100+ Propose Shayari - प्रपोज करने की शायरी हिन्दी मे

Propose Shayari: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है प्रपोज शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।

ज़बाँ ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखा,

उस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा।


Propose Shayari in Hindi

में ही क्यों इश्क़ जाहिर करू,

कभी तू भी इज़हार करलें।


मैं कुछ ऐसा लिखना चाहता हूँ जो उसके दिल को छु जाए,

मेरे लब भी ना हिले और इश्क़ का इजहार हो जाए।


वो सज़दा ही क्या जिसमे सर उठाने का होश रहे,

इज़हार ए इश्क़ का मजा तब जब मैं बेचैन रहूँ और तू ख़ामोश रहे।


चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो हम कर ना सके,

हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें।


इजहार गर जुबां से हो तो मजा क्या है,

चाहने वाला जो निगाहों को पढ़े  तो बुरा क्या है।


इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,

आँखें तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं।


निगाहें तो बस ज़रिया हैं इज़हार का,

ज़रामेरे दिल में झांककर देख एक दरिया हैं प्यार का।


Propose Shayari

कुछ आरज़ू ए इश्क़ हमें भी बया कर लेने दो,

इज़हार न सही इक तरफ़ा प्यार ही कर लेने दो।


Propose Shayari in Hindi

वो सज़दा ही क्या जिसमे सर उठाने का होश रहे,

इज़हारे इश्क़ का मज़ा तो तब है जब मै खामोश रहूँ , और तू बैचेन रहे।


सुनो  मोहब्बत हो गई है मुझे तुम से,

गर इजाजत हो तो इजहार ऐ ईश्क कह दूँ।


इज़हार-ए-इश्क़ करो बस उससे जो हक़दार हो इसका,

के बड़ी नायाब़ शय है ये इसे ज़ाया नहीं करते।


इजहारे वफ़ा की ये अदा खूब रहीं उसकी,

मोड़ पर मुड़ के देखाऔर लबों से कुछ कहाँ भी नहीं।


ज़बाँ ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखा,

उस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा।


उनसे माहिर उनका हुस्न मुझसे माहिर मेरा इश्क,

इजहार उनके बस में नहीं इंतजार हमारे बस में नही ।


मेरे इज़हार करने पर कुछ यूं हा कहा उसने,

बात करते करते मेरी माँ को माँ कहा उसने।


ज़रूरी नहीं इश्क का इज़हार किया जाए, 

मुहब्बत कभी भी लफ़्ज़ों की मोहताज़ नहीं होती।


Propose Shayari in Hindi

इजहार ऐ इश्क महफिल में आँखों से बयाँ हो रहा था,

कैसें बचातें दिल को जब कातिल से ही इश्क हो रहा था।


दिल बडा़ लालची होता है इसे इश्क भर होने से,

तसल्ली नही मिलती बार बार इज़हार भी चाहिए।


इज़हार से नहीं लगता पता किसी के प्रेम का,

इंतज़ार बताता है कि तलबगार कौन है ।


वो प्यार भी करता है ख्याल भी रखता है,

लिखता भी रहता है बस इजहार नहीं करता है।


में आज तुझसे इजहार-ए-इश्क़ करती हूं,

ए चाय मैं तुझसे बहुत प्यार करती हूं।


इश्क़-ए-आरज़ू तुम्हें भी है हमसे,

इशारा तुम करो तो इज़हार हम भी करें।


एक बार जिंदगी फिर से दिल करता तेरे साथ जीऊं,

इज़हारे इश्क़ करुं तुमसे मैं तुम इश्क़ मेरा स्वीकार करो।


Propose Shayari in Hindi 

अपनी मोहब्बत का इजहार करू भी तो कैसे,

पाने के जुनून से ज्यादा खोने का डर है।


Propose Shayari in Hindi

इश्क़ हो फिर भी उससे इज़हार ना करना,

इक राय हैं किसी शायर से प्यार ना करना।


तुम्हरे इजहार से पहले ही मैं राजी हो गया हूं,

मैं तुम्हारे इश्क़ का आदी हो गया हूं।


इश्क़-ए-आरज़ू तुम्हें भी है हमसे,

इज़हार तुम करो तो इशारा हम भी करें।


ख्वाहिश है ये कोई यूं भी इजहार करे,

कोई हो जो मेरी कमियों से भी प्यार करे।


हम इंतज़ार तो कर लेते आखिरी सांस तक,

तुम इजहार तो कर देते अपना मान कर।


इजहार भी जरुरी इकरार भी जरूरी,

इश्क मोहब्बत के सफर में हर एहसास जरूरी।


मुझसे इज़हार -ए- इश्क की कोशिश न करना,

मैं मुरझाया गुलाब हूँ मोहब्बत की कब्र पर चढ़ा।


इंतेज़ार इज़हार इबादत सब तो किया मैंने,

और कैसे बताऊं तुझसे इश्क़ कितना किया मैंने।


Propose Shayari in Hindi

तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम अपनी मुहब्बत का इज़हार लिख दो,

