Sad and Romantic 2 Line Poetry in Hindi

Romantic Poetry in Hindi: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है रोमांटिक शायरी हिंदी में। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

मुझको मालूम नहीं हुस्न की तारीफ,

मेरी नज़रों में हसीन‌ वो है जो तुम जैसा हो।


Romantic Poetry in Hindi

क्या देख पाते कोई बरहना हकीक़त हम,

ख्वाब आँखों में धूल झौंकते रहे हरदम।


सिवा तेरे कहीं खोया नहीं मैं घनी जुल्फों तले सोया नहीं मैं,

कोई चुभती हुई तू बात तो कह बहुत दिन हो गए रोया नहीं मैं।


मुझ में कोई बुराई देखो तो मुझसे कहो,

मुझसे कहोगे तो नसीहत होगी दूसरों से कहोगे तो गीबत होगी।


ये माना कि तू आज मुझसे बात नहीं करेगी,

लेकिन देखना एक दिन उस खुदा से भी तू मेरी फरियाद करेगी।


मेरा प्यार आजमाने के लिए तुम्हें,

मेरा दिल जलाने की कोई जरूरत नहीं है।


उड़ते हुए पंछी को पिंजरे में बंद कर लूं,

सोच रहा हूं,

अपने चैनल में किसी लड़की को पसंद कर लूं।


मुझको हँसने के लिए दोस्त मयस्सर हैं बहुत,

काश रोने के लिए भी कोई कंधा मिलता।


सब कुछ तो हैं बस सुकून की कमी हैं,

सफर तो जारी हैं बस हमसफ़र की कमी हैं।


महकती हुई जिंदगी का एक ओर किसा खत्म,

वो सिर्फ हमारी थी ये महज था मेरा एक वहम।


Sad Romantic Poetry in Hindi   


जब भी सुनता हूँ नेताओं के वादे,

तुम मुझें और याद आनें लगती हो।


Romantic Poetry in Hindi

अब तो आँखें भिगोने लगी हैं तेरी यादें ऐ काश,

तुम अजनबी ही रहते तो बेहतर होता।


लफ्ज फीके पड गये तेरी अदा के सामने,

तुझे खुदा कह गया अपने खुदा के सामने।


लोग तो निकाह के बाद भी छोड़ जाते हैं, 

तुम खामखा सूफी वादों पे रो रहे हो।


मसला ये नहीं कि बेवफ़ाई का इल्ज़ाम है,

बात ये है कि इश्क़ पेट नहीं भर सकता।


तुम पे उतरी ही नहीं हिज्र की अंधी रातें,

तुमने देखा ही नहीं चांद का काला होना।


दिल जानता तो है कि वो बदल गए हैं,

पर एक आस ये भी हैं कि फिरसे बदल जाएंगे ।


एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती,

एक जमीर है जो दिन भर सोया रहता है।


कुछ मो'जिज़ा ऐसा भी हो जाए,

मुझे वो तिलिस्म हासिल हो जाए,

जो तुझे सिर्फ मेरा हमेशा के लिए बना जाए।


वक़्त की ही कमी है मेरे पास,

वरना तुम्हें याद करने के अलावा काम और भी हैं मेरे पास।


ऐ उड़ते परिंदे कुछ तो दुआ दे खुले आसमान की,

पिंजरे का दर्द क्या है अब समझ चुका है इंसान भी।


Romantic Poetry in Hindi

दुसरोंपर कीचड़ उछला तो हमने खूब मजाक उड़ाया,

पर एक दिन जब खुद पर कीचड़ उछला तो दूसरोंको हसते देख खुद पर बहुत रोना आया।


कोई चाह रहा था कि वो भी दुनिया मे मशहूर हो,

फिर क्या था उसे मुहोब्बत हो गयी।


अब तो सावन राजा ने भी दस्तक देदी,

और हमारा यार हैं की अब तक नही लौटा।


एक लफ्ज मुहब्बत का इतना सा फसाना है,

सिमटे तो दिले आशिक बिखरे तो जमाना है।


शराब कमज़ोरों का सहारा है,

हमने होंश में संभाला है खुद को।


दुनिया रही तो प्यार जन्म लेगा फिर कहीं,

ये आगरे का ताजमहल ही आखिरी नहीं।


मेरा  बुरा  वक्त अभी  लंबा  चलेगा,

जिसको छोड़ कर जाना है चला जाए।


फिर यूँ हुआ कि सब्र की उँगली पकड़ के हम,

इतना चले के रास्ते हैरान रह गए।


करता है हां हूं मुझमें कौन हैं बेकाबू मुझमें,

यादें हैं या उपद्रव हैं चलते हैं चाक़ू मुझमें।


किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी,

इंतज़ार तेरा मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।


Romantic Poetry in Hindi

तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है,

ख़ुशबू खुद बता देती है कौन सा फ़ूल है।


रूबरू होने की तो छोड़िए गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,

गुरुर ओढ़े हुए कुछ रिश्ते अपनी हैसियत बताने लगे। 


तुम जिस दर्द में मर रहे हो,

मैं वहाँ से जिंदा लौटा हूँ.!!


