Shayari to Impress a Girl: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर ए हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है लड़की को इम्प्रेस करमे वाली शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर करेंगे।
तू मेरे लिए अलफाजों से बेवजह ही लड़ा था,
कोरा काग़ज़ जो तूने भेजा मैंने वो भी पढ़ा था।
ऐसे रिश्ते का भरम रखना बहुत मुश्किल है,
तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी है।
हमने किये गुनाह तो दोजख मिली हमें,
दोजख का क्या गुनाह कि दोजख को हम मिले।
भीगी नहीं थी मेरी आँखें कभी वक्त के मार से,
देख आज तेरी थोड़ी सी बेरुखी ने इन्हें जी भर के रूला दिया।
कदर करने वाले लोंगों को,
हमेशा बेकदर लोग ही मिलते हैं।
यूं बदलने का अंदाज जरा हमें भी तो सिखा दो,
जैसे हो गए हो तुम बेवफा वैसे हमें भी बना दो।
हमदर्दियाँ फिजूल है दिल टूटने के बाद,
वो खैरात दे रहे है हमें लूटने के बाद।
यूँ तो ये दुनिया सूरज का है हिस्सा,
मगर छाया कहीं नही अगर माँ नहीं।
झूठी मोहब्बत मीठी बातें साथ निभाने कि कसमें,
कितना कुछ करते है लोग वक़्त गुज़ारने के लिए।
तुम ही दुनिया लगते थे,
तुम भी दुनिया निकले।
एक नींद है जो अब रात भर नहीं आती,
एक जमीर है जो हर वक़्त सोया रहता है।
अब आप ही गौर करिये अपनी हरकतों पर,
अब हम कुछ कहेंगे तो शिक़ायत लगेगी आपको।
अजब तासीर देखी है तुम्हारी याद में हमने,
हम हंसते है हमारी आंख से आंसू निकलते हैं।
माना कि तुझे फुर्सत ही नहीं है मुझसे बात करने की,
पर मुझे कौन रोक सकता है तुझे याद करने से।
अब यूं मशरूफ रहता है यार मेरा,
बेकार गुजर जाता है इतवार मेरा।
साथ निभाने का हुनर भी क्या खूब सिखा गया वो ताला,
टूट गया था लेकिन कभी चाबी नहीं बदली उसने।
मेरी मोहब्ब्त का तुम यूं तमाशा न बनाओ,
नहीं है तुमको मोहब्बत तो जाओ यार दफा हो जाओ।
रोज रोज तुम यूं हमको रौब न दिखया करो,
में शहजादी हूं अपने घर की तो तुम यूं मालिकी मुझे न दिखया करो।
तुम बेफिक्र रहो हम इस घर को भी अपने घर सा प्यार देंगे,
आपको जिस बात से हो तकलीफ हम वो आदत छोड़ देंगे।
है इश्क़ तो फिर असर भी होगा,
जितना है इधर उधर भी होगा।
परेशान नही करते उन्हें हम आजकल,
ये बात भी उन्हें परेशान कर जाती हैं।
तेरे यूं खुश होने के अंदाज से लगता है,
कुछ टूटा है बड़ी खामोशी से तेरे अंदर।
चलो न खामोशियों की गिरफ्त में चलते हैं,
नजदीकियां बढ़ी तो जज्बात खुल जायेंगे।
जो रह गया हो बाकी आकर वो सितम भी दे जाना,
मुझे दफ़नाने के बाद तुम मेरा कफ़न भी ले जाना।
कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था वो प्यार का मौसम,
आज पतझड़ में हर शख्स यहाँ खामोश खड़ा है।
मैं भी तलाश में हूँ किसी अपने की कोई,
तुम सा तो हो पर किसी और का ना हो।
मुझसे वादा करो मुझे रुलाओगे नहीँ,
हालात जो भी हो मुझे भुलाओगे नहीं।
मैं अकेले में बैठ जब भी तुमको याद करता हूं,
मुस्कुराना और रोना अब दोनों साथ करता हूं।
बुहत नज़दीक़ होकर भी वो इतनी दूर है मुझसे,
इशारा हो नही सकता पुकारा जा नही सकता।
मुहब्बत की आज यूँ बेबसी देखी उसने,
तस्वीर तो जलाई मेरी मगर राख नहीं फेंकी।
वहां जब तक हम अज़नबी थे तो ज्यादा करीब थे,
उस ज़िन्दगी के हिसाब किताब भी बड़े अजीब थे।
गर सुलझ गई तो सिमटने लगेगी जिंदगी,
