Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

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Gulzar quotes in hindi

हमें क्या पता था प्यार हो जाएगा,
हमें तो तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये।

शिकायतों की पूरी किताब तुम्हें सुनानी है फुर्सत में,
अगली जिंदगी सिर्फ मेरे लिए लेकर आना।

शायरो से ताल्लुक रखो तबीयत ठीक रहेगी,
ये वो हकीम है जो अल्फाजो से ईलाज करते है।

इस बरस मेरे होली के रंग फीके है!
क्योंकि दिल मे लगे घाव तीखे है।

हम सोचते रह गये , नफरत करेंगे भले ही थोड़ी सी,
और नादाँ दिल सरेआम उनसे प्यार करता गया।


Gulzar hindi shayari

मोहब्बत हाँथ में पहनी हुई चूड़ी के जैसी है,
संवारती है, खनकती है, खनक कर टूट जाती है।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

कहीं तुम भी न बन जाना किरदार किसी किताब का,
लोग बड़े शौक से पढ़ते है कहानिया बेवफाओं की।

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

कमी मेरे मै भी बहुत है,
पर मैं दिल का बेईमान नहीं हूँ।

बिना तेरे मेरी हर खुशी अधुरी है,
सोच तू मेरे लिये कितना ज़रूरी है।

सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें ,
इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना।


Gulzar shayri in hindi

हालात बुरे थे मगर अमीर बनाकर रखती थी,
हम गरीब थे, ये बस हमारी माँ जानती थी।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो,
धूल हटती है तो आईने भी चमक उठते हैं।

एक दूसरे की तरह होना जरूरी नही,
एक दूसरे के लिये होना जरूरी है।

जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।

चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।

मत पुछा करो मुझसे कि तुम मेरे क्या लगते हो,
दिल के लिए धड़कन ज़रूरी है, और मेरे लिए तुम।


Gulzar shayari quotes in hindi

सौ सौ उम्मीदें बंधती है, इक-इक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

जाया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिए,
बस ख़ामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है।

ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ तेरा हो और ज़िंदगी कभी खत्म न हो।

तेरी नियत ही नहीं थी साथ चलने की,
वरना निभाने वाले रास्ता देखा नहीं करते।

वो कहते है कि बता तेरा दर्द कैसे समझूँ,
मैंने कहा इश्क़ कर और करके हार जा।

जरा जरा सी बात पे, तकरार करते हो,
लगता है मुझसे, बेइंतहा प्यार करते हो।


Shayari of gulzar in hindi

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो,
आँख सच बोलती है प्यार छुपाया न करो।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

मकसद तो दिल की बातें सुनाना है,
चाय तो फकत मुलाक़ात का बहाना है।

अभी तो सफ़र शुरू भी नही हुआ,
और तुमने  अभी से अलविदा कह दिया।

वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,
काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये।

मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाए।

मॆरॆ बुज़ुर्ग इश्क़ वालॆ थॆ,
मैं मॊहब्बत मॆं खानदानी हूं।


Best shayari of gulzar

सुकून की उडान आज परिन्दों के परों में हैं,
शिकारी सारे जब बंद अपने अपने घरों में हैं।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

आसमाँ  इतनी  बुलंदी  पे  जो  इतराता  है,
भूल  जाता  है  ज़मीं  से  ही  नज़र  आता  है।

मुझे क्या पता की तुमसे हसीं कोई है या नहीं,
तुम्हारे सिवा कभी किसीको गौर से देखा ही नहीं।

न दोस्तों की, न दुश्मन की रहगुज़र में रहे,
ये वक़्त वो है कि हर शख़्स अपने घर में रहे।

संवरने से औरों की बढ़ती होगी खूबसूरती,
तेरी चाहत से मेरा चेहरा यू ही निखर जाता है।

खाली सड़के और घर मे पूरा परिवार देखा है,
वर्षों बाद आज पहले जैसा रविवार देखा है।


Gulzar ki shayari

​मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है,
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है​।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

