के बिजली गिरने वाली है।
सहारा सबको चाहिये होता है,
यहाँ सबका कंधा अपने साथी को ढूँढता हैं।
पूछ लो जो बात है दिल में दबी,
क्या पता फिर मौका मिले ना मिले कभी।
फिर नींद से उठकर इधर उधर देखते है तुम्हें,
क्यों ख्वाबों में मेरे इतने करीब चले आते हो तुम।
मुहब्बत हो गई उनसे ये उन्हें कैसे बताये हम,
तारीफ करे सजदा करे या उन्हें सीने से लगाए हम।
मालूम तो मुझे भी था ईश्क बर्बाद करता है,
मगर वो ज़िंदगी भी क्या जो ईश्क़ में जला भी नहीं।
बस अपने चाहने बालो में हमें शुमार रखिए,
हम हक नहीं जताएंगे तुम पर इतना ऐतबार रखिए।
चलो चुपके से रख आते हैं खुशहाली उनके सिरहाने में,
एक अरसा बीत गया है जिनको खुलकर मुस्कुराने में।
मुमकिन है कि मुक्कमल ना हो पाये,
तो क्या इश्क़ ही ना किया जाये।
जी में आता है कि चीखूँ किसी रोज़ खुलकर,
ज़माने को इत्तेला तो हो कि तुझे खो चुका हूँ मैं।
लम्हे फुर्सत के आएं तो रंजिशें भुला देना दोस्तों,
किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है।
आदत है मुझे हरदम मुस्कुराने की,
तुझसे रूठकर भी तेरा साथ निभाने की।
सहारा सबको चाहिये होता है,
यहाँ सबका कंधा अपने साथी को ढूँढता हैं।
तुमसे दूर होने की हिम्मत नहीं मुझमें,
और पास रहुं ऐसा नसीब नहीं मेरा।
कितना भी लिख लूँ फिर भी बहुत कुछ रह जाता है,
लफ्ज हार ही जाते हैं अक्सर जज्बातों के सामनें।
बात ये है कि वो पसंद है मुझे,
ख़ैरमसअला ये है की मुझे मिल नहीं सकता।
तेरी खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगो ने,
एक तेरी फिकर ना होती तो जला देते तेरे शहर को हम।
राहत और चाहत में बस फ़र्क़ है इतना,
राहत बस तुमसे है और चाहत सिर्फ़ तुम्हारी।
जिसके लफ्जों में हमें अपना अक्स मिलता है़,
बडे़ नसीबों से ऐसा कोई शख्स मिलता है।
जन्नत की तलाश ही नहीं हमे इस राह-ऐ-ज़िन्दगी में
जहाँ तुम्हारे दिल से हमारा दिल मिल जाए वही जन्नत है।
काश हमारा भी कोई रश्के कमर होता,
हम भी नजर मिलाते हमें भी मजा आता।
एक आह भरूं और तुम्हारी नींद टुट जाये!
मैं मोहब्बत में उस मुक़ाम को पाना चाहता हूं।
किसको ख्वाहिश है ख्वाब बनके पलकों पे सजने की,
हम तो आरजू बनके तेरे दिल में बसना चाहते हैं।
हम मिले ना मिले कोई बात नहीं,
इस एहसास को बनाए रखना की तुम हमारे हो।
ज़रा स्माइल रखो चेहरे पे,
क्यूँकि रात में सपनों को हँसते हुए चेहरे पसंद हैं।
पलट कर आऊँगा तेरी बगिया में सुगंध लेकर,
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दे।
एक छोटा गुनाह मुहब्बत का,
जिंदगी भर हिसाब लेता है।
तुम से इश्क किया हुआ,
हमें खुद से मोहब्बत हो गयी।
कभी ख्यालों में मिलों कभी ख्वाबों में मिलों,
हम तो रोज याद करते हैं तुम्हें तुम हमारे जज्बातों में मिलों।
अधूरा रह जाता है ख्वाहिशों का आसमां,
जब दिल की हदें सर चढ़ कर बोलती हैं।
तुमसे गुजरे मेरे अंधेरे तुम्हे छूकर सवेरे हो गए,
क्या जादू है तेरे वजूद में हम बेवजह ही तेरे हो गए।
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ जहाँ से गुजरे
या तो हमे मुक्कमल चलाकिया सिखाई जाए,
नही तो मासूमो की अलग बस्तियां बसाई जाए।
अभी सुकून में है वो किसी और का होकर,
आग तो तब लगेगी जब हम किसी और के होगे।
एक सफ़र वो है जिस में,
पाँव नहीं दिल दुखता है।
कुछ रिश्तें हैं इसलिए चुप हैं,
कुछ चुप हैं इसलिए रिश्तें हैं।
लफ्ज पुरे ढाई ही थे कभी प्यार बन गये,
कभी ख्वाब तो कभी दर्द।
हमको आता है हुनर तेरा इंतज़ार करने का,
जरा तुम भी हुनर लौटकर आने का सीख लो।
एक खुबसुरत सा अहसास हो,
हर घडी हर पल दिल के पास हो।
अब भी चली आती है ख्यालों में वो पगली,
रोज लगती है हाजिरी उस गैर हाजिर की।
उस शख्स के गमों का कोई अंदाजा लगाएं,
जिसको कभी रोते हुए देखा नहीं किसी ने।
क्या पता था कि महोब्बत ही हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था।
जुबां ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखो,
उस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी बड़ा निराला देखा।
हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना कर,
हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के अलावा।
ये कौन लोग हैं गालिब जो बम बनाते हैं,
इनसे अच्छे तो कीड़े है जो रेशम बनाते हैं।
मोहब्बत के धागों में अहसास ख़ुद सिल जाते हैं,
