2 Line Love Shayari in Hindi: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है दो लाइन शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
एक सवाल पूछा था कुछ दिनों पहले मैने,
उसका जवाब नहीं आया तुम्हे याद तो होगा।
न मैं तुम्हारी प्रेयसी न तुम मेरे प्रियतम,
तुम्हें उससे घुलते देख क्यूँ जलता है मेरा मन।
मै खेलना चाहता हूं तुम्हारी जुल्फों के साथ,
मुझे गोटिया खेलना अच्छा नहीं लगता।
सिर्फ एक मुझे पहचाने में उससे भूल हुई ,
बाकी तो हर एक को अच्छे से जानती है।
ये मोहब्बत है मेरे दोस्त कोई सख्सियत नहीं,
जो हर एक के पास हो।
अपनों अपनों को लाइक करते हो,
दिल का रिस्ता है या खुन का।
ये उसकी महोबत है जो ऐसे बने हम,
वरना हमारी कहा ओकात इतनी गहरी बात लिखें।
कुछ खाना भी खाया है या,
उसकी मोहब्बत से पेट भी भरते हो।
लुटा रखी है जमाने मै शख्सियत लोगों ने,
जरा उनसे जाके पूछ जो महोब्बत मै मरे है।
कभी जिसे जान कहा उसकी जान कैसे लेते,
अच्छा होता मोहब्बत से अंजान रह लेते।
तुम्हारे अल्फाजो से पता चलता है की,
तुम इस्क नहीं मजाक करते हो।
अल्फाज पढ़ अंदाजा लगा लिया,
जब इतने ही समझदार थे फिर उससे कैसे कटवा लिया।
हम भी कभी बहुत अच्छी बातें करते थे,
ये उसकी म्होबात है जो मजाक बन गए हम।
तुम्हें देखा तुम्हें मिले तुम्हें जिया तुम्हें खोया,
चार दिन की जिंदगी में कत्ल चार बार हुये।
लहज़ा इतना भी क्या गिर गया की,
जिस इश्क पर नाज था वो आजकल इतना बदनाम होने लगा।
इल्म आज भी है इतना इस इश्क पर,
हम इतनी बार मरकर भी जिंदा है अभी।
हम तुमसे जुदा क्या हुए की घायल हो गए,
तेरी यादों को लिखा तो लोग कायल हो गए।
ये जो महफिल में मेरे लफ्जों को पी रहे है,
ये सभी मुझे इश्क के बीमार लगते है।
तुम्हे देख्ने भर से हो जाता हे हर बीमारी का इलाज ,
और लोग हल्ला मचाते है की दवाइया महंगी है।
सवाल ये है कि जब एक मज़ाक बार बार हंसा नहीं सकता,
तो एक तकलीफ बार बार रुला कैसे सकती हैं।
तुम यादो को मत लिखा करो ए शायरों,
ये अपनी नहीं किसी और की होती है।
दिल निदा तुझे हुआ क्या है,
आखिर इस दर्द की दवा क्या है।
इतना ना इतराओ हुस्ने जाना,
हमने नज़र फेर ली तो तुम्हारे हुस्न का बाजार गिर जाएगा।
तेरा कुछ न कहना मेरे दिल को क्यूँ खटक रहा है?
जब रिश्ता ही नहीं तो ये मन क्यूँ भटक रहा है?
