Chai shayari (चाय शायरी) : नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल Chai shayari है। दोस्तों जैसा की आप जानते है की हमारी दिन की शुरुआत चाय से ही होती है। अगर चाय के साथ अखबार हो फिर तो मजा दुगना हो जाता है। चाय की चुस्की के साथ देश दुनिया की खबर पढ़ने का मजा ही अलग है। अगर चाय पीते पीते आपको कुछ पोस्ट करना हो अपने स्टैटस पे तो चाय के साथ एक अच्छी शायरी फेस्बूक पर अपडेट करते है तो देखने वाले की भी सुबह अच्छी हो जाएगी।
इसलिए आज हम आपके लिए Chai Pe Shayari लेकर आए है। हम उम्मीद करते है की इस पोस्ट की चाय शायरी आपको याची लगेगी और इसे आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
चाय के दीवाने इश्क़ cofee वाली से कर बैठें हैं,
दिल की मरम्मत में बजट में दरार आ गई।
कभी देखा ही नहीं कोई मौसम,
मैंने चाहा है तुम्हे चाय की तरह।
तुम Starbucks की coffee सी
मैं नुक्कड़ वाली चाय प्रिये।
इश्क़ गरम चाय है और दिल बिस्कुट,
ज्यादा डूबेगा तो टूट जाएगा।
Chai shayari
बड़े अदब से कहा उन्होंने हमसे,
सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो,
पर मुंह बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं
रूबरू मिलकर करो हिसाब सारे,
तुम ये फोन पर चाय पिलाने का नाटक मत किया करो।
चाय सा इश्क़ किया है तुमसे,
सुबह शाम ना मिलो तो दर्द सा बना रहता है।
बेशुमार चाय पीते तो भी निखर जाते,
2 घूंट मोहब्बत क्या पी ली बीमार हो गए।
चाय शायरी
हमें चाहिए महबूब ऐसा कोरोना की दवाई जैसा,
ठंड में रजाई जैसा,अदरक वाली चाय जैसा।
तू जिसे दादागिरी कहता है,
उसे हमारी ज़ुबान में पता है, क्या
कहते बेटा इधर आओ दो चाय लेकर आओ।
कुछ लोगो की सोच चाय में डूबे बिस्कुट की तरह होती हैं,
कब गिर जाए पता ही नही चलता।
इक चाय सा नशा है तुझमें भी यारा,
सुबह होते ही तुम्हारी तलब लग जाती है।
Shayari On Chai
जिंदगी का सबसे हसीन लम्हा जी कर आया हूं,
आज पडोसी की हाथ की बनी चाय पी कर आया हूँ।
इस कदर वो दुनिया के सामने अपना इश्क़ दिखाती है ,
चाय की एक चुस्की लेकर मुझे झूठी चाय पिलाती है।
हम तो गर्मी आने पर चाय भी नहीं छोड़ते,
यकीन मानिए आपको छोड़ने का तो सवाल ही नहीं।
पहले चाय सिगरेट और तुम हमसफर थे मेरे,
फिलहाल चाय और सिगरेट आज भी मेरे साथ है।
चाय पर शायरी
नशा होकर भी हलाल होता है,
चाय का प्याला भी कमाल होता है।
चंद लम्हों को सदियों में जीना है,
मुझे तुम्हारे होंठो से लगी चाय पीना है।
ना मंगनी की,ना ही बारात की बात होगी,
चाय कैसी बनाती हो पहले इस पर बात होगी
अलग ही इज़्ज़त है चाय में इलायची की,
हर किसी के लिए नहीं डाली जाती।
Chai shayari
ये कड़ाके की ठंड ये सर्द हवाएं,
बताओ गरमा-गरम चाय पिला रहे हो या कहीं और जाएं।
हाय ये तेरी अदा कहर ढा रही है,
चाय में भी मुझे तु ही नजर आ रही है।
मिली जो फुर्सत तो आएंगे और पियेंगे ज़रूर,
सुना है तुम चाय बनाती हो तो गलियां महक उठती हैं।
रहना है तो चाय के कप में रहना,
किसी के दिल मे अब नही रहना मुझे।
चाय शायरी
कभी दिल माने तो करना मुलाकात हमारे साथ,
सस्ती चाय के साथ महँगी यादें पिलाकर भेजेंगे।
इश़्क है तो ज़ाहिर कर,
बनाकर चाय हाज़िर कर,
अदरक डाल या डाल इलायची,
कूटकर मोहब्बत भी शामिल कर।
वो शहद का लुफ्त और साकी वो शराब किधर गई,
मैंने हाथों से पिलाई चाय और उन्हें नशे सी चढ़ गई।
वो कभी यूँ आकर के हमे बुलाते क्यों नही,
कब से चाय बना रखी है मैंने तुम आते क्यों नही।
Shayari On Chai
खिलखिला उठती है चाय मेरे होंठों से लग कर,
कहीं इसको भी मुझसे इश्क़ तो नहीं हो गया।
तेरे लबों को छूकर जो आई है वो चाय मिल जाए,
तू कह देना जुठा उसे मुझे तो अमृत मिल जाए।
खूबसूरत इतवार की शाम है दिल तेरी याद में तन्हा है,
फकत फिर वही शाम और हाथ में चाय है।
हम चाय पीकर कुल्हड़ नहीं तोड़ पाते,
दिल तो खैर बहुत दूर की बात हैं।
चाय पर शायरी
चाय भी कड़वी लगने लगती है,
जब दिल में कोई मीठा सा बस जाता है।
पल भर में ठंडा हो जाता है,
तुम्हारा गुस्सा बिल्कुल चाय सा है।
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे साॅवला अच्छा लगता है।
मिले थे हम ख्यालों में,
उस रात की बात ही कुछ और है।
Chai shayari
मोहब्बत तो तुमसे भी बहुत है,
पर चाय की बात ही कुछ और है।
जागने की इजाज़त नहीं देते तेरे ख्वाब मुझे,
वो तो हम चायके बहाने उठ जाया करते हैं।
बहक न जाए कहीं कमबख्त इस चाय की नीयत,
तुम बार-बार यूँ देर तक कुल्हड़ को होंठो से न लगाया करो।
इस कदर वो दुनिया के सामने अपना इश्क़ दिखाती है ,
चाय की एक चुस्की लेकर मुझे झूठी चाय पिलाती है।
कुछ इस तरह से मेरी जिंदगी में उस का राज हैं,
जैसे चाय की चुस्की मे अदरक का स्वाद हैं।
आओ ना थोड़ा इश्क निभाते है,
दो घूंट चाय है, इक -इक कर दोनों पी जाते हैं।
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