कुछ ऐसे भी रिश्ते होते हैं जिन्हें देखते ही दिल खिल जाते हैं।
कैसे कह दें कमी नही तेरी,
तेरे बिना मेरे पास कुछ भी नही।
जब भी पूछा दिल से सूकून का पता,
दिल ने हर बार तेरा ही नाम लिया।
साँस भी लेनी नहीं है और मरना भी नहीं है,
इश्क़ होता भी है हमको और करना भी नहीं है।
हमसे हमारी उम्र ना पूछना ए दोस्तो,
हम तो इश्क़ हैं हमेशा ही जवां रहते हैं।
लिपटा है मेरे दिल से किसी राज़ की तरह की,
वो शख्स जिसको मेरा होना भी नहीं है।
होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर,
हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं।
बहुत प्यारे होते हैं वो सुर,
जो मोहब्बतों की तान पर सजते हैं।
मेरे दिल की आरजू है कि हम तुम्हें इस कदर देखा करें,
बस तुम ही तुम मेरे सामने रहो हम जिधर भी देखा करें।
तड़प रही हैं साँसें तुझे महसूस करने को,
फिज़ा में खुशबू बनकर बिखर जाओ तो कुछ बात बने।
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं,
कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।
तेरी खैरियत का ही जिक्र रहता है दुआओं में,
मसला सिर्फ मोहब्बत का ही नही फिक्र का भी है।
नादान है बहुत वो ज़रा समझाइए,
उसे बात न करने से मोहब्बत कम नहीं होती।
जो प्रेम किसी से बिना मिले होता है,
वो प्रेमकिसी इबादत सेकम नहीं होता।
नज़रें यूँ ही नहीं ढूंढतीं हैं तुम्हें,
इन्हें भी सुकून की तलाश है।
वो लम्हा बना दो मुझे,
जो गुजर कर भी तुम्हारे साथ रहे।
शाम का ढलना भी मुझपे जुल्म ढाता है,
रात भर तेरा ख्याल आता जाता है।
उस पगली की मौहब्बत का अंदाज भी बड़ा नटखट है,
बाहों में भर कर कहती है की संभालो अब मुझको।
अब वहम छोड़ दिया कि कोई हमे याद करता है,
हिचकियां आना अब भूली बिसरी बात ही गई।
मेरी सांसो पर नाम बस तुम्हारा है,
मैं अगर खुश हूं तो ये एहसान तुम्हारा है।
बड़ा दिलचस्प है नशा तेरे प्यार का,
कभी एक पल कभी पल-पल कभी हर पल।
सदके जाऊँ मै महोब्बत पे तुम्हारी,
तुमको रोज़ नया इश्क़ हो मुझसे।
मेरी जिन्दगी का बेहतरीन पन्ना हो तुम,
ख्बाब ही सही मगर मेरी तमन्ना हो तुम।
वक्त कम मिला तुम्हारे साथ बिताने को,
फिर एक जन्म लेंगे मुकम्मल इश्क फरमानें को।
यह बात यह तबस्सुम यह नाज यह निगाहें,
आखिर तुम्ही बताओ क्यों कर न तुमको चाहें।
लोग मरते होंगे हुस्न पर,
हमारा दिल तो उनकी हरकतो पर आया।
जब मुझसे मिलेगी तो नज़र ना लग ज़ाये,
ये सोच कर काजल आँखो मेँ सजा लिया।
है इश्क़ की मंज़िल में हाल कि जैसे,
लुट जाए कहीं राह में सामान किसी का।
शाम का ढलना भी मुझपे जुल्म ढाता है,
रात भर तेरा ख्याल आता जाता है।
दिल तो करता है चुरा लूँ तुझे तकदीर से
क्योंकि दिल नही भरता तेरी तस्वीर से।
मुहब्बत की जरूरत है किसे,
जरूरत से मुहब्बत है सबको।
रिश्ते कमज़ोर नही होने चाहिए,
अगर एक ख़ामोश है तो दूसरे को आवाज़ देनी चाहिए।
ख्वाहिश यही है की सिर्फ मेरी निगाह में रहो,
तुम गैर की नजरों में तुम्हारा आना हमें गवारा नहीं।
हम बोलते बहुत कम है लेकिन लोगों को,
खामोश करना बड़े अच्छे से जानते है।
आज हमें हिचकियों का इन्तजार है,
देखे क्या सच में उन्हें हमसे प्यार है।
तेरी याद को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी,
हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी।
मेरी यादों में तुम्हारा सफ़र खत्म होता नहीं है,
इसलिए तुम्हारे हिचकियों का आना बंद होता नहीं है।
कुछ लोग ऐसे है जो GF से लात खाकर आते है,
और कहते फिरते है आज तो लेग पीस खाकर आये है।
बहुत मुखबिर भरे है इस जहाँ में,
आहिस्ते से कहिए इश्क़ है।
प्यार हूँ मैं तेरा हक़ जताया कर,
यूँ खफा होकर ना सताया कर।
मैं मुहब्बत के इरादे से नहीं आया हूँ,
में फकत शेर सुनाऊँगा चला जाऊँगा।
थोड़ा बहुत रह ही जाते हो,
हमने कितनी बार आंखों से बहाया है तुझको ।
मेरी तो सुनता ही नहीं ये दिल,
पर बातें आपकी बहुत करता है।
दिल नाउमीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है।
कुछ रिश्ते ना जानें कैसे पनप जाते है,
कोई नाम नहीं बस एहसास में बुने जाते है।
जहन में उतरता है जब ख्याल तेरा,
रोम रोम महकने लगता है मेरा।
देख कर हैरान हूँ आईने का जिगर,
एक तो कातिल सी नज़र उस पर काजल का कहर।
दिन भर जो देखता रहता है तुम्हें,
उस आईने से भी नफरत है मुझे।