गर जो महबूब होता तो लिख देते गजलें कई,
आसमा के चांद को ही सराहें कैसे रात भर।
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
ये लाज़िम नहीं कि तुझे आंखों से देखूं,
तेरी याद का आना तेरे दीदार से कम नहीं।
हमे पता था उनकी मोहब्बत में जहर हैं लेकिन,
उनके पिलाने का अंदाज इतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके।
ये मैंने कब कहा कि मेरे हक़ में फैसला करना,
अगर वो मुझसे खुश नही तो उन्हें मुझसे जुदा रखना खुदा।
इस मासूम दिल पर सितम और भी हैं,
एक मोहब्बत ही नही है गम और भी है।
दर्द की देहलीज़ पर आकर सितम से कतराते हैं आप
दर्द से दिल लगाकर उसकी मेहमाननवाज़ी से डरते हैं आप।
शायरी का मैदान छोड़ का भाग मत जाना,
अभी जंग शुरू हुई है हार जीत तो वक़्त बताएगा।
वो हंसाता भी बहुत है वो रुलाता भी बहुत है,
वो शख़्स मेरी मोहब्बत को आज़माता भी बहुत है।
कभी ज़िन्दगी का ये हुनर भी आज़माना चाहिए,
जंग जब अपनो से हो तो हर जाना चाहिए।
उस सियाही का क्या कसूर जिसका रंग ही काला है,
किस्मत काली लिखने वाला वो उपर वाला है।
सच्ची मोहब्बत कभी आज़माई नही जाती,
वक़्त अच्छा हो या बुरा बस निभाई जाती है।
कई रंग बदल और बिखर जाते हैं ज़रा सी मिलावट से,
एक काला स्याह जो नही बदलता किसी भी मिलावट से।
शायरी पर इत्मीनान रखिये और खुद पर भी,
जंग जोश मै नहीं होस से जीती जाती है।
वो जला रही है खुन मेरा कतरा कतरा कोई समझाओ उसे,
उससे मेरा रिस्ता दिल का है खुन का नहीं।
गर लगे जखम तो डरना मत ए जा,
खानदानी हकीम हु सबका इलाज करता हूं।
जिस्म के दीवाने तो जानवर होते है,
मोहब्बत के शौकीन हो तो बेसक रूह से करो।
ज़िंदगी एक रात है जिसमें ना जाने कितने ख्वाब हैं
जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है।
अभी तो होश में आये भी नही और आप बाजियां पलटने लगे,
हम गर होश में आ बैठे तो कयामत ढाएंगे।
इन्हीं पत्थरों पे चलकर अगर आ सको तो आओ
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशां नहीं है।
कुछ यूँ भी इतराता हु अपने आप पर,
जिस दरिया मे तुम डूब गये हो ना मैने उसे प्यार किया है।
उस दुनिया से हूँ जहाँ नफरतों का कहर और मतलबी ज़माना है,
और 2022 का झटका ऐसे लगा आकर जैसे दिसम्बर से जनवरी का सफर।
सुनो आज महफ़िल लगेगी बेवफाओं की,
तुम जरा वक्त पर आना मेहमान ए खास हो तुम।
उन बेवफ़ाओं की मेहफिल मे तुम्हारा क्या काम,
वो मेहफिल तो हमारे नाम होगी वहाँ तुम्हारा क्या काम।
ये खामोशी की कहानी भी बड़ी बेजुबानी है,
हर किसी ने कहाँ इसे खुद से जानी है।
ये खामोश मिज़ाजी कभी जीने नहीं देगी,
जीना है तो इस दौर में कुहराम मचा दो।
वो हिजाब सी हिफ़ाज़त दिलों को भी ज़रूरी हैं शायद,
लोग रूबरू हो जाने पर यहाँ इरादे बदल दिया करते हैं।
दिल की सुनी दिल की करी,
फिर भी इस दिल को हमसे शिकायत बड़ी।
हमारे अब भी लोगों की जुबां पर है,
कहने को आप आज भी हमारे है।
तुमने देखा ही नहीं पेड़ से पत्तों का गिरना,
कुछ यूं पतझड़ मुझे भी काट कर गुजरा है।
जिंदगी के तजुर्बे ने एक बात सिखाई है
हर नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है
कभी वक़्त मिले तो सोचना ज़रूर वक़्त,
और प्यार के अलावा तुमसे माँगा ही क्या है।
Broken Heart Shayari 2 Lines in Hindi
दुआ करना दम भी उसी दिन निकले,
जिस दिन तेरे दिल से हम निकले।
शुक्र है बहुत कुछ दिया है ज़िन्दगी ने,
मलाल ये है कि कुछ पसंद का नहीं मिला।
ये सादगी है तुमारी जो इतनी इज्ज़त देते हो,
वरना हम तो दुनिया के लिए बोझ बन चुके थे।
अच्छा है देख लो ये सब करके भी मगर,