उस से कहो आकर उलझनें और बढ़ा दे।
तुमको रखेंगे हम कुछ इस तरह से कैद में,
जिस घर भी रहोगे बो घर के मालिक हम और तुम जैसे जैल में।
तुझे याद कर लूं तो मिल जाता है सुकून दिल को,
अब मेरे गमों का इलाज भी तो कितना सस्ता है।
तुझे वास्ता है खुदा का अब उदास ना रहा कर तू,
तुझे खुश देख कर ही तो मैं अपना गम भुलाता हूँ।
बाँटना मुमकिन न था उनको,
उनको छोड़ना मुनासिब समझा।
अब तुझ को देखते ही मैं सहम सा जाता हूँ,
कहना कुछ होता है कह कुछ और जाता हूँ।
मेरा गम जानते है सिर्फ दो लोग,
आईने में वो आदमी और मैं।
काश मुझे भी तुम्हारे जैसी अदा आती,
पहले बात करना फिर रोते हुये छोड़ जाना।
वो इक ख्याल भी मेरा ही तो है,
जो अक्सर मेरे सुकूँ से लड़ता है।
वो रूठकर हमसे थोड़ी दूर क्या जा पहुँचे,
रुख़सत ए यार होने के बाद कितने ग़म खबर लेने आ पहुँचे।
मुझको ढूँढ़ लेता है हर रोज़ नए बहाने से,
दर्द हो गया है वाकिफ मेरे हर ठिकाने से।
दिलजलों से दिल्लगी अच्छी नहीं,
रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं।
लोग फूलो को शाखो से बेवजह तोड़ देते है,
खुशबू लेकर फूलो की फिर मसल देते है।
कुछ रुतबा मैं भी ऐसा रखता हूं,
सब के दिलो मैं अपना एक मुकाम रखता है।
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत चाहती है,
किसी की महेरबानी या हमदर्दी नहीं।
सोचा था एक घर बनाकर बैठूंगा सुकून से,
लेकिन घर की ज़रूरतो ने मुसाफिर बना दिया।
हम मुलाकात को उनकी तरसते रहे,
अश्क थे आंखो मैं जो ऐसे ही बरसते रहे।
शिद्दते दर्द में ना आई कोई भी कमी,
दर्द फिर दर्द रहा उल्टा लिखा सीधा लिखा।
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक्त का सफर,
एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर।
आपको कैसे भूल सकते है,
आपने तो बहुत दिल दुखाया है।
उनसे क्या तकलीफ पूछते हो जिनका कोई नहीं,
तकलीफ तो हमसे पूछो जिनके सब है बस साथ निभाने वाला कोई नहीं।
ये मेरी महोब्बत और उसकी नफरत का मामला है,
ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर।
खूबियां देख कर तो कितने प्यार जताएंगे,
जिंदगी में जगह उसे दो जो कमियां देख कर भी साथ ना छोड़े।
जिंदगी धीमी जरुर है पर रुकी नहीं,
हौसले नाजुक जरुर हैं पर टूटे नहीं।
उसकी चाहत का मुझ पर ये आलम था,
उसकी बेरुखी पर अपनी जिंदगी लूटा देता था।
मोहब्बत के लिए मशरूफियत मैं भी वक्त निकाल लेता हूं,
और वो समझते है बेरोजगार हूं मैं उन्हे वक्त कम देता हूं।
हमे उनसे थी मोहब्बत उन्हे महफिलों से फुर्सत कहा थी,
करते रहे हम इंतजार उनका लेकिन उनको हमारी परवाह कहा थी।
मैं इन फरेबी चाहतों की कतार से बाहर निकल आया हूं,
हा मैं मोहब्बत की राह को पीछे छोड़ आया हूं।
फरेब की इस दुनिया मैं लोग फरेब करते है,
खिलौना समझ कर यह लोग खेल जाते है।
जिंदगी के ताजर्बे ने एक बात सिखी शिखाइ है,
सबसे गहरी चोट किसी अपने ने ही पोहचाई है।
सरकार की एक झलक पाने का इरादा तो था,
उलझकर उसी में ही रह जाउगा ये सोचा न था।
वो परिंदा जिसे उड़ने से कभी फ़ुर्सत ना थी,
आज तन्हा है तो दीवार पे आ बैठा है।
आजाद की किजिए उन परिंदो को,
जिनको हर छत अपना आशियाना लगे।
ख्वाब मत बनाओ मुझे ख्वाब सच नहीं होते,
बनाना है तो अपना साया बनाओ कभी साथ ना छोड़ेंगे तुम्हारा।
उतर तू भी किसी रोज रूह में मेरी