या रब कौन रोएगा मेरे जनाज़े पर,

हाए कौन कहेगा की लाडला था मेरा!


मैं और तुम इस जीवन में कभी नहीं मिलेंगे,

मैं और तुम मिलेंगे एक दिन बहते हुए, गंगा की धारा मे।


अब हम रात भर जागते ही रहतें हैं,

हमको "उल्लू" बना गया है कोई।


लबों पे झूठी हँसी और चश्मे नम देखा,

हरेक शख़्स की आँखों में हमने ग़म देखा।


कैसे बन जाये कोई मोहब्बत मेरी,

प्यार से ज़्यादा तो मैं बेइज़्ज़ती कर देता हूँ।


तुम्हारी आंखें हसीन हैं  लेकिन,

तेरी कैची जैसी ज़ुबान का दुःख है।


Sad and Romantic Poetry in Hindi

यही कहेंगे नई नस्ल ही बिगड़ गयी, 

बुजूर्ग लोग जवानो का दुख ना समझेंगे।


Romantic Poetry in Hindi

देखी बहुत सी आंधियां,बहुत से तूफान देखे हमने,

टूटकर बेशक बिखर गए,मगर घुटने नहीं टेके हमने।


किसी ने क़ब्र खोदी तो किसी ने राख कुरेदी,

बाद मेरी मौत के मातम से ज्यादा तमाशा हुआ।


और फिर कुछ ऐसा हुआ ये दिल जिसका हुआ,

वो मेरी तकदीर का हिस्सा ही नही हुआ।


तुमसे वफाई करनेका मुझे बहुत खूब नजराना मिला,

मेरी नींद ने भी मुझसे बेवफाई करके तन्हाइयोंको चुना।


कितना रोया था मैं तेरी खातिर,

अब जो सोचूं तो हंसी आती है।


मेरा काम तो बस तुम्हे चाहना हैं,

तुम्हें मेरा होना हैं या नही ये तुम्हारी मर्जी हैं।


ऐसे तो उलझने किसी को रास नही आती,

पर मुझको सिर्फ तुझमे उलझे रहना बहुत पसंद हैं।


सारा राशन मुफ़्त में दे दिया ,

तेरा हमनाम आया था मेरी दुकान पर। 


नशीली गोलियों ने लाज रखली नौजवानों की,

कि मैख़ाने जाकर अब कोई रुसवा नहीं होता।


जिस तरह जिस्म उदासी के लपेटे में है,

हमारे पुर्ज़े तो जवानी में ही गल जायेंगे।


Romantic Poetry in Hindi

गौर से देखो मेरी शायरियां,

लफ्ज़ दर लफ़्ज़ तुम ही हो।


अपने शहर में पहचान कम है हमारी,

क्योंकि घर उसका दूसरे शहर में पड़ता हैं।


वो समझदार थी समझ गई,

मैं पागल था जो उसे समझाता रहा।


मैने रंग दिया है हर पन्ना तेरी यादों से,

मेरी डायरियों से पूछ इश्क़ किसे कहते हैं।


तेरे लिए ही हर वक्त लबों पर दुआ क्यों है,

अगर इतनी ही मोहब्बत है तो हम जुदा क्यों हैं। 


लाकर कहाँ से दूं पहले सा सूफ़ी तुझ को,

अब तो जिगर का ख़ून भी ताज़ा नहीं मेरा।


तुम्हारी मुहोब्बत में जरूर ही मिलावट होगी,

वरना मेरी रूह तुम्हारी रूह में इस कदर मिल ना गई होती।


प्यार की तलाश में भटके है सारा जहां,

कपड़ो से ज्यादा बिकते हैं रिश्ते यहां।


बन्द कमरे ने बैठ दर्द अपना दीवारों को सुनाते रहे,

क्योंकि बचपन से सुना था दीवारों के भी कान होते हैं।


उम्र आधी लग गयी तेरी यादें मिटाने में,

अभी आधी औऱ लगेगी तुझे पूरा भुलाने में।


Romantic Poetry in Hindi

पहले मुझे लगा वफादार हो आप,

फिर पता चला कि अदाकार हो आप।


ख्वाहिश ये नही कि वो लौट कर आए,

ज़िद ये है कि उसे जाने का अफसोस हो।


मैं छोड़ ना सका अंधेरे को अकेला,

पैग़ाम तो बहुत आये थे सूरज के घर से।


ये मेरी मजबूरी कहो या हिम्मत,

तुम्हारे बगैर जी रहा हूँ मुस्कुरा रहा हूँ।


हर रात तुम्हें भूल कर सोते हैं,

हर सुबह का पहला ख्याल होते हो तुम।


आज इस क़दर उदास हूं कि,

अंग्रेज़ी में रोने को दिल कर रहा है।


आपने भी तो मुँह फेर लिया था मुझसे महादेव,

आपके दर पर भी तो आया था माँगने उसको।


