50+ Bewafa Dost Shayari 2 Lines Hindi - बेवफा दोस्त शायरी

Bewafa Dost Shayari 2 Lines: नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है बेवफा दोस्त शायरी। दोस्ती कुदरत का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है लेकिन इसमे भी कुछ दोस्त बेवफा हो जाता है। हम उम्मीद करते है की इस ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे। 

ख़ुद की अहमियत गिरा के न कर दोस्ती,

लोग धूल समझ लेते हैं पैरों की पायल समझते-समझते।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

गुरूर था अपना यारों के बीच मेँ,

वो आये और ऐसा ज़हर घोला न गुरुर रहा न वो दोस्त।


दोस्तों की यारी लाज़वाब है अपनी,

बस क्या है ना कुछ लोग जो खुश नहीं थे  वो अब दूर हैं हमसे।


दिलदार हैं आप ये तो पता है हमें,

एक दोस्त है हमाराउसी को बस एक यार चाहिए।


एहसान करने की सोच रहा है तो रहनें दे,

ज़रूरत दोस्तों की है दानियों की नहीं।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines Hindi


ज़ोर देकर कहा उन्होंनें की आना ज़रूर

बाद में दोस्त नें पूछा बुलानें का कारण मौत देना बताया हमनें।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

पीना पिलाना दोस्ती नहीं,

आजकल के लोग बेवकूफ हैं क्या।


हमें पसंद है अकेले में रोना,

सापों से दोस्ती का सबब झेला है मैनें।


बड़ी बड़ी बातें करता था वो दोस्ती और रिश्तों की,

वक़्त पे वो बुज़दिल साथ खड़ा तक न हुआ।


बहुत मिल जांएगे दोस्त कहने वाले,

जो साथ मुसीबत में खड़ें हों ऐसे नहीं मिलते।


बड़ा मासूम से चेहरा बना के आया था वो

उसनें कहा वो जो दोस्त है नां तुम्हारा उसका नम्बर है क्या।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

ख़याल था हमें उसका धोखा देना, 

तब भी हमनें साथ दिया उसका वक़्त आनें पर।

वो हमारे यहाँ ज्यों का त्यों करनें का रिवाज नहीं है दोस्ती में,


उसका भरम था तो हमनें उसे भी  बनाये रक्खा,

वरना आजकल की दुनियाँ में साँपों से दोस्ती अच्छी नहीं होती।


मसअला ये है वो शिकायतें करती है मेरी अपने दोस्तों से,

हक़ीक़त ये है की मुझे अपनें दोस्तोँ से बचा कर केवल अपना बनाये रखना है उसे।


ये क्या नाराज़गी है  की हमसे बात नहीं कर रही

तुम्हीं तो बोलती थी की दोस्तों से बात करना अच्छी बात है।


Bewafa Dost Shayari

तू याद करती है हमें पता चल जाता है

मैं शायर हूँ ना हवाओं से भी काफ़ी अच्छी दोस्ती है मेरी।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

उसका कहना है की अब वो मेरी है,

उसे कौन बताए ये बात तो मेरे दोस्तों को बहुत दिन से पता है।


वक़ालत वो करता था अपनी दोस्ती की बहुत,

वक़्त आया तो मैनें भी असली तेवर देख लिया है।


एक बेहतरीन दोस्ती का रिश्ता,

बस गले लगानें के ढँग से बिगड़ गया सारा।


दोस्ती से मेरा मन भरा तो नहीं है,

पर कट्टर दुश्मनी वाले लोग भी मुझे अच्छे लगते हैं।


मेरा नाम लेकर मुझे याद करते हैं तुम्हारे दोस्त,

अब इससे ज़्यादा इश्क़ क्या निभायें कह दो तो मर जाएँ। 


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

दोस्त समझ कर भरोसा कर लिया था मैनें,

उसनें काम निकलवानें की हद तक निचोड़ा मुझको।


मैं उसको बहुत अच्छा तो नहीं पर दोस्त मानता था,

वो दोस्ती तो छोड़िये ज़नाब बोलनें तक के क़ाबिल नहीं है अब।


सोचा था दोस्त है दोस्ती तक ही बात रहे तो ठीक होगी,

बात करते करते ही  उससे  इश्क़ हो गया।


कोशिश न कीजिए अब समझानें की हमें,

अंतर होता है धोखे और दोस्ती में।


बेवफा दोस्त शायरी 

बहोत दोस्तों से नाता टूट गया है मेरा,

शायद मेरे पास वक़्त कम है या शायद उनके पास वक़्त ज्यादा।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

