Dua Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है दुआ शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
रुख मंदिर का किया था उसे बुलाने की नियत से,
दुआ में हाथ क्या उठे फिर उसी को मांग बैठे।
हमने ये तो नहीं कहा कि उनके लिए कोई दुआ ना मांगे,
हमने तो बस इतना कहा कि दुआ मे कोई उनको ना मांगे।
मेरी तबियत खराब रहती है आज कल,
दुआ करो एक बार मुझे आ कर देख जाए।
संवारती है सदा जिसकी चाहत मुझको,
मेरी दुआ है कि मैं हमेशा उसकी हसरतों में रहूँ।
जो कभी फैसला वो साथ चलने का करे,
दुआ है खुदा से मुझे मंज़िल ही ना मिले।
दुआ शायरी हिंदी में
फ़लक तक साथ चलने की दुआ बाद में कीजिए,
ज़िन्दा हूँ जमी पर मैं पहले यहां तो वफ़ा कीजिए।
दुआ कहूं अर्जी कहूं या ख्वाहिश कहूं इसे,
रब सांसे उतनी ही दे जितना साथ तुम्हारा हो।
ना जाने कौन मेरे हक में दुआ पढता है,
डूबता भी हूँ तो समुंदर उछाल देता है।
ख़्वाहिश इतनी सी है कि तेरे हर दर्द की दवा बन जाऊँ,
कुछ हासिल हो ना हो मोहब्बत मे तेरे लबों पर दुआ बनके बिखर जाऊँ ।
तुम हमारे क़रीब बैठी हो अब दवा कैसी अब दुआ क्या है,
चाँदनी आज किसलिए नम है चाँद की आँख में चुभा क्या है।
दुआ शायरी
बर्बाद कर ना सकी ज़िन्दगी मुझको,
इस दिल को किसी की दुआ लग गई।
इस दिवानगी मे जहर आये यही दुआ है हमारी,
खुब फ़ले फ़ूले दिवानगी तुम्हारी।
मोहब्बत भी तुम दुआ भी तुम,
कुछ भी करूँ ये होती नहीं कम।
ऐ ख़ुदा शुक्र है तेरा ख़ूबसूरत महबूब दिया उस मासूम लड़के को,
मेरी दुआ है अब उसे जिल्लत बर्दाश्त करने का हौंसला भी देना।
तड़पता हूँ नींद के लिए तो दिल से यही दुआ निकलती हैं,
यारों बहुत बुरी चीज है ये मोहब्बत किसी दुश्मन को भी ना हो।
हर बार रो कर भी की गई दुआ नही लगती,
हमने भी किया था किसी के जान बचाने के लिए।
मुकम्मल हो इश्क़ मेरा उसनें दुआ की आज,
उसे क्या मालूम वो दुआ में खुद को मेरे लिए माँग रहा था।
मैं चाहता हूं कि किसी हादसे में मर जाऊं,
और दुआ करता हूं कि वो हादसा तेरी आंखों के सामने हो।
बड़ा मासूम सा है तेरा रूठ जाना
तुझे हँसा देना भी मुझे दुआ कुबूल होना
जैसे लगता है।
तुझसे क्या पूछूं तेरी खैरियत,
खुदा से तेरी खैरियत की रोज दुआ करते हैं।
Dua Shayari Image
एक छोटी सी गलती के लिए मुझे छोड़ दिया,
दुआ करता हूं कि तुम्हारा शौहर फरिश्ता निकले।
तुम बन जाओ मेरी कि इस कदर चाहूंगा तुमको,
कि लोग दुआ करेंगे तुझसा नसीब पाने के लिए।
ऐसा क्या बोलूं कि तेरे दिल को छू जाए,
ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए।
एक दुआ तुम्हारें दिल को सुकूँ मिले,
एक ख्वाहिश हमारे सिवा कहीं और न मिले।
कहते हैं सब कुछ मिल जाता है दुआ से अब तुम बताओ ?
मिलोगी खुद या मांगू तुझे खुदा से।
तुझसे दूर होने का अब इरादा ही नहीं,
कोई भी दुआ तेरी ख़ुशी से ज्यादा नहीं।
तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए,
वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।
गुजर रही है जिस मुकाम से जिंदगी मेरी,
लोग दुआ करते है इसी नौबत में वो ना पड़ें।
तुम्हें इश्क करने की सजा मुझे कितनी भी मिले,
फिर भी दुआ है खुदा से कि तेरा साथ उम्र भर मिलें।
हक़ में अपनी हम वफ़ा मांगते हैं,
शाम-ओ-शहर ये दुआ मांगते हैं।
हम फकीरों से क्या पूछते हो दास्तां मोहब्बत की,
हम तो बेवफाओं को भी जीने की दुआ देते हैं।
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,
जहां कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है।
परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे,
बस इतनी सी दुआ है की आप मेहरबां रहे।
दुआ करो की मै उसके लिए दुआ हो जाऊं,
वो एक शख्स जो दिल को दुआ सा लगता है।
फिर से निकलेंगे तलाश-ए-जिंदगी में,
दुआ करना इस बार कोई बेवफा न मिले।
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
बस मोहब्बत हमें आपसे होनी थी सो हो गयी,
अब नसीहत छोड़िये साथ दीजिए और दुआ कीजिए
दुआ है ख़ुदा से के बदल जाए वक़्त मेरा,
मैं बदलते हुए चेहरों को फिर से बदलता देखूँ।
पता नही मेरी किस्मत है या हुई है मेरी कोई दुआ कबूल,
जो मिल गया है मुझे तेरे जैसा बहुत खूबसूरत सा फूल।
दवा न काम आई काम आई ना दुआ कोइ
मरीज़े- ए-इश्क़ थे आखिर हकीमो से शिकायत किया
करे कोई।
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे,
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।
बहुत याद आते हो तुम,
दुआ करो मेरी याददाश्त चली जाये।
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं,
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है।
मेरे मरने के बाद हम तुम्हे हर एक तारे में नजर आया करेंगे,
तुम दुआ माँग लिया करना हम टूट जाया करेंगे।
सुना है टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है
फिर मेरी क्यों नही करता है??
सूना है मुझे भूलने की कोशिश में हो,
मेरी दुआ है खुदा तुम्हें कामयाब करे।
कबूल तेरी ये दुआ हो जाये,
जहा भी देखे तू दीदार ए यार हो जाए।
अर्श तक पहुंच गई दुआ मेरी,
सदा आई न मुकम्मल रहेगी मोहब्बत तेरी।
सुना है जब वो मायूस होते हैं तो हमें बहुत याद करते हैं,
तू ही बता ऐ खुदा अब दुआ उनकी खुशी की करुँ या मायूसी की।
पिछले बरस था खौफ कि तुझको खो ना दूं कहीं,
इस साल ये दुआ है कि तेरा सामना ना हो।
Read Also: