Matlabi Duniya Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है मतलबी दुनिया शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर अच्छा लगेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मतलब परस्त था या मासूम ख़ुदा जाने,
मैंने कहाँ मोहब्बत हैं कहने लगी क्या मतलब।
कहां से लाऊं वो मतलब वाली बात,
जो बात मुझ मे है ही नही है ।
इस दुनिया से कहीं दूर चले जाने को जी चाहता है,
मतलबी दुनिया में ना रह कर मर जाने को जी चाहता है।
प्यार में हम कितना मतलबी हो गए,
खुद जीने के लिये तुम पर मर गए।
सज़ा बन जाती है गुज़रे हुए वक़्त की निशानियाँ,
ना जानें क्यूँ मतलब के लिए मेहरबान होते है लोग।
रहम कर ख़ुदा इस मतलबी दुनियाँ पर,
अब इतनी भी सज़ा न दे की मौत आ जाए।
मतलबी हैं लोग तो हमें क्या,
फ़र्क तो हमें सिर्फ़ दो चार अपनों से पड़ता है।
देख लेना एक दिन अहसास होगा तुम्हे,
के था कोई जो बिना मतलब चाहता था।
ना जाने लोग ऐसा क्यों करते हैं,
मतलब निकलते ही नं. ब्लॉक करतें हैं।
टूटे पत्तों से पूछिए टूट जानें का मतलब,
ये दो दिन की दिखावे वाली मोहब्ब्त के लिए नाटक क्यों करना।
देखो ना किरदार मेरा कितना दागदार है,
मेरे इश्क का मतलब मेरी जात से जोड़ा गया।
एक दूसरे से सभी है अजनबी जुडते यहाँ सिर्फ है मतलबी,
अजनबी अपने सफर में मशरूफ है मुतआरिफ हि होतें है फरेबी।
कुछ तो मतलब रहा होगा मेरी जिंदगी में आनें का,
बस यूँ ही कोई ज़िन्दगी में छोड़ जानें तो नहीं आता।
उन्हे मेरा इश्क़ मतलबी शायद इसलिये भी लगा क्योंकि माथा जो चूमा हमने,
काश होंठ चूम लेते तो इश्क़ मुक़म्मल् हो जाता उनकी नज़रों में।
लम्बी बातों से मुझे कोई मतलब नहीं,
मुझे तो आपका अच्छा जी कहना भी कमाल लगता हैं।
बस इसी बात ने उन्हेँ शक मे डाल दिया,
उफ्फ इतनी मोहब्बत कोई मतलब तो होगा।
करवटें उलझती रहीं मतलब,
तुम्हारा ख़्वाब मामूली न था।
वो समझा ही नहीं कभी मेरे लफ्ज़ों की गहराईयों को,
मैंने हर वो लफ्ज़ कह दिया जिसका मतलब मोहब्बत था।
मतलबी बनता हूँ तो ज़मीर देता है ताने,
मुख़लिस होता हूँ तो जमाना जीने नहीं देता।
मतलबी दुनिया मे ,बेमतलब सा था मैं,
कलयुग के जमाने मे राधा ढूंढने निकला था मैं।
जिसको भी चाहा दिल से वह मतलबी हो गया,
जब दिल भर गया उसका तो छोड़ के चला गया।
बिना मतलब के बात करे मुझसे,
ऐसे एक शख्स की तलाश में हूं।
इतनी दिलक़श आँखें होने का ये मतलब तो नही,
कि जिसे देखो उसे दिवाना कर दो।
एक बार दिल क्या टूटा सभी मतलबी लगने लगें,
मतलब से मिलने वाले मिलने का मतलब क्या जाने।
मुझे जिंदगी से अब कोई मतलब नहीं,
ए मौत कम से कम तू तो गले लगा ले।
मुझे रिश्तो की लंबी कतारोँ से मतलब नही,
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है।
वो ज़माना अब कहां जो अहले दिल को रास था,
अब तो मतलब के लिए नामे वफ़ा हैं लोग।
मुझे यारों के लम्बी कतारों से मतलब नही दोस्त,
अगर तुम दिल से मुख्लिस हो तो बस एक तुम ही काफी हो।
जब तक मतलब होता है शहद से होते है लोग,
और वैसे तो जहर से भी जहरीले होते है लोग।
थोड़ा मतलबी भी खुद को होना चाहिए,
कभी अपने लिए भी सोचना चाहिए।
मै मतलबी नही जो चाहने वालो को धोखा दू,
बस मुझे समझना हर किसी के बस की बात नही है।
क़दर कर लो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है।
मैं तो इश्क मैं मतलबी था,
मुझे तो बस मेरे यार से मतलब था।
मरता नही यहा कोई किसी के लिए,
हर रिश्ते निभाए जाते है यहां मतलब के लिए।
शिद्दत के इश्क मैं खुदगर्ज होना भी जरूरी है,
हो अगर यार मैं वफा तो मतलबी होना भी जरूरी है।
इतनी मतलबी हो गई हैं मेरी आँखें,
कि इसे तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती।
कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई मोहब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए।
मैं वहां तक अच्छा हूं,
जहां तक आपके मतलब का हूं।
इतनी दिलक़श आँखें होने का ये मतलब तो नही,
कि जिसे देखो उसे दिवाना कर दो।
मतलबी दुनिया में बेमतलब सा था मैं,
रिया के ज़माने में राधा ढूँढने निकला था मैं।
हमें तो राह तकने से मतलब हैं,
मसला तुम्हारा है तुम आओ या ना आओ।
निभा दिया उसने भी दस्तूर दुनिया का तो गिला कैसा,
पहचानता कौन है यहां मतलब निकल जाने के बाद।
तेरे साथ का मतलब जो भी हो,
तेरे बाद का मतलब कुछ भी नहीं।
बिना मतलब के बात करे मुझसे,
ऐसे एक शख्स की तलाश मेे हूँ।
यूँ असर डाला है मतलबी लोगों ने दुनिया पर,
हाल भी पूछो तो लोग समझते हैं कोई काम होगा।
जरूरी नहीं कि हर ताल्लुक का मतलब मोहब्बत हो,
कुछ रिश्ते मोहब्बत से ऊंचा मुकाम रखते है।
खोखली बन जाती है ज़िदंगी,
ना जाने क्यूँ मतलब के लिए मेहरबान होते हैँ लोग।
कितना अच्छा होता तुम जो मतलबी होते
और तुम्हें सिर्फ मुझसे मतलब होता।
वो लौट आए थे अपने मतलब से,
हमे लगा हमारी दुआओ मे दम है।
इतना तो पूछा जा सकता है ना कैसे हो,
इससे क्या मतलब तुम अब किसके हो।
जितनी जरूरत उतना रिश्ता है यहां,
बिन मतलब कौन फरिश्ता है यहां।
वो मतलब से मिल रहे थे,
हमनें मतलब ही ख़त्म कर दिया।
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