मैंने ज्यादा दोस्त नहीं बनाए  कोई अफ़सोस नहीं है,

वो क्या है कि मैनें अपनें लिए ख़ाब पाल रक्खे हैं बहुत सारे।


उसकी दोस्तों को भी पता है बहोत सारा किस्सा मेरा,

इसे ही हाल ए इश्क़ कहते हैं या मेरी बातें करना पसंद है उसे।


ज़हन के भरम का कोई महरम-ए-इलाज़ बताए हमें,

कुछ पुरानें दोस्तों को ज़रूरत है आज़कल।


खामोशियां बोल देती है ज़िनकी बातें नहीं होती,

दोस्ती उनकी भी क़ायम है ज़िनकी मुलाक़ातें नहीं होती।


मुस्कुराना खुद से सीखना पड़ता है,

रोना तो आज के दोस्त भी सीखा देते हैं।

 

Bewafa Dost Shayari 2 Lines

कुछ अच्छे दोस्त भी बना लेना,

मोहब्बत डिप्रेशन में साथ नहीं देती।


लम्हे फुर्सत के आएं तो रंजिशें भुला देना दोस्तों,

किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है।


फ़िर वो दोस्त भी मुस्कुराकर बिछड़े हमसे जो,

बिछड़ने की बातो पर गले लगकर रोया करते थे।


बहाने हजार मिल जायेंगे मुझसे दूर जाने के

पर ये याद रखना दोस्ती के हर कदम पर याद मेरी ही आयेगी।


Bewafa Dost Shayari 

बहुत मुश्किल हो जाता है ना सिर्फ एक दोस्त बन कर रहना ,

उस शख्स के साथ जिससे आपको मोहब्बत हो गई हो।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

हज़ारो बुराईया है मेरे अंदर पर कभी भी

किसी से भी मतलब से दोस्ती नहीं की।


दोस्ती वफ़ादारी मोहब्बत सब बिकते है,

पर मुझे नहीं खरीदने खरीदे रिश्ते कहाँ टिकते है।


बातों के ज़ख्म बड़े गहरे होते हैं दोस्तों,

क़त्ल भी हो जाते हैं और खंज़र भी नहीं दिखते।


एक दीया उस घर आगे भी रख देना दोस्त, 

जिसमें अंधेरा उसमें रहने वाले ही कर गए।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

दोस्ती करनी हो तो गणित के जीरो जैसी करो,

साहब जिसके साथ मिल जाओ उसकी कीमत बढ़ जाये।


पतंगो से दोस्ती छोड़ दी हमने,

जब से धागे कातिल हो गए।


एक दोस्ती का ही रिश्ता ऐसा रिश्ता है,

जो कम मिलने से घटता नही और बढ़ जाता है।


शिकायत नहीं है मुझे मेरे कुछ दोस्तों से,

बस नज़रों से गिर गए है कुछ दोस्त।


अब ये इश्क़ है या दोस्ती पता नही,

पर जो तुमसे है ना वो किसी और से नही।


Bewafa Dost Shayari 2 Lines

दोस्त शब्द का अर्थ बड़ा ही मस्त होता है,

हमारे दोष का जो अस्त कर दे वही सही मायनों में सच्चा दोस्त होता  है।


मोहब्बत करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना ऐ दोस्त,

इसमें हंसते साथ हैं, पर रोना अकेले ही पड़ता है।


हज़ारो दोस्त मत रखो एक ही दोस्त ऐसा रखो,

जो हर मुश्किल में साथ हो।