जैसे रोज उतरते है आँखो में ख्वाब तेरे।
हिम्मत तो इतनी थी कि समुद्र भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतना हुए कि दो बुंद आंसूओं ने डुबा दिया।
ये प्यार मोहब्बत के किस्से को खत्म करते है,
जो हो रहा है जिंदगी मैं उस पर गौर करते है।
ये कैसा इश्क हो रहा है जो रोज यार बदल रहा है,
आज इस पर दिल आगया तो कल उस पर दिल आ रहा है।
चोट दिल पर खाते है फिर भी मुस्कुरा जाते हो,
लोग पूछते है तुम मुस्कुराने का हुनर कहा से लाते हो।
हसीन चेहरे पर जो मरते है,
अक्सर वो धोखा खाते है।
बीवी का होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि,
जिसे बीवी परेशान नहीं करतीं वो पूरे देश को परेशान करता है।
न उसके रिप्लाई की खुशी न इग्नोर करने का गम,
जब मन करता है DP खोलकर उसकी पप्पी ले लेते हैं हम।
लफ्ज़ ए तन्हाई ना लिखते तो किया लिखते,
बेवफाई उसकी छुपाना था तो वफा किया लिखते।
दिल पाक नही तो पाक हो नही सकता इंसान,
वरना इब्लिस को भी आते थे वुजू के फ़राईज़।
जख्म दिल पर लगे जब वो खफा हुए,
दर्द से हम वाकिफ हुए जब वो जुदा हुए।
Shayari to Impress a Girl
किस्सा बेवफाई का तेरा अपनी शायरी मैं लिखूंगा,
फिकर मत कर उसमे तेरा नाम नही लिखूंगा।
हम दर्द मैं भी हमेशा मुस्कुराते रहे,
वो जख्मों पर नमक लगाते रहे।
अगर तू संध्या बन जा मैं भोर बन जाऊंगा,
एहतमाम करेंगे ऐसा तू ढलेगी मुझमें मैं मिलूंगा तुझमें।
बोल दूंगा इन तारों को दिन में निकला करो,
रात में मेरा चांद अब बाहर नहीं आएगा ।
लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत और सादेपन पर फिर डर लगता है,
कहीं हर कोई तेरा तलबगार ना हो जाये।
करती है बार बार sms वो ये कहने के लिए,
कि जाओ मुझे तुमसे बात नही करनी।
आज मेरी कलम भी दर्द दे गई,
लफ्ज़ जो लिखे वर्क पर जख्म कुरेद गई।
मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा,
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाना।
दिल से साबित करो के जिंदा हो
सांस लेना कोई सबुत नहीं।
जब भी मरूंगा हंसते हुए मरूंगा,
तुमने देखा तो है जीते जी बहुत रोया हूं।
अगर अपनी किस्मत लिखने का जरा सा भी हक हो मुझे,
तो अपने नाम के साथ तुझे हर बार लिखूं।
पाना और खोना तो किस्मत की बात है,
मगर चाहते रहना तो अपने हाथ में है।
वक्त कितना भी बदल जाए,
मेरी मोहब्बत कभी नही बदलेगी।
नशा था तेरे प्यार का जिसमे हम खो गए,
हमें भी नही पता चला कब हम तेरे हो गए।
सिर्फ़ दो ही वक्त पर तुम्हारा साथ चाहिए,
एक तो अभी और एक हमेशा के लिए।
एक तू और एक तेरी मोहब्बत,
इन दो लब्जो में है दुनिया मेरी।
मतलबी लोग आपके साथ नही,
आपकी हैसियत के साथ होते हैं।
कपड़े जो बहुत साफ और दिल मैं दाग रखते है,
सच मानो ऐसे इंसान आस्तीन के सांप होते है।
शायरियां पूरी लिख दी पर कोई नाम ना दिया,
उन्होंने भी पढ़कर वाह वाह की पर कोई पैगाम ना दिया।
एक मैसेज सुबह करती थी और एक रात में_
समझ नहीं आ रहा है कि बात कर रहीं हैं या दवाई दे रहीं हैं।
शराब आँखें गुलाब आँखें यही तो है लाजवाब आँखें,
हज़ारो इनसे कत्ल हुए हैं खु़दा की बंदी संभाल आँखे।
बंद कर दिए है हमने तो दरवाजे इश्क के,
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारो से ही चली आई।
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