उस रोज हुई तो थी उनसे मुलाकात,

पर जालिम वक़्त हैं कि जल्दी में था।


हमें अपनी किस्मत पर पूरा यकीन है मुर्शद,

हम दूध से जले है हम छाछ से भी जलेंगे।


Romantic 2 Line Poetry in Hindi

अब कहां तुम दस्ते नाज़ुक से उठाओगी कमान,

लाओ ख़ुद रख लू कलेजे में तुम्हारे तीर को।


Romantic Poetry in Hindi

मेरी कहानी ख़त्म हो गयी है,

मुबारक हो आप अच्छा खेलते हो।


अगर किसी से बिछड़ने का डर तुम्हे हर रोज रहने लगे,

यकीन मानो उस इंसान को एक दिन तुम खो ही दोगे।


एक शख्स ऐसा भी है दुनिया में,

जो अपने घर से ज्यादा मेरे जहन में रहता है।


झुर्रियां तो जिस्म पर आती है,

इश्क़ तो हमेशा जवां रहता है।


मोहब्बत अपनी किस्मत मैं नही थी,

इबादत से गुजारा कर रहे हैं अब हम।


बात करने क़ो क़ोई भी नही हैं,

यारो इतने अकेले तो मुर्दे होते हैं न।


फना -ए- इश्क़ का दस्तूर तुझे क्या मालूम,

इश्क़ में दिल ही नही सर भी दिए जाते हैं।


इश्क़ का क्या है,दोबारा भी हो सकता है,

नियत अच्छी हो तो बरकत बनी रहती है।


मेरी निगाहों में किन गुनाहों के निशां खोजते हो,

अरे मैं इतना भी बुरा नहीं जितना तुम सोचते हो।


तुम न महरम न मेरे दोस्त न दुख के साथी,

हाय किस हक़ से मेरा तुमसे गिला रहता है।


Romantic Poetry in Hindi

इतने मसरूफ़ हो गए हम तुम,

मिलना जुलना तो ख़्याव हो जैसे।


मेरे इंतज़ार को ना बेकार किया जाए,

आग को राख का कर्ज़ अदा किया जाए।


ख़ुद को इतना दुनियांदार नही कर सकते, 

आधे दिल से पूरा प्यार नहीं कर सकते।


शायरोंकी महफ़िल में मुहोब्बत की बातें हो रही थी,

और मेरी जान बदनामी के डर से अपना आँचल छुपा बैठी।


मैं पढ़ा तो ब्याह लाया अनपढ़ को भी,

वो पढ़ी तो सैकड़ों पुरुषों को नापसन्द किया।


गए हो कचहरी कभी अपने क़त्ल के,

मुकद्दमे में अपनी बेगुनाही की सफ़ाई देने।


कुछ नही मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर, 

मेरा अपना साया मुझे धुप में आने के बाद मिला।


सैंकड़ो किताबें पढ़ी लेकिन ये ना जान पाए,

कोई अपना बहूत दूर रहे तो कैसे सब्र करते है!!


वो भी इक़रार कर के फंस गई है,

हम भी अपना कहा भुगत रहे हैं।


Romantic Poetry in Hindi


पसीना मौत का माथे पे आया है आइना लाओ,

सूफी अपनी ज़िंदगी की आख़री तस्वीर देखेंगे।


Romantic Poetry in Hindi

क्या तुम्हें मुझसे बिल्कुल भी डर नहीं लगता फलानी,

देखता हूं तुम्हारी तस्वीर तुम पलकें क्यू नहीं झुकाती हूं।


चश्म ए बीमार की शिफा के लिए,

तेरे देखे हुए को एक बार देखेंगे।


वो उतारती रही कपड़े प्यार समझ कर,

और उसने एक झटके में उसे बाजारू कह दिया।


हमारी चीख ने एक भीड़ इक्ट्ठा कर दी,

मगर अफसोस पुकारा हुआ शख़्स नहीं आया।


किसी के इश्क़ में ऐसे मरो कि मरने पर,

फ़क़ीर शाह क़लंदर ग़ुलाम रोने लगें।


मुर्शद ऐसी दिखती हैं वो सहेलियों में,

कच्ची बस्ती में जैसे हो कोई हवेली अकेली।


हमदर्द थे हम-कदम थे हमसफ़र थे हमनशीं,

जो भी थे बस हम थे वो तो कभी थे ही नहीं।


अमानत जान कर मेरी उतारा है तुम्हें वरना,

खुदा परियों को इस दुनिया में अब आने नहीं देता।


तुम्हारी नींद भी गायब है ख्वाब भी है बेचैन,

अजीब शख्स हो किसने कहा था इश्क़ करो।


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