Raat Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है रात शायरी। पूरे दिन की भागदौड़ के बाद जब रात होती है तो हम सब कुछ भूल के सुनहरे ख्वाब देखते है। रात का अंधेरा भी अगर देखा जाए तो अपने आप मेे बहुत खूबसूरत होता है। जब भी प्यार पर शायरी लिखी जाती है तो उसमें चांदनी रात का जिक्र जरूर होता है। तो आज आपके सामने हाजिर है रात शायरी जो आपको अच्छा लगेगा और हम उम्मीद करते है कि इस पोस्ट को आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
डर लगता है मुझे रात के उस पहर से,
उतरती है जब दिल के आंगन में उसकी यादें।
हर रात गुजर रही है रूठने और मनाने मे,
कहीं साँसें थम ना जाए मेरीहमारे प्यार को बचाने मेे।
तुझे फुर्सत कहाँ है चाहत वालो से बात करने की,
वो हम है जो हर रात तेरी खैरियत की दुआ माँग के सोते हैं यारा।
हर रात जान बूझकर रखता हूँ दरवाज़ा खुला,
शायद कोई लुटेरा मेरा गम भी लूट ले।
रात शायरी हिंदी में
धड़कते रहेंगे तुम्हारे दिल की गहराइयों में दिन रात हम,
जो कभी खत्म न हो वो ख्वाब हैं हम।
काश कभी तो मेरी कोई दूआ कबूल होने के काबिल हो,
मै रात को ख़्वाब में देखु तुम्हें और सुबह तुम मेरी जिंदगी में शामिल हो।
माना कि वो मुझे रुलाती बहुत है पर,
मुझे रोता देख खुद भी नहीं रह पाती है।
कल रात मैने अपने दिल से भी रिश्ता तोड़ दिया,
पागल तेरे को भूल जाने की सलाह दे रहा था।
रात शायरी
फिसलती ही चली गई एक पल भी रुकी नहीं,
अब जा के महसूस हुआ रेत के जैसी है जिंदगी।
तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए,
अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता।
मोहब्बत छोड़ कर हर एक जुर्म कर लेना
वरना मुसाफिर हो जाओगे,मेरी तरह तन्हा रातों के।
कितनी कशिश है इस मोहब्बत में,
लोग रोते हैं फिर भी करते हैं।
Raat Shayari In Hindi
मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें,
कल सूरज से कहूगा मुझे साथ लेकर डूबे।
बरसात होती हैं आँखों में जब याद तेरी आती हैं,
बहुत रोता हैं ये दिल मेरा जब दूर तू जाती हैं।
तरसेगा जब दिल तुम्हारा मेरी मुलाकात को,
ख्वाबों मे होंगे तुम्हारे हम उसी रात को।
ये उदास रातें मेरी तन्हाई को मुकाम पे ले आती हैं कि
मुझे तुम एक तुम फिर तुम और बस तुम याद आते हो।
Raat Ki Shayari In Hindi
लगाई तो थी आग उसकी तस्वीर में रात को,
सुबह देखा तो मेरा दिल छालों से भरा पड़ा था।
उनके हाथो में मेहंदी लगाने का ये फायदा हुआ,
उनके चहरे से हम रात भर जुल्फे हटाते रहे।
मुझे आग़ोश में ले कर तेरे किससे सुनती हैं,
मेरी रातें मुझे अक्सर सुलाना भूल जाती हैं।
क्यों नहीं हम तुमको चाहेंगे,
जब दिन रात तुम्हारे ही सपने आयेंगे।
Shayari On Raat
वो उस रात ही सपनों में आके गले लगाते है,
जब पूरा दिन सोचा हो उन्हें भुला देंगे।
ना रात कटती है और ना ही जिंदगी,
एक शख्स वक्त को बहुत धीमा कर गया।
रोता रहा फूल सारी रात,
लोग ओँस कहकर गुजरते रहे।
जिसकी आवाज़ आज तुम्हारा दिन बनाती है,
कल देखना वो रात भी तबाह कर देगी।
Raat Ki Shayari
उस रात कुछ यूं हुई बरसात,
हर बूंद में बहें थे मेरे जज्बात
तुम आंखों में आंसू ढूंढ़ते हो,
मेरा तो दिल रोता है।
जला हुआ जंगल छुप कर रोता रहा,
लकड़ी उसी की थी उस माचिस की तीली में।
मुझे पता है एक दिन वो भी जरूर आएगा मेरा,
में रात भर रोता रहूंगा और
वो निहारती रहेगी मुझे उसकी तस्वीर मे से।
Raat Shayari
रात काफी हो चुकी है अब चिराग बुझा दीजिये,
एक हसीं ख्वाब राह देखता है आपकी बस पलकों के परदे गिरा दीजिये।
रात गहरी थी डर भी सकते थे,हम जो कहते थे कर भी सकते थे,
तुम जो बिछड़े तो ये भी ना सोचाहम तो पागल थे मर भी सकते थे।
रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को,
वरना मतलब का रिश्ता रखने वालों की आखों में न शर्म होती है और न पानी।
ऐसा नहीं है की दिन नहीं ढलता,
या रात नहीं होती,
सब अधूरा सा लगता है जब तुमसे बात नहीं होती।
Raat Ki Shayari
एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,
तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है,
दिल बोला दोस्तों ने ही दी हैं सारी खुशियाँ,
वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।
कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते,
चंद दिनों में अपने अपनों को भूल जाते हैं,
कोई नहीं रोता उम्र भर किसी के लिए,
वक्त के साथ आंसू भी सूख जाते हैं।
ना जाने कब वो हसीन रात होगी,
जब उनकी जुलफे हमारे हाथों में होगी,
बैठे है हम उस रात के इंतजार में,
जब उनके हाथो पर हमारे नाम की मेंहदी होगी।
सारा दिन लगता है खुद को समेटने में,
फिर रात को उनकी यादों की हवा चलती है,
और हम फिर बिखर जाते हैं।
रात शायरी हिंदी में
चुपके से सामने आ जाते हो तुम,
आंखें खुलते ही गायब हो जाते हो तुम,
मैं तो तुम्हें दिन-रात याद करता रहता हूं,
और यहां पल भर में ही मुझे भूल जाते है तुम।
तेरी मीठी मीठी बातें भी,
बड़ा कमाल करती हैं,
रात में सोने नहीं देतीं।
वक़्त के तकाज़े बदल गए वरना,
हमें भी याद करता था कोई,
दिन चढ़ेशाम ढलेरात गये।
बिताए हुए कल में आज को ढूँढता हूँ,
सपनों में सिर्फ आपको देखता हूँ,
क्यों हो गए आप मुझसे दूर,
यह सोचता हूँ तन्हा यारों से छुपकर रोता हूँ।
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