Barish Shayari: हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है बारिश शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
काश बरस जाये ईमान की बारिश,
लोगो के ज़मीर पर धूल बहोत है।
बात तो सच है मगर कोई मानता ही नहीं,
कि बारिश में मेरा घर कैसे जला।
नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझ पर,
ख्वाहिशें सूखती रही और पलकें भीगती रहीं।
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।
फ़र्क़ बस इतना ही आया है,
अब वो बारिश की बातें किसी और से करता है।
Barish Shayari
काश कोई इस तरह भी वाक़िफ हो मेरी ज़िंदगी से,
मैं बारिश में भी रोऊं तो वो मेरे आंसू पढ़ ले।
आज आई बारिश तो याद आया
मेरा वो छत पर रहना तेरा सड़कों पर नहाना।
भीगना मुझे बहुत पसंद हैं
फिर चाहे वो तुम्हारी मुहोब्बत हो,
या फिर मौसम की बारिश।
सितंबर के बाद आओगे तो ये बारिशें कहां होगीं
आओ सावन हैं फिर ये मुलाकात कहां होगी।
चाय की बात हो और तेरी याद न आए,
ऐ बारिश तेरा मेरा याराना सच में बहुत पुराना है।
Sad Barish Shayari
रंगतों पे जानें का फायदा नहीं है,
साफ बादल से बारिश की उम्मीद नहीं होती।
बारिशों का भी अपना ठीक ही होगा,
बादलों से रूठकर ज़मी को चले आये।
हवाओं का भी अपना तरीका है दिल्लगी का साहब,
कभी बारिशों के साथ तो कभी बादलों के साथ।
ये बारिश का मौसमबड़ी याद दिलाता है,
मेरे यारों की चाय वाली पार्टियों की और भीगनें वाली सैर की।
बदल जाता है वक़्त और मिजाज़ हर एक चीज़ का
जिन बारिशों को इश्क़ की बरसात कहते थे वही मौत बन कर उतर रही है आज।
Barish Shayari in Hindi
बारिशों का इरादा कुछ ठीक नहीं है,
इनसे नुकसान सबसे ज्यादा ग़रीब का ही है।
ये खूबसूरत मौसम ये हल्की-हल्की बारिश,
तुम होती तो शायद कहीं सपनों की सैर पे चलता तुम्हारे साथ।
खयाल आया था उनका हल्की बारिश के बाद,
मैं घर लौट के सो गया बोतल में डूब के।
घर मिट्टी का बनाया जो रहनें के लिए,
बारिशों को ये मोहब्ब्त नागवार गुजरी।
ये आज की बारिश नें तो कमाल कर दिया,
मैं उससे मिल के रोया औऱ बिना उसके जानें बारिश नें अपना काम कर दिया।
Barish Par Shayari
मैं नाराज़ हूँ मौसम से पर कुछ कर नहीं सकता,
एक अरसे से वो चिड़ियाँ घोंसला बना रही थी।
हल्की बारिशों से इश्क़ जैसा है मुझे पर बाढ़ से नहीं कोई लागव नहीं है
उसे मैं बुरा तो नहीं लगता पर ये है कि प्यार नहीं करती।
और एक झटके में बारिश नें आनें का मन बना लिया
हर बारिश इश्कवाली नहीं होती,
इस बार जिन्दगियां तबाह हुई हैं बारिशों की वजह से।
कुछ चाहत रही होगी इन बारिश की बूंदों की,
वरना कौन गिरता है जमीन पर आसमान तक पहुंचने के बाद।
ढूँढ़ लेना खुद को मेरे अल्फाज़ों की बारिश में,
सरेआम जो तेरा नाम लिखा तो आम हो जाओगे।
Barish ki Shayari
कभी बेपनाह बरस पड़ी कभी गुम सी है,
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है।
एक ख्वाहिश है मेरी लंबी सड़क, बारिश और
बहुत सारी बातें और बस हम और तुम।
मैं तेरे नसीब की बारिश नहीं जो तुझपर बरस जाऊं,
तुझे तकदीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए।
सर्दियों में बारिश हो रही है,
लगता है मौसम के साथ धोखा हुआ है।
दुनिया के बचे रहने के लिए ज़रूरी है कि बारिश जैसी लड़कियों को,
प्रेम हो जाए रेगिस्तान सरीखे लड़कों से।
Barish Shayari Hindi
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अंदर बारिश होती रहती है।
उन्हें फिर से मोहब्बत हुई है ये कहते हैं सभी साहब,
दूसरी बारिश पर भी भला मिट्टी महकी है कभी।
वो गुस्से में सीधी बात नहीं करती,
तूफानों में बारिश तिरछी होती है।
बहुत देर कर दी तुमने लौटने में,
बर्बाद फसलों को बारिश की दुआएं नहीं लगती।
ये बारिश ये हसीन मौसम और ये हवाएं साहब,
लगता है आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है।
बारिश शायरी हिंदी में
फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की साहब,
बारिश खत्म हो जाये तो छतरी बोझ लगती है
भीगे बिना बारिश लिखोगे,
तो कागज़ सूखा रह जाएगा
बारिश इसलिए भी होती है ताकि जिन पौधों को कोई पानी नहीं देता,
वे जीवित रह सकें ईश्वर की अवधारणा भी इससे अलग नहीं है।
कही गिर ही ना जाऊ तेरे ख़यालो में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश बहुत हो रही है।
जो मुँह तक उड़ रही थी अब लिपटी है पाँव से,
बारिश क्या हुई मिट्टी की फितरत बदल गई।
बारिश शायरी
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
ये तो उम्र का तकाजा है जो अब सर्दी जुकाम रहता है,
वर्ना बारिश के मौसम में हमें इश्क हुआ करता था।
आज आयी जो बारिश तो याद आया वो जमाना,
तेरा छज्जे पे रहना और मेरा सड़कों पर नहाना।
ले आओ ना टूटी छतरी
मोहब्बत की बारिश में आधा आधा भीगेंगे
बारिश में जब कोई नहीं होता मेरे साथ,
तब मैं बूँदों से बात कर लिया करता हूं।
ना बरसाओ यू मोहब्बत बारिशो की तरह,
हम जो फिसल गए तो गजब होगा।
खुद को इतना भी मत बचाया कर बारिशें हो अगर तो भीग जाया कर,
चाँद लाकर कोई नहीं देगा तुझको तू खुद अपने चेहरे से ही जगमगाया कर।
बहा दो अपनी नफरतों को आज इस बारिश के पानी में,
न जाने फिर कब खुलेंगे बांध के इतने दरवाजे जिंदगानी मैं।
हर रोज़ मेरे दिल में दर्द की बारिश होती है,
हर रोज न जाने कितनी ख्वाहिशें भीग जाती हैं।
बारिश और बॉयफ्रेंड / गर्ल फ्रेंड
शुरुआत में ही अच्छे लगते है,
बाद में किच किच किच किच
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