Mood Off Shayari; नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है मूड ऑफ शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको अच्छा लगेगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
उदास हूं लेकिन तुझसे नाराज नहीं,
अफसोस ये है की तेरे दिल में हूं लेकिन तेरे साथ नहीं।
सी गई हर समत उदासी उसने जब मुँह फेरा ही था,
रूठो मत अब मान भी जाओ माना कुसूर कुछ मेरा भी था।
उदास लोग यूँ ही नहीं मुस्कुराते,
ग़मों से छीन कर लाते हैं हँसी अपनी।
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है।
झसे नहीं कटती अब ये उदास रातें बेखुदी मे,
कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे।
कुछ अपनों ने हमे उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे।
इस उदासी का कोई हल निकाल मौला,
मेरी माँ मुझसे मेरा हाल पूछती है।
अंदर से टूटे हुए लोग जितना भी मुस्कुरा ले,
उदासी उनकी आँखों में दिख ही जाती है
उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है।
अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना,
क्योंकि हमारी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पडी है।
यानी ये खामोशी भी किसी काम की नहीं,
यानी मैं बयां करके बताऊं कि उदास हूं।
बहुत उदास है कोई तेरे चुप हो जाने से,
हो सके तो बात करलो किसी बहाने से।
किसी शायर से कभी उसकी उदासी की वजह पूछना,
दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार हो जायेगा।
सिर्फ चेहरे की उदासी से ही निकल आये आंसू,
दिल का हाल तो अभी आपने देखा ही कहा।
यही थी उम्र उदासी का लुत्फ़ लेने की,
गुज़र रही है जो बेकार मुस्कुराने में।
काश कभी ऐसा हुआ होता,
मेरी कमी ने आपको उदास किया होता।
ये मकान अब जल्द खाली हो जाएगा,
उदास बैठा ये शख्स बहुत जल्द मर जायेगा।
कुछ अजीब से लग रहा है मुझे आज,
सब घर में हंस रहे है मैं उदासी में हूं।
उदासी और खामोशी भरी एक शाम आएगी,
मेरी तस्वीर रख लेना तुम्हारे काम आएगी।
मौजूद थी उदासी अभी पिछली रात की,
बहला था दिल जरा कि फिर रात हो गयी।
छू ना पाया मेरे अंदर की उदासी कोई,
मेरे चेहरे ने बहुत अच्छी अदाकारी की।
किस किस के किस्से पर रोया जाएं यहाँ,
हर शख्स एक उदास कहानी लिए बैठा है।
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो,
दिल बैचैन हैं बहुत कहीं तुम उदास तो नही।
तुम ही हो इलाज मेरी हर उदासी का,
चाहत से ले कर मोहब्बत के सफर का।
छा सी गई हर समत उदासी उसने जब मुँह फेरा ही था
रूठो मत अब मान भी जाओ माना कुसूर कुछ मेरा भी था।
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है।
सी गई हर समत उदासी,उसने जब मुँह फेरा ही था,
रूठो मत अब मान भी जाओ,माना कुसूर कुछ मेरा भी था।
उदास लोग यूँ ही नहीं मुस्कुराते,
ग़मों से छीन कर लाते हैं हँसी अपनी।
झसे नहीं कटती अब ये उदास रातें बेखुदी मे,
कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे।
बताऊं तुम्हें एक निशानी उदास लोगों की,
कभी गौर करना ये हंसते बहुत हैं।
कितना कुछ जानता होगा वो इंसान मेरे बारे में,
जो मेरी मुस्कराहट देख के भी पूछ लेता है,
अब बताएगी उदास क्यूं है।
मैं अक्सर हंसा देती हूं उदास लोगों को
मुझसे मेरे जैसे लोग देखे नहीं जाते।
ज़रा सी उदासी हो और वो कायनात पलट दे
ऐसा भी तो एक दोस्त होना चाहिए।
बस यही आदत मुझे उसकी अच्छी लगती है,
उदास करके मुझे वो भी ख़ुश नहीं रहती है।
कैसे दूर करूं उदासी ये बता दे कोई,
लगा के सीने से काश रुला दे कोई।
गुज़र तो जाएगी तेरे बगैर भी लेकिन,
बहुत उदास बहुत बेकरार गुजरेगी।
ये कैमरे के सामने मुस्कुरा देना,
ख़ुद की उदासी के ख़िलाफ़ बगावत है।
मुझे उदास देख बस इतने कहता है वो..
तुम पर अच्छी नहीं लगती उदासी तुम बनी हो मुस्कुराने के लिए।
मैं हंसने वालों के साथ हंस तो रही हूं,
मगर उदासी मेरे हलक तक भरी हुई है।
हमारा हक तो नही है फिर भी तुमसे कहते है,
हमारी जिन्दगी लेलो मगर उदास मत रहा करो।
मुझसे नही कटती अब ये उदास रातें,
कल सूरज से कहूंगा मुझे साथ लेकर डूबे।
कोई सिखाए मुझे अदब उदासी के,
ग़म से भर जाती हूं, तो हंसने लगती हूं।
सभी के साथ दिखना भी मगर सबसे जुदा रहना भी है उसको,
उदासी साथ भी रखनी है और तस्वीर मे हँसना भी है उसको।
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ सामने न सही पर आस-पास हूँ,
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे मैं हर पल तुम्हारे साथ हूं।
गजब का प्यार था उसकी उदास आखों मे,
महसूस तक ना होने दिया छोड के जाने वाली ने।
यारा उदास मुस्कुराहटों के पीछे ग़म के रेले बहुत हैं,
अब तुम्हे क्या बताएं कि तुम बिन हम कितने अकेले हैं।
खामोश रात में सितारे न होते उदास आँखों में रंगीन नजारे न,
होते हम कभी नही करते याद आपको अगर आप इतने प्यारे न होते।
तुमसे गुफ़्तगू ज़रा सी जो हो जाती है,
उदासी दूर और चेहरे पर खुशी हो जाती है।
कलम से लिख नहीं सकते उदास दिल के अफसाने
गालिब हम तुम्हे दिल से याद करते है बाकी तुम्हारे दिल की खुदा जाने।
अजीब है मेरा अकेलापन,
न खुश हूँ न उदास हूँ बस खाली हूँ।