Good Evening Shayari: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजीर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है - गुड इवनिंग शायरी। शाम का समय बाद ही सुंदर होता है खासतौर पर उस समय जब सूर्य अस्त होता है और जब लालिमा छाई होती है उसकी खूबसूरती का जवाब नहीं है। अगर सोचिए शाम के समय ही आप किसी को इस पोस्ट की Good Evening Shayari के साथ wish करते है तो उसका मूड सही हो जाएगा।
हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको अच्छा लगेगा और इस आर्टिकल के Good Evening Shayari Image को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
रफ़्तार कुछ इस कदर तेज है जिन्दगी की,
की सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है।
मोहब्बत के फूल तेरे नाम करते हैं,
तेरी मुस्कुराहटों को सलाम करते हैं,
बन जाये तेरी ज़िंदगी खुशियों का घर,
ये दुआ हम तुम्हारे लिए सुबह शाम करते हैं।
तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम।
Good Evening Hindi Shayari
ये बेफिक्र सी सुबह और गुनगुनाहट शामों की,
जिंदगी खूबसूरत है अगर आदत हो मुस्कुराने की।
आंखे है उनकी या है शराब का मेहखना,
देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना,
होठ है उनके या है कोई रसीला जाम,
जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम।
इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी,
तुम आज भी नहीं आओगे और तन्हाई जीत जाएगी।
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,
लगता है तू भूल रही है मुझे धीर-धीरे।
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।
कितना खौफ़ होता है शाम के अंधेरों में,
पूछ उन परिंदों से जिन के घर नहीं होते।
Good Evening Shayari In Hindi With Image
साथ बिताई तेरे संग वो शाम सुहानी जिंदा है,
होंठ भले सूखे हो फिर भी आँख मे पानी जिंदा है।
वक़्त के तकाज़े बदल गए वरना,
हमें भी याद करता था कोई दिन चढ़ेशाम ढलेरात गये।
सुबह-शाम उन्होंने गले से लगाया होता,
सोते वक्त भी पास बुलाया होता,
ऐ खुदा बड़ा करम होता तेरा अगर,
हमें उनका मोबाइल बनाया होता।
कैसे गुज़रती है मेरी हर एक शाम तेरे बगैर,
अगर तू देख ले तो कभी तन्हा न छोड़े मुझे।
आपकी एक झलक देखने की कोशिश में हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आपके नाम कर दी,
ये भी मेरी चाहत की दिवानगी है यारों,
कि बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
तेरे लबों को छू लूं वो शाम आ जाए,
तेरे साथ उम्र भर जीने का मौका मिल जाए,
ये ज़िन्दगी तो है तेरी अमानत,
बस मेरे नाम के साथ तेरा नाम आ जाए।
Good Evening Shayari For Friends
तेरे नाम से दिन गुजरे,
तेरे नाम से शाम मेरी,
लंबी उमर जीने का नहीं सोचता मैं,
बस एक पल तेरे साथ जीने की ख्वाहिश मेरी।
तुझसे ही सुबह तुझसे ही शाम है,
मेरी हर धड़कन में बस तेरा ही नाम है,
अब चाहे तू हां करे या फिर न करे,
मेरा तो अब बस तू ही एक मुकाम है।
तुझसे ही सुबह तुझसे ही शाम है,
मेरी हर धड़कन में तेरा ही नाम है,
अब सांसे भी मिलेंगी और आग भी लगेगी,
मेरा तो अब बस तू ही एक मुकाम है।
हम रोज उदास होते है और शाम गुजर जाती है,
किसी रोज शाम उदास होगी और हम गुजर जायेंगे।
मैं लिख दूं वो किताब जिसके हर लफ्ज़ में तेरा नाम आता है,
सुबह से शाम शाम से सुबह बस तेरे ख्यालों में खोया, रहता हूं और मुझे काम ही क्या आता है।
एक शाम आती हैं तुम्हारी याद लेकर,
एक शाम जाती हैं तुम्हारी याद देकर,
पर मुझे तो उस शाम का इंतज़ार है जो,
आए तुम्हें साथ साथ लेकर।
Good Evening Shayari Image
कभी याद जो आऊं उदास शामो में,
तो मेरे हक में भी दुआ करना।
हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
फ़िर पहली मोहब्बत का अंज़ाम याद आता है।
चाय सा इश्क़ किया है तुमसे,
सुबह शाम ना मिलो तो दर्द सा बना रहता है।
तू नया है तो दिखा सुबह नई शाम नई,
वरना इन आंखो ने देखे हैं नए साल कई।
शाम की लाली रात का काजल सुबह की तकदीर हो तुम,
चलता फिरता ताजमहल हो सांसे लेता कश्मीर हो तुम।
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है।
Good Evening Shayari Wallpaper
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों के साये में शाम कर लूंगा,
सफर इस उम्र का पल में तमाम कर लूंगा।
शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं,
इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं।
चाय सा इश्क़ किया है तुमसे,
सुबह शाम न मिलो तो सर दर्द सा रहता है।
दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो,
सब कुछ क़बूल है अगर साथ तेरा हो।
नवम्बर की मीठी सर्दियों में,
मुझे महकती शाम लिखना तुम
दिल बहक जाए जहाँ मोगरे की ख़ुश्बू से,
अपनी राहों का मुझे वही मुक़ाम लिखना तुम।
शाम होने को है घर जाते हैं,
अब बुलन्दी से उतर जाते हैं,
जिन्दगी सामने मत आया कर,
हम तुझे देखके डर जाते हैं।
शाम होने को है घर जाते हैं,
अब बुलन्दी से उतर जाते हैं,
जिन्दगी सामने मत आया कर,
हम तुझे देखके डर जाते हैं।
Good Evening Shayari
यें दिसम्बर भी गुज़र जायेगा इस बेरंग शाम की तरह,
होठों पें रह जायेगी चाय की तल़ब तेरे नाम की तरह।
उदास कर गई आज की शाम भी मुझे,
जैसे भुला रहा हो कोई आहिस्ता-आहिस्ता।
लोग शाम को पास बैठते हैं मेरे,
उनको इश्क भुलाने का हुनर सिखाता हूँ।
शाम हुई तो सूरज सोचे,
सारा दिन बेकार जले थे।
दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में पर,
कुछ लोग बहुत याद आते है शाम ढल जाने के बाद।
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