दीवाने हो जाएं जिसे पढ़ के हम कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो।


नुमाइश करने से चाहत बढ़ नही जाती है,

मोहब्बत वो भी करते है जो इज़हार नही करते।


तेरी आवाज़ से प्यार है हमें इतना इज़हार हम कर नहीं सकते,

हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है जिसका दीदार हम कर नहीं सकते।


कितनी तकलीफ है इस एहसास में,

मुझे उसके इजहारे ,इश्क़ बिना ही मर जाना है।


खुलकर हुआ न उनसे भी इजहार इश्क का,

हम भी न कर सके इकरार इश्क का।


हमें भी आते हैं तमाम तरीके इजहार के,

मगर ज़िद है कि मोहब्बत है तो महसूस हो उसे।


इश्क़ का इज़हार नही हुआ तेरे बाद,  

और किसी से प्यार नही हुआ तेरे बाद।


Shayari Propose

तलब अपनी बढ़ाओ पहले फिर हम से प्यार करना,

इश्क जब ना संभले तुमसे तब हम से इजहार करना।


Propose Shayari in Hindi

मुझसे अब तो कर इजहार-ए- मोहब्बत,

देख अब तो मोहब्बत का महीना भी  जाने की कगार पर हैं।


इज़हार की जरूरत नहीं,

उसकी बातों में ही बहुत सारा प्यार है।


मेरे अल्फाजों के दायरे में सिमटा हुआ है बहुत कुछ, 

इज़हार हैं इक़रार है और बिखरा हुआ है बहुत कुछ ।


इजहार ए मोहब्बत इन आंखों से बखूबी समझते है हम,

तोहमत ना लगे आप पे कहीं इसलिए खामोश रहते है हम।


मेरे शिकवे शिकायतें ख़्वाहिशें फ़रमाइशें सब तुमसे ही है, 

ये ना कहना इश्क़ का इज़हार सिर्फ ढ़ाई अक्षरों से होता है।


कुछ इश्क़ का इज़हार कर रहे है,

कुछ इश्क़ में खुद को बर्बाद कर रहे है।


हमे दुबारा इश्क़ न हो,

हम तो बस यही फ़रियाद कर रहे है।


तुम्हारे इश्क़ की दास्तां लिखी है मेरी आँखों में,

तुम मेरे इज़हार करने का इंतजार मत करना।


Propose Shayari in Hindi

मैं इज़हार करूँ तो ना भी हो सकती है,

तुम करो तो हां की ज़िम्मेदारी मेरी।


तलब अपनी बढ़ाओ पहले फिर हम से प्यार करना,

इश्क जब ना संभले तुमसे तब ही हम से इजहार करना।


इजहार-ए-मुहब्बत नहीं होगा हमसे, 

आपको आँखो से ही समझना होगा।


हमें तुमसे मुहबत है यह हम इकरार करते हैं,

जिसे हम पहले बयां ना कर सके आज वो इज़हार करते हैं।


डूबना एक-दूसरे की आँखों में,

इज़हार-ए-इश्क़ ये कम तो नहीं।


तुम्हारे नहीं तो किसी और के भी नहीं,

ये वादा वफ़ा निभाने से कम तो नहीं।


मेरे अल्फाजों के दायरे में सिमटा हुआ है बहुत कुछ, 

इज़हार हैं इक़रार है और बिखरा हुआ है बहुत कुछ।


मैं इज़हार करूँ तो ना भी हो सकती है,

तुम करो तो हां की ज़िम्मेदारी मेरी।


Propose Shayari in Hindi

इज़हार अगर लम्बा हो तो चलता है,

इंतज़ार अगर एक तरफ़ा हो तो बहुत तकलीफ देता है।


इज़हार ए मोहब्बत के लिए क़लम की ज़रुरत किया है,

आँखों से हो ब्यान मोहब्बत तो लिखने की ज़रुरत किया हे।


नुमायश करने से चाहत बढ़ नहीं जाती,

मोहब्बत वो भी करते हैं जो इजहार नही करते।


तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सकी कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सकी, 

तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी और हम थे कि तुझे इंकार न कर सकी।


बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,

तो इजहार-ए-इश्क़ को अल्फ़ाज़ की जरूरत नहीं होती।


जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता है,

रुह से हुई मोहब्बत को समझाने में जिंदगी गुजर जाती है।


यूं मेरा नाम हाथो मैं लिख कर मिटाया ना करो,

है अगर इश्क तो इजहार ए मोहब्बत कर दिया करो।


प्रपोज करने की शायरी

मोहब्बत है तो इजहार करते क्यू नही,

नही है तो मोहब्बत करते क्यू नही।


Propose Shayari in Hindi

तुम करते हो इश्क तो इजहार कर दो अंजुमन मैं,

करेगे हम इश्क तो बिछा देंगे बंदगी राहों मैं।


जिस इजहार ए प्यार की सरकार सब कर रहे हैं तैयारी,

उसी दिन विरान हो गई थी कितनो की हसती खेलती दुनिया सारी।


एहसास होते ही इज़हार नहीं होता, 

होता भी हो तो बे-शुमार नहीं होता।

पेहचानी जाती है अपनी ख़ुशबू से, 

मोहब्बत को कुछ दरकार नहीं होता।


इश्क की बात करने गया था उनसे,

सब कुछ हो गया इजहार रह गया बस।


यू तो हर बात का अदब से जवाब दिया था मेरी जाना ने,

जब किया इजहार ए मोहब्बत तो हस के टाल दिया जाना ने।


थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,

अब कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता।


इजहार से क्या पता लगाओगे तुम मेरी मोहब्बत की शिद्दत को,

जब इंतजार की आग मैं जलोगे तो पता चलेगा मोहब्बत क्या होती है।


इज़हार ए मोहब्बत के लिए क़लम की ज़रुरत क्या है,

आँखों से हो ब्यान मोहब्बत तो लिखने की ज़रुरत किया है।


Propose Shayari in Hindi

वो परेशान थी इजहार-ए-इश्क़ करने के लिये,

और हम महल सजा आये उसे शहजादी बनाने के लिये।


कुछ आरजू ए इश्क हमें भी बयां कर लेने दो,

इजहार न सही एक तरफा प्यार ही कर लेने दो।


तेरी आवाज़ से प्यार है हमें इतना इज़हार हम कर नहीं सकते,

हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है जिसका दीदार हम कर नहीं सकते।