बोलता हूं हर बात सलीके से मैं,
क्या पता किसी को सच सुनने की आदत ना हो।

तुम रोते हो मरने वालों पर,
बे बसी देखो जीने वालों की।

तन्हा  हुए  तो  एहसास  हुआ,
कई  घंटे  होते  हैं  एक  दिन  में।

अब वास्ता रखूगाँ अपने दिमाग के साथ,
ये दिल तो सबकी बातो में बहक जाता है।

कैसे तुम दर्द दे कर भी मुस्कुरा लेते हो,
मैं तो तुम्हें डांट कर भी रो पड़ता हूं।


Gulzar hindi shayari

ये दुनिया तुम्हे एक लम्हे में बरबाद कर देगी,
मोहब्बत हो भी जाये तो उसे मशहूर मत करना।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

नाराजगी आज उसने कुछ यूँ जाहिर कर.दी,
चाय तो बनाई लेकिन दूर लाकर रख दी।

गुफ़्तगू हो तुमसे तो सब ठीक लगता है,
मैं नहीं जानता दरमियाँ हमारे माज़रा क्या है।

नदी में बाढ़ आती हैं, किनारे डूब जाते हैं,
नए दोस्त मिलते हैं, पुराने छूट जाते हैं।

कितना मुश्किल सवाल पूछा है,
आज उसने मेरा हाल पूछा है।

बारिश में भीगने के ज़माने गुजर गए,
वो शख्स मेरे शौक चुरा कर चला गया।


Gulzar quotes in hindi

फेंक दी होगी तोड़ कर, तोहफे मे दी वो चूड़ियाँ,
डर था उसे खनकेगी तो हम याद आयेंगे।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

वो हमे छोड़कर खुश हैं तो जलन कैसी,
अब हम उन्हें खुश न देखे तो मोहब्बत कैसी।

बना कर उसने मेरे संग रेत के महल,
ना जाने क्यों बारिशों को खबर कर दी।

एक मुद्दत से आरज़ू थी फुर्सत की,
मिली तो इस शर्त पे कि किसी से ना मिलो।

कैसे बयां करूँ ये संध्या मोहब्बत की,
तेरे इंतजार में सिर्फ तारीखें बदलती हैं।

सारा जमाना तेरे रुखसार पर फिदा हैं,
बस हम अकेले तेरे रूह के दीवाने हैं।


Gulzar hindi shayari

दिसंबर सर्द होता है तो क्या हुआ,
कशिश बहुत है  इस मार्च की इन ठंडी शामों में।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

वक़्त का फ़ेरबदल हैं जनाब,
पंछी आज़ाद हैं और इंसान क़ैद है।

आज क्यों तकलीफ होती है तुम्हें बेरुखी की,
तुम्ही ने तो सिखाया है कैसे दिल जलाते हैं।

थोड़ा सा सब्र कर लेना घर में रह कर,
क्यों जताते हो की अपने ही अपनों के दुश्मन होते है।

चेहरे की झुर्रियां को देख कर मुँह मत फेरना,
दोस्तो ये तस्वीर हम सब का आईना है।

बिछे थे राहों में ना जाने फूल कितने,
दिल को जो भा गया वो गुलाब हो तुम।


Gulzar shayri in hindi

अम्मी कहूंगा तुमको तो कोई शिकवा तो नही करोगी,
सुना  है  माँ अपने  हर  बच्चे की मन्नत पूरी करती है।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

किस बात पर मिजाज बदला बदला सा है,
शिकायत है हमसे,या यह असर किसी और का है।

हमें शायर समझ के यूं नजर अंदाज न करिये,
नजर हम फेर ले तो तेरी चाहतों का बाजार गिर जायेगा।

ना रख किसी से मोहब्बत की उम्मीद ऐ दोस्त,
कसम से लोग खुबसूरत बहुत है पर वफादार नहीं।

तुमने वादा तो किया था ख्वाब में मिलने का,
ये हमारी बदनसीबी कि हमें नींद ही नहीं आयी।

हिचकियाँ रूक ही नहीं रही हैं आज,
पता नहीं कौन इतनी शिद्धत से याद कर रहा है।


Gulzar shayari quotes in hindi

मांगा नहीं ख़ुदा से तुम्हें, इशारा तुम्ही को था,
नाम लिया नहीं मैंने मगर , पुकारा तुम्ही को था।

