100+ Best 2 Line Love Poetry in Hindi

Love Poetry in Hindi: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है दो लाइन शायरी हिंदी में। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

खुद ही की ख्वाहिशों से न जाने कितने धोखे किये हमने,

तमाम उम्र अपनों की बेरूखी से कई समझोते किये हमने।


Love Poetry in Hindi

तबाह बस्तियां बद्दुआएं देती हैं,

यक़ीन न हो तो जाकर देख आइए।


शायरी बया करना इतना आसान नहीं,

कभी झाक कर देखो मेरे दिल में कितना दर्द निकल रहा है।


चांद के साथ कई दर्द पुराने निकले,

कितने गम थे जो तेरे गम के बहाने निकले।


माँग कर देख क्यों नहीं लेते हमको,

ख़ुद को ख़ुदा समझनें का भरम शायद टूट जाए।


मैं खुद ऊलझा हूँ अपनी कहानी  मैं,

मैं कहाँ किसी के किस्से का किरदार बनू।


जो रह सका वो रुका,

जो गया वो वक़्त की चालाकी में आ गया।


ये आईने नहीं दे सकते तुम्हें तुम्हारी खूबसूरती की सच्ची ख़बर,

कभी मेरी इन आंखों में झांक कर देखो की कितनी हसीन हो तुम।


अब तो तोड़नें की इजाज़त भी नहीं लेनीं है,

चलो आओ जब कभी मन करे खेलनें का तो।


उन खयालों से अब निकल चुके हैं यार,

अब ऐसा तो मत कहो कि इश्क़ में मर जाना होता है।


Poetry Love in Hindi

अर्ज़ किया है ज़िन्दगी में अगर ग़म न होते,

तो शायरों की गिनती में हम न होते।


Love Poetry in Hindi

मांगा नही ख़ुदा से तुम्हे मगर इशारा तुम्ही को था,

नाम लिया नही मै ने मगर पुकारा तुम्ही को था।


क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो,

हम लोग #मोहब्बत की कहानी में मरे हैं।


शायरी में कहाँ सिमटता है दर्द-ए-दिल दोस्तो,

बहला रहे है खुद को जरा कागजों के साथ।


ज़ुल्फ़ों को सँवारना सीख क्यों नहीं लेते,

बेवज़ह रोज़ हमारे दिल को चोटिल होना पड़ता है।


तुम्हारे साथ खामोश भी रहूँ तो बात पूरी हो जाती है,

तुम में,तुम से,तुम पर ही मेरी दुनिया पूरी हो जाती है।


बड़ी आसानी से औरों की चीज़ को अपना कह देते हैं लोग,

ये वो दुनियाँ है जहाँ ईमान नहीं कइयों में।


उतर रहा है कोई दूसरा फ़िर से सांसों में,

हमें तो भरम था कि अब इश्क़ के क़ाबिल न रहे हम।


किसी के लिए जब कोई सफर में रुकना नहीं चाहे,

समझ लो उम्र पूरी हो चुकी है उस खास रिश्ते की।


जो बुरे हैं बुराई उनका भी रास्ता रोकेगी,

ग़लत काम का नतीज़ा हक़ीक़त में भयानक होता है।


Love Poetry in Hindi 2 Lines   

हर क़िस्म से दुआ माँगी रहम हो जानें की,

मेरी क़िस्मत में हुनर है दौलत शायद अभी नहीं।


Love Poetry in Hindi


कोई नया खिलाड़ी जान पड़ता है,

सुना है इश्क़ मुक़म्मल होनें की बातें करता है।


आओ इस भीड़ से निकल चलें,

ये बस्ती अब ज़िन्दा लाशों की ढेर सी जान पड़ती है।


कुछ तो वापस नहीं आते हैं क़यामत तक भी,

हमनें क्या बेवज़ह उम्मीद लगाई उनकी।


टहल आए हैं हम उस बाग के पीपल के पीछे से,

जहाँ बचपन की सौ यादों को दफनाए आए थे।


समझदारी नहीं आदमीं को बोलनें की गर,

सभी डिग्री वग़ैरह कागज़ के टुकड़ों से बदतर हैं।


जिंदगी भी आजकल जुदा जुदा सी लगती है,

साँस भी लूँ तो कमबख़्त जख़्मों को हवा लगती है।


यहाँ सब के पास ज़रूरत के बस थोड़ा कम है,

कहीं एक रोटी कम है तो कहीं बंगला।


यूँ मुलाक़ात के दौरान कुछ बातें हो नहीं पातीं,

समझ नहीं आता कि दीदार करें या बात।


तुम्हें हक़ है हमारी ज़िंदगी में हर एक काम का,

सुनो तुम हमें छोड़कर सब कुछ मांग लो।


मुद्दतो बाद लौटे हैं तेरे शहर में,

