Yaari Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है यारी शायरी। इस पोस्ट कि शायरी को आप अपने यार दोस्तो के साथ शेयर कर सकते है। हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको जरूर अच्छी लगेगी।
तेरी महफ़िल से निकले किसी को ख़बर तक ना हुई,
पर यार तेरा मुड़ मुड़ कर देखना मुझे बदनाम कर गया।
चेहरे तो मुझसे भी बेहतरीन मिलेंगे,
पर यार बात जब कभी दिल की आएगी, तो तुम हार जाओगे।
ज़रा सी उदासी हो और वो पूरी कायनात पलट दे,
ऐसा भी एक यार तो होना चाहिए।
मेरे मरने के बाद यारों, मेरा एक काम कर देना,
मर गई तुझे चाहने वाली उसकी गली में ये ऐलान कर देना।
हर रोज़ जो बदल जाऊं मैं वो यार नहीं,
ये दिल है मेरा तेरे शहर का अख़बार नहीं।
आ थोड़ी देर बैठ के बात करें यहां,
तेरे तो यार लहज़े में अपना सा दर्द है।
कैसे आ जाती है नींद तुझे मुझसे बिन कुछ कहे,
मुझे तो यार नींद में भी तुमसे कुछ कहना होता है।
मुझे तो यार बेजान चीज़ों पर भी प्यार आता है,
तुझमें तो फ़िर भी मेरी जान बसी है।
जनाजा जब कभी भी उठे मेरा,
एक कंधा मेरे यार का भी रखना।
वो जानता है मैं किस,
गली से मुस्करा के गुजरता हूं।
बात करो रूठे यारों से सन्नाटे से डर जाते हैं,
इश्क़ अकेला जी सकता है दोस्त अकेले मर जाते हैं।
शायरी के लिए कुछ ख़ास नहीं चाहिए,
एक यार चाहिए वो भी दगाबाज चाहिए।
इश्क़ में मर्जियां नहीं चलती,
जो भी यार कहे बस बिस्मिल्लाह।
प्यार छोड़ो तुम मेरे दोस्त ही बने रहना,
सुना है प्यार मुकर जाता है लेकिन यार नहीं।
ये मोहब्बत का गणित है यारों,
यहां दो में से एक गया तो कुछ भी नहीं बचता।
Shayari On Yaari
रिश्ता बनाया था जिन्हें यार बोलकर,
वो वक्त के साथ परिवार बन गए हैं।
यारों इम्तिहान ए इश्क़ कुछ इस कदर दिया मैंने,
उसे online देखा पर मैसेज नहीं किया मैंने।
आ जाती है नींद कैसे तुमको बिना कुछ कहे,
मुझे तो यार नींद में भी तुमसे कुछ कहना होता है।
ये जुनून-ए-इश्क़ है इसका नशा उतरता नहीं,
जब तक इश्क से यारी ना हो हुस्न कभी निखरता नहीं।
मेरे मजहब में दीदार-ऐ-यार जाइज़ ना था,
उफ्फ ये नकाब में आँखे कहीं काफिर ना बनादे।
दुनियां जहाँ जाना चाहती थी मैं वहा से होकर आया हूँ,
इश्क़ मत करना यारों मैं तबाह हो कर आया हूँ।
धमकियां देता है और वो भी जुदाई की उफ़्फ़,
मोहब्बत में भी देखो बदमाशियां मेरे यार की।
मिली तो जिंदगी हमे बेरंग ही थी,
रंग तो यारों की महफिलों ने भरे हैं।
उस यार का क्या फायदा,
जिसका हर कोई यार हो।
मेरे ऐब मुझे उंगलिओं पे गिनाओ यारो,
बस मेरी गैर- मौजूदगी मैं मुझे बुरा मत कहना।
यारी शायरी
ख़ता उनकी भी नहीं यारों वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे उनके वोह वफ़ा किस किस से करते।
इश्क़ के गुरुर का बढ़ना लाज़िम था यारो,
दो आशिक़ों ने एक ही मेहबूब जो चुन लिया था।
सम्भाल के रखना अपनी पीठ को यारो,
शाबाशी और खंजर वहीँ मिलते है।
मने लोड.के हथियारा की,
जिब गेल खड़ी फौज मेरे यारां की।
कोई यार हो तो ऐसा,
जो बिना वजह चाय पिला सके।
अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
न बताऊं तो कायर बताऊँ तो शायर।
मेरी फ़ितरत तो मोहब्बत हैं,
तू बता यार तेरी क्या आदत हैं।
लब खामोश है तो ना समझ लेना तेरे तलबगार नही,
मरने की जुस्तजू है यारा इश्क में जीने की चाह नही।
मेरी मदहोशियाँ भी जायज़ थ यारों,
वो तो पूरी शराब जैसी थी।
नजरें थक जातीं हैं तक-तक के रस्ते यार के,
बड़ी मुश्किल से मिलते हैं कुछ लम्हें दीदार के।
यारों से की थी जो बात वो फैली गली गली,
यारों में मेरे यार ये अख़बार कौन है।
रूठा रहे वो मुझ से ये मंज़ूर है लेकिन,
यारों उसे समझाओ कि मेरा शहर ना छोड़े।
क्यूं खुल के नहीं जीते, यहां दोबारा थोड़े ना आओगे,
तुम इंसान हो यार कोई पहाड़े नहीं जो दोहराए जाओगे।
ऐसा नहीं है कि, तेरी जगह कोई और आ गया,
पर यार,तेरा मुकाम भी तो तेरा ना रहा।
अब इश्क़ भी करो तो जात पात पूछकर करना,
यारों मजहबी झगड़ों में मोहब्बत हार जाती है।
मेरी मुस्कुराहट पर मत जाओ यार,
मैं भी दिखावे की दुनिया का हिस्सा हूं।
क्या बताए यारों ने कैसा कहर ढाया है,
मैं वो फूल हूं शाखों से जिसने धोखा खाया है।
कुछ अजीज यारों ने बातों में लगा रखा है मुझे,
वर्ना महबूब से बिछड़ने वाले कब के मर गए।
हाल क्या पूछते हो यारों मज़े में हूं,
मोहब्बत हुई थी कभी अभी तक नशे में हूं।
कि मेरे लहजे को मेरी शराफत ना समझो,
हम बेगैरत हैं कितने मेरे यारों से पूछो।
अरे कब मिलोगे यार,
जब हाथों की मेंहदी बालों में लगने लगेगी तब।
इश्क़ भी चाहते हो और सकून भी चाहते हो,
गज़ब करते हो यार अमावस की रात में चांद चाहते हो।
उठा कर कफ़न मेरा ना दिखाना चेहरा lमेरा उसको,
उसे भी तो पता चले कि यार का दीदार ना हो तो कैसा लगता है।
झूठ फरेब धोखा दगा और तकरार,
यार मोहब्बत हो या फिर सरकार।
ना दोस्ती मिली ना प्यार मिला बस,
हर मोड़ पर एक मतलबी यार मिला।
एक लड़की के लिए मर जाओगे क्या,
यार इतने सस्ते आदमी हो क्या।