हसरतों से भरी जनवरी तुझे खुदा हाफिज़,

इज़हार -ए- इश्क़ की फ़रवरी तुझे सलाम।


इजहार नहीं करोगे तो,

इंतजार ही करते रह जाओगे।


जब जुड़े हो दो दिल किसी अनदेखी डोर से,

तो जरूरी नहीं की इजहारे मोहब्बत रोज हो।


हमें भी आते हैं तमाम तरीके इजहार के,

मगर ज़िद है कि मोहब्बत है तो महसूस हो उसे।


सौदा हमारा कभी बाज़ार तक नही पहुंचा,

इश्क था जो कभी इज़हार तक नही पहुंचा।


Propose Shayari in Hindi

इजहार से क्या पता लगाओगे तुम मेरी  मोहब्बत की शिद्दत को,

जब इंतजार की आग मैं जलोगे तो पता चलेगा मोहब्बत क्या होती है।


दिल  खोलकर तू चाहत का इजहार करके देख,

नशा शराब से ज्यादा है इसमें तू प्यार  करके देख।


इजहार ऐ इश्क महफिल में आँखों से बयाँ हो रहा था,

कैसें बचातें दिल को जब कातिल से ही इश्क हो रहा था।


इज़हार-ए-मोहब्बत में यूं लफ़्ज़ों का इस्तेमाल ना कर,

मैं आंखों से सुन लू़ंगा तू नज़रों से बयां तो कर।


भूल कर सारी दुनिया को आज हम इश्क का इजहार करते हैं,

लो पहले हम ही कह देते हैं हम आपसे बेहद प्यार करते हैं।


इज़हार ऐ इश्क तुम्हीं करो तो बेहतर है,

️मेरे तो अल्फाज लड़खड़ा जाते हैं तुम्हें देख कर।


कसूर तो था ही इन निगाहों का जो चुपके से दिदार कर बैठा,

हमने तो खामोश रहने की ठानी थी पर बेव़फा ये जुब़ान इजहार कर बैठा।


जुबां ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखा,

उस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी बड़ा निराला देखा।


Propose Shayari

इज़हार से नहीं लगता पता  किसी के प्रेम का,

इंतजार बताता है तलबगार कौन है।


Propose Shayari in Hindi

मैं इजहार करूं तो ना भी हो सकती है,

तुम करो तो हां की ज़िम्मेदारी मेरी।


आगाज-ए-जवानी का दौर भी अजीब था,

नसें काटी गई थी इजहार-ए-मोहब्बत मे।


मोहब्ब्बत के एहसास ने हम दोनों को छुआ था,

फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था और मुझे हुआ था।


लंबी बातों से मुझे कोई मतलब नहीं है,

मुझे तो उनका 'जी' कहना भी कमाल लगता है।


तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुआ,

हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली।


मुझको करनी है एक मुलाकात तुमसे ऐसे जहाँ में,

जहाँ मिलकर फिऱ बिछड़ने का कोई  बन्दिश ए रिवाज ना हो।


हकीकत मे बहुत खूबसूरत होती हैं वो लड़कियाँ,

किसी ना महरम पर नज़र पड़ते ही नज़र फ़ेर लेती हैं।


राख होने लगीं जल जल के तमन्नाएँ मगर,

हसरतें कहती हैं कुछ और भी अरमाँ होंगे।


बेहद खूबसूरत एहसासों से गुज़र रहा है मेरा प्यार,

उधर बरसात की झड़ी इधर तेरी यादों की फ़ुहार।


चेहरा देखने से नही जान पाओगे हक़ीक़त मेरी,

कही पत्थर कही मोती कही आईना हूँ मैं।


Propose Shayari in Hindi

काश ये मोहब्बत भी तलाक की तरह होती,

तेरे है तेरे है तेरे है कह कर तेरे हो जाते।


पूरी दुनिया मे सबसे जुदा सा है वो,

हमने जिसे चाहा खुदा सा है वो।


लोग आज कल मुझसे मेरी खुशी का राज पूछते है,

अगर तेरी इजाजत हो तो ‎तेरा नाम ‎बता दे।


छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर, 

ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नही।


छुप छुप कर क्यूँ पढ़ते हो अल्फ़ाजों को मेरे,

सीधे दिल ही पढ़ लो सांसों तक तुम ही हो।


दूरियों से ही एहसास होता है कि,

 नज़दीकियाँ कितनी ख़ास होती है।


इंतज़ार - ए - यार भी लुत्फ़ कमाल है,

आँखे किताब पर और सोच जनाब पर।


मैं तुम्हें ख़ुशबुओं में ढूँढता हूँ,

तुम हवाओं में घुल चुकी हो कहीं।


याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो,

चले आएंगे एक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों।


ज़रूरी तो नहीं हर लफ्ज़ को ज़ुबाँ मिले

मैंने कई बार उसके बंद होंठों पे अपना नाम पढ़ा है।


मुझको करनी है एक मुलाकात तुमसे ऐसे जहाँ में,

जहाँ मिलकर फिऱ बिछड़ने का कोई  बन्दिश ए रिवाज ना हो।


Propose Shayari in Hindi 

आस्तीन मे छिपा लेती है खंजर दुनिया,

हाय हमे चेहरे का तास्सुर न छिपाना आया।


Propose Shayari in Hindi


फ़क़त इतनी सी बात है दुनिया वालों में,

दिल में है फरेब, चेहरा है आशिकाना।


वो हँस पड़ें तोकई दर्द टाल देता है,

खुदा किसी किसी को ही ये कमाल देता है।


एक डोर-सी है, तेरे-मेरे दरमियां,

बनती है उलझती है सुलझती है मगर टूटती नहीं।


ज़बाँ ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखा,

*उस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा।


ख्वाब खोदे तो तेरी याद के खंडहर निकले,

खुद में डूबे तो तेरी जात के अन्दर निकले।


बेज़ार हो चुके हैं बहुत दिल-लगी से हम,

बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी से हम।


यूं ही न अपने मिज़ाज को चिड़चिड़ा कीजिये,

कोई बात छोटी करे तो दिल बड़ा कीजिये।


दो पल का चैन उम्र भर की बेक़रारी है,

किसी ने बताया था मुहब्बत जानलेवा बिमारी है।


ज़रूरी नहीं कि हर बात पर तुम, मेरा कहा मानो,

दहलीज़ पर रख दी है चाहत आगे तुम जानो।


ज़रूरी नहीं कि हर बात पर तुम, मेरा कहा मानो,

दहलीज़ पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो।


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