ईक तुझे छोड़ और तो कुछ बदला नहीं।


Love Poetry in Hindi

जब कहीं दिन भी बरस सा बोझिल होए,

तब मेरे हक़ में मेरे यार तुम दुआ करना।


उधार माँगकर शराब पी है आज,

सुना है मय इंसान मार देती है इंसान के अंदर का।


तुमको मालूम नहीं होगी हक़ीक़त लेक़िन,

हमनें आँखों में एक अलग तुमको देखा है।


जिस जगह किसी एक नें ज़ख़्म दे दिया,

इत्तेफ़ाक़न हर एक नें वहीं नमक रगड़ा।


अब कहाँ दुनियाँ में इत्तेफ़ाक़ होते हैं,

अब इश्क़ भी सुना है गोरे रंग से होता है।


अजीबो गरीब हैं ये फैसले तक़दीर के,

मर जानें के बाद भी कभी कभी मरहम नहीं मिलता।


एक बात तक अधूरी नहीं छोड़ता मैं,

उसके साथ की हर शाम मुझे मुक़म्मल सी लगती है।


बड़े लोग हैं मोहब्बत समझते नहीं शायद,

छोटे लोग मर जाते रहे हैं इश्क़ की दुहाई देकर।


याद क्यों रखेंगे लोग आपको मौत के बाद,

ये सोचकर भी कई बार काम करनें चाहिए।


Best Love Poetry in Hindi

रास्तों का कुसूर नहीं इस सफर में,

हमनें में कम बेवकूफियाँ नहीं की हैं।


Love Poetry in Hindi

जब अपनो को ही भरोसा ना रहा अपनो पर इस जमाने में,

गैरो से कैसा उम्मीद करें वफ़ा निभाने में।


तुमसे कहनें आया तो था,

पर देखा तुम भी अकेले उदास बैठे थे।


हक़ से ग़लती बतानें की आदत है उन्हें,

सब कहते हैं मैनें उन्हें छूट ज़्यादा दे दी है।


उन बेग़ैरत आईनों से हमें नफ़रत है,

जो उन्हें मेरे साथ दिखा नहीं सकते।


बदल तो गए हैं मौसम भी आजकल,

न बदलनें वाले पत्थर भी तोड़ दिए जाते हैं।


इतनी हसीन ज़िन्दगी लेकर करोंगे क्या,

तुम भी मोहब्बत करने चले हो मरोगे क्या।


ग़ुरूर उनको भी था कि बहुत ऊँचे लोग हैं,

जिनको मौत नें भी रहम की आँख से न देखा।


तुम्हारी जैसी दिखनें वाली हर शक़्ल पसन्द आती है मुझे,

तुम क्यों नहीं समझते कि तुमसे इश्क़ है हमें।


सल्तनत मेरे सरकार की मेरे दिल में हैं,

राज नहीं हुक़ूमत है उनकी वहाँ पर।


उन्हें शुक्र नहीं करना कि ज़िन्दगी है,

एक हम हैं जिसे चाहिए ही नहीं ये बेग़ैरत ज़िन्दगी।


Love Poetry in Hindi

क्या ग़ज़ब की कोशिश की गई मुझे तोड़नें के लिए,

मैं सच में कायल हो गया इंतेजाम और मेहनत देखकर।


जब से आए हैं हैरान परेशान रहते हैं,

मेरा गाँव ही बेहतर था गर कमाई का ज़रिया होता 


नज़रें फेर लेते रहे हैं ओढ़नी खिसकनें पर,

और इस शहर में ये देखकर हमें गंवार कहा गया।


क्यों न बाक़ी रही लोगों में आग,

सबकी सिर्फ़ अपनीं अपनीं ही पड़ी क्यों है।


कहीं मेरे ज़ख्मों को वो देख न ले,

इसी लिए उसे लहू नहीं रंग का नाम दे दिया।


कब मैनें किसी ग़ैर की तरफ़दारी कर दी,

एक इसी बात पर शुरू हुआ माज़रा सारा।


इतनें आसान कहाँ होते हैं ज़िन्दगी के सवाल,

तीन घंटों में परीक्षा भी तो कहाँ ख़त्म होती है।


हमनें तेरी आदत नहीं बदली वरना,

इस शहर में जिस्मों की भरमार है शायद।


इतना भी आसान नहीं किसी को माफ़ कर पाना,

बड़ी काबिलियत चाहिए बेहतरीन ज़िन्दगी जीनें के लिए।


2 Line Love Poetry in Hindi

मैं सवाल पूछ लेता तो हूँ,

पर डर जाता हूँ कि कहीं बुरा न लग जाए।


Love Poetry in Hindi

सम्भल कर वार करते हैं दुनियाँ वाले,

उन्हें अच्छा भी तो दिखना होता है सामनें से।


वो कोई तोहफ़ा लानें वाला था,

उसनें आख़िरकार तन्हाई हमारे नाम कर दी।


छत नहीं अगर मुक़म्मल एक ही साथ तो चलो,

मैनें देखा कि एक ही आसमान है मेरे और तुम्हारे ऊपर।


खिड़कियों की जगह तकलीफ़ों की ईटें हैं,

कहाँ से आएगी घर में खुशियाँ पैसों वाली।