Gulzar shayari hindi - Gulzar ki shayari 2020

मिट्टी में मिला दे की जुदा हो नही सकता ,
अब इससे ज्यादा मैं तेरा हो नही सकता।

मेरा लिखना और तेरा पढ़ना,
उफ्फ कितना पढ़ा लिखा इश्क़ है अपना।

शख़्श बदला है उसने और कुछ भी नहीं,
मरने जीने की कसमें तो वो आज भी खाता है।

दूर उन्हें जाना था ये एहसास तो था लेकिन,
बिछड़ना इस कदर होगा ये ख्याल ना आया।

एक ही शख्स होता है कायनात में हकदार,
इश्क़ की राह पर यूँ ही हर कोई अजीज़ नही होता।


Shayari of gulzar in hindi

इश्क़ की मंज़िल नही होती साहेब,
बस सफ़र ही खूबसूरत होता है।


देख कर इंसान की बेचारगी,
शाम से पहले परिंदे सो गए।

पी ली शराब, लो सिगरेट भी सुलगा ली,
तुम्हारे वास्ते अब जहर भी पीयें क्या।

जब उसका हाथ मेरे हाथ मे आता है,
दो हथेलियों के बीच एक ताज महल बन जाता है।

अगर उम्र के साथ किसी की झुर्रियां भी प्यारी,
लगने लगे तो समझ लेना वह मोहब्बत है।

खुशी इस बात की थी कि तुमसे मिलूंगा,
ग़म इस बात का था कि आखरी बार।


Gest shayari of gulzar

सुकून और इश्क वो भी दोनो एक साथ,
रहने दो अब कोई अक्ल वाली बात करो।

बहुत गुमान था उनको शहरों की इमारतों पर,
ऐसा भी क्या हुआ कि गांव याद अा गया।

टेढ़ी बातों का सीधा सा जवाब,
मैं बदतमीज मेरी आदतें ख़राब।

शायरी सुनकर वाह वाह करने वालो,
आओ पास बैठकर सिसकिया सुनो मेरी।

वो लेने आयी है अपनी निशानियाँ वापस,
हम भूल गए के कूड़ेदान कहाँ रखा है।

बिन तेरे ये इतवार भी बेरहम हो जाता है,
गुजर तो जाता है मगर गुजारा नहीं जाता।


Gulzar ki shayari

मैं तेरी सोच में भी नहीं,
तू मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ याद है।

क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का,
किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे।

बात ये है कि लोग बदल गए है,
ज़ुल्म ये है की वो मानते भी नही।

काश कोई इस तरह भी वाक़िफ़ हो मेरी ज़िन्दगी से,
मैं बारिश में भी रोऊ और वो मेरे आंसू पढ़ ले।

भीड़ इतनी भी ना थी शहर के बाजार में,
मुझे खोने वाले तुने कुछ देर तो ढूंढा होता।

दुआ करना ये मेरा वहम निकले.
मुझे कुछ इश्क़ जैसा हो रहा है।


Gulzar hindi shayari

उसके इश्क़ को कुछ इस तरह निभाते हैं हम,
वो नहीं है तक़दीर में फिर भी उसे बेपनाह चाहते हैं हम।

चाय हो या तेरी बातें
मिठास दोनो में एक जैसी होती है।

तबीयत पूछ के आपने,
तक़लीफ़ और बढा दी इस दिल की।

बुरा नही हूँ मैं साहब,
बस अब हर किसी को समझ नही आता मैं।

नजर बनकर इस कदर मुझको लग जाओ।
कोई पीर की फूंक न पूजा न मन्तर काम आये।

हल्की सी हो चुकी है नाजुक पलके मेरी,
मुद्दतो बाद इन नजरो से गिरा है कोई।

कितने बेबस हैं तेरी चाहत में,
तुझे खो कर भी ,अब तक तेरे हैं।

वो ढूंढ़ रहे थे मुझे भूल जाने के तरीके,
मैंने खफा होके उनकी मुश्किल आसान करदी।

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