मलाल मत करना की में इन सब से दूर ही अच्छा था।
सबकुछ अपने मुताबित हो यू जरूरी तो नहीं,
जो हमारे साथ बुरा है वो बहुतों के लिए बहुत अच्छा भी है।
खाब जितने भी देखे सब मुकमल हो गए,
समझ नही आता शुक्र खुदा का करूं या तेरा।
ये यादें यूं ही नही आती हर रोज तुमसे मिलने को,
कुछ तो अच्छा लगता होगा उसे भी तुमसे मिलकर।
ख्वाब जो देखा था पुरा हुआ वो मेरा,
शुक्रिया उस खुदा का करो साथ दिया जो मेरा।
कुछ ख़ाब भी देखा करो यारो,
यूं रोज मर मर के जीना भी अच्छा नही बताते।
क्या ओकात है किसी ख्वाब की कि पूरा न होगा,
जान की बाजी अगर जान से खेलोगे।
उस महबूबा की मोहब्बत से कमाल का प्यार था,
पता था वह नहीं आने के पर फिर भी उसी का इंतजार था।
मलाल मत किया करो इतना दिल टूट जाने पर,
जो मिली नही उसी को म्होबत कहते है यारो।
मुझे छोड कर वोखुश हे तो शिकायत कैसी,
अब मे उन्हे खुश भी ना देखू तो मोहब्बत कैसी।
यूं ही नहीं हम खाक हुए,
हमारे साथ इश्क में धोखे इत्तेफाक हुए।
कहते हैं मोहब्बत बुरी है मान लेते हैं,
कौन दोगला है हम तो ये चेहरा देखकर पहचान लेते हैं।
सारे जहां को जिस पल का इंतजार रहता है,
हुए है मुकमल तुमारे तो जिया करो भरपूर।
गुमान कैसा की हम सब जानते है,
खुदा कहा कहता है की में दुनिया चलाता हूं।
कितना अजीब है यूं बाते करना भी,
जब मालूम है की हम बोल भी सकते है।
महोब्बत ऐसे हि मुक़्क़मल नहीं हुई साहब,
मै भी जहन्नुम से हो कर गुजरा हुँ।
हल्की फुल्की सी होती है ज़िन्दगी,
बोझ तो ख़्वाहिशों का होता है।
दर्द दिल दिल मे रहे तो ही अच्छा है क्योंकि,
मरहम नही लोग बस दर्द पर नमक लगाना जानते हैं।
अजीब तरह से काट रही ज़िन्दगी मेरी,
दिल पर राज़ उसी का है फिर भी ये अकेला सा है।
मुझे खुद खिलाया था किसी अपने ने जहर अपने हाथों से,
मैं जिस दर्द से मैं खुद गुज़री हूँ वो किस और को कैसे दूं।
आपका दिया हुआ दर्द भी मुझे भा गया,
शायद आपको मोह्हबत नहीं मेरे से ये मुझे अब समझ आ गया।
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है अपना होता तो और बात थी।
मोहब्बत वो नही जो ज़िद्द और जुनून से हासिल हो जाये,
मोहब्बत में दिल तो प्यार और इज़्ज़त से जीते जाते हैं।
मोहब्बत की मिशाल में बस इतना कहूँगी,
बेमिशाल सज़ा है किसी बेगुनाह के लिए।
मैंने देखा था तुझे कई बार पलट कर लेकिन,
तेरी आंखों में फिर मिलने का इरादा ही नहीं था।
जख्मी दिल लेकर कहा कहा घूमते फिरोगे यारो,
इस म्होबत से दूरियां ही बहुत अच्छी रहती है।
पाना है अगर मोहब्बत को अपनी तो इंतजार के साथ साथ,
साम दाम दण्ड भेद सभ कुछ लगाना पड़ता है यार।
ये लड़कियां अक्सर अच्छे लडको को पसंद नही करती,
बुरा हद से ज्यादा बनोगे तो दिल भी पैरों में रहेगा सबका।
छोड़ के जाना तो तुम्हारी पुरानी आदत है,
कोई वो धमकी दे जिससे हम वाकिफ ना हो।
आदतें यू ही नही आती है लहज़े में,
कुछ ऐसा होता है कि फिर बदल जाते है लोग।
बस इतनी गलती थी की
दोस्ती को प्यार में बदलने चले थे।
ये कोई नई बात नही है यारो,
फर्क इतना है अब चारो ओर से तकलीफें देती हो तुम।
मोहब्बत तलाक सी नही होती वो तो ईबादत सी होती है,
जिसे मनज़ुर करवाने मे बस कयामत ही होती है।
अर्ज़ किया है ज़िन्दगी में अगर ग़म न होते,
तो शायरों की गिनती में हम न होते।
दुश्मन भी दुआ देते है ऐसी मेरी फितरत है,
बेवजह छोड़कर चली जाऊ ऐसी नीच हरकत भी नही मेरी।
इंसान को तोड़ने के लिए छेनी हथौड़ा की ज़रूरत क्या है,
लहजा बदल कर बोलने से भी बहोत कुछ टूट जाता है।
आजकल कोई किसी का नही है साहिब,
सभी अपने लिबाज़ को सजाने में लगे है।
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