छोटी ज़िंदगियाँ नहीं बड़ी उम्र चाहिए,

उसे लगता है साँस चले तो आदमीं जिंदा रहता है।


सिसकते हुए लोग हर बार सही नहीं होते,

एक उम्र लग गई मुझे ये बात समझते समझते।


बहुत तरीकों से जोड़कर देख लिया मैनें,

तेरा न होना हर तरीके से मुझे तड़पाएगा ही।


जो एक पल का वक़्त बचा होगा आख़िर में,

उस एक पल में उन्हें देखना चाहूँगा मैं।


क्या ख़ाहिश करें कि वो हमको मिल जाएँ,

उसकी भी हमारी ही तरह शायद कोई ख़ाहिश होगी।


क्या बुरी बात हुई दिल का जल जाना,

दीवाली तो नहीं कि पटाखों की तरह आवाज़ आए।


Love Poetry in Hindi

जब से मस-अला बढ़ा है हिन्दू-मुसलमाँ का,

मेरी बस्ती में इंसान कम ही नज़र आनें लगे हैं।


मंजूर है दुनियाँ को अंजान के साथ विदा कर देना,

पर ये नहीं मंज़ूर की कोई चाहनें वाला साथ निभा जाए।


कभी कभी दिल के सुकून के लिए सारा जहां नहीं,

वो एक शख़्स ही काफी होता है जिससे मोहब्बत हो।


समझना चाहा मैनें भी दुनियाँ जहान को,

अब मैं समझता हूँ कि ख़ुद को ही समझ लेना काफी है।


तू सच्ची मोहब्बत तो करता मैं तेरा इंतजार कर लेती,

ना तूने सच्ची मोहब्बत की ना मैंने तेरा इंतजार किया।


सुना है इश्क का बुखार तेज़ी से चढ़ रहा है,

मैं दवा का अविष्कार कर दू।


अब कहाँ यारों जहाँ में रहता हूँ,

गौर से देखो क्या अब भी ज़िंदा लगता हूँ।


गुज़री हुई शाम तक दुबारा नहीं आती,

लोग खाब देखते हैं गुज़रे हुआ वक़्त बदल जानें का।


फिर से बारिश नहीं हुई लेकिन,

मैं भीग जाता हूँ उनकी यादों की छाँव तले।


Love Poetry in Hindi


कुछ तो आदतों की बात कही जाती है,

वरना ये इश्क़ कहाँ भला होता सबको।


Love Poetry in Hindi


पाँव की पायल थी वज़ह मेरे ज़िद की,

अब ये बेड़ियाँ बनकर मुझे तडपानें में लगी हैं।


दिलों में आग लबों पर गुलाब रखतें हैं,

सब अपने चेहरों पर दोहरा नक़ाब रखते है।


क्यों न हर शाम मैं सबकुछ भूल जाऊँ,

हर सुबह नई सी जिंदगी क्यों नहीं मिलती।


अबकी गाँव से जानें का मन नहीं करता,

उन शहरों में सुकून नहीं बस दौड़ है।


छत से बाहर झाँक-कर के जिंदगी देखी,

बहुत दिनों से मैनें आसमाँ नहीं देखा था जो।


में उसको भुलाऊ तो भुलाऊं कैसे, 

उसके नाम के पहले और दूसरे अछर जो मेरे नाम में आते ही।


तुम लहराती सागर सी मै खालीपन का मारा हूं,

तुम कामयाब शहरी लड़की मैं गलियों का आवारा हूँ।


समझ में आता है कभी कभार घर का बोझ जब,

सच मानिए रूह काँप जाती है कुछ ख़यालों से।


पता नहीं किस बात का ग़ुरूर है उसको,

शायद हम ज़रूरत से ज़्यादा ईज़्ज़त देनें लगे होंगे।


तमाम उम्र हम लड़ते रहे कि जीत जाएँगे,

किसी नें मुस्कुराकर सबकुछ छीन लिया है।


ताकि हम किसी के न होने पर भी मुस्कुरा सकें,

ईश्वर नें इसलिए बनायी हैं स्मृतियाँ ।


कुछ अजीब चीज़ें हैं तो मज़ा है जिंदगी में,

वरना तो लोग ऊब जाते हैं एक तरह के खानें तक से।


उस दौर का इंतज़ार जल्द ही पूरा होगा लगता है,

जब शराफ़त बेवकूफ़ी का समानार्थी माना जाएगा।


क्या ख़याल करें उसकी आदतों का हम,

जब उसे ख़याल नहीं कि हम जिंदा भी हैं की नहीं।


तरसोगे तुम भी एक दिन ये सोचकर वो शख्स अपना भी नहीं था,

मगर अहसास अपनो से भी ज्यादा करता था।


एक तो शिक़ायत भी हमीं से है,

ऊपर से करना भी हमीं से उफ़्फ़ ये इश्क़।


एक ही बार में सब कुछ लूट लिया गया पर अच्छा है,

इश्क़ कहाँ दुनियाँ में रोज़ रोज़ होता है।


यूँ आसानीं से क्या इश्क़वालों की बात करते हो,

चट्टान टूट जाए तो मज़ा सिर्फ़ देखनें वालों को ही आता है।