Breakup Love Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है ब्रेकअप शायरी। हम उम्मीद करते है कि ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
कत्ल ही करना था तो खंजर उठा लेती तुम,
क्या जरूरत थी मुस्कुराने की।
कुछ यूं बीती हैं सन्नाटो में रातें मेरी,
मैं ही बैठ कर सुनता रहा बातें मेरी।
गुजरे है जब जब तेरे शहर से,
दर्द को फिर से दर्द मिला है।
ज़ख्म हरे होने का फ़ायदा उठाया है मैंने,
अपने दर्द सुना सुनाके लोगों को रुलाया है मैंने।
तन्हाई भी जिस शै से कभी जुदा ना हो पाये,
उस हसीन मंज़र की ज़िन्दा तस्वीर हो तुम।
मै क्या करू की तेरी अना को सुकून मिले,
गिर जाऊ टूट जाऊ बिखर जाऊ मर जाऊ।
हमारे वक़्त में महरूमियों के घाव इतने हैं,
हमें खुशियों पे हंसने का सलीका तक नही आता।
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे,
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला।
कुछ लोगो के पास इतने दुःख होते हैं कि,
मृत्यु उन्हें किसी सुख जैसी लगने लगती हैं।
तुम्हारा जाना सबसे बड़ा संताप था,
उसके बाद सारे दर्द खिलौने हो गए।
न रुकी वक़्त की गर्दिश न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा तो परिंदो ने ठिकाना बदला।
बाहर रौनक़ लगाए बैठे है,
अंदर से शमशान है हम।
तुम साबित करती रहना अपनी विवशता,
हम बदनामियाँ बटोरते समर्पण सिद्ध करेंगे।
तुम मिल गए तो मुझ से नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है।
दुनियां गोरे रंग में चूर है,
मेरा इश्क़ सांवले रंग से मशहूर है।
अमानत मेरी बना कर उतारा है आपको वरना,
खुदा परियों को अब दुनिया में आने नहीं देता।
पहली ही मुलाकात थी और हम दोनो नाकामयाब,
उनसे जुल्फे न सम्भल सकी हमसे दिल ना सम्भल सका।
मेरी ग़ुर्बत को देख कर रास्ता ना बदल लेना,
मैं दिल का बादशाह हूँ मुक़द्दर तो ख़ुदा लिखता है।
हमे रेख्ते के कानून बताते हैं ये मतलबी लोग,
हमनें ख़ुद को जरूर बदला हैं लेक़िन अंदाज नहीं बदला।
मैं उसे आखिरी बार गले भी न लगा पाया,
मुर्शीद वो मुलाकात भी फासलों में हुई।
ख़ुदा तेरा भला करे तू मुझे समझता हैं ग़ैर,
चल आँखों में आँखें डाल औऱ कर ले सैर।
महफील भी सजी है सनम भी ऑनलाइन है,
हम कनफ्युज़ है अब इश्क करे या शायरी।
ज़िंदगी में ख़ुशी नहीं आई ये सबा इस गली नहीं आई,
आप को नज़र कर नहीं पाया हाँ मुझे शाइ'री नहीं आई।
ठोकरों से मैं बिखर नहीं सकता चोटों से मैं डर नहीं सकता,
मैं समंदर हूँ समंदर नदी में जा कर मैं मिल नहीं सकता।
फ़ीका ग़ुलाबी लिबाज़ उस पर उसका शबाब,
हाए रे वो उसकी चाल दीवाना हो चुका हैं बेहाल।
Breakup Love Shayari
मुझको इतनी धूम से रुख्सत न कीजिए,
मेरा क्या हैं मैं वापस भी आ सकता हूँ।
ग़ज़ल लिखूं शायरी लिखूं,
तू बता तेरे इश्क़ में क्या क्या लिखूं।
मुझे हुक़्म हुआ कि कुछ और माँग ले उसके सिवा,
मैं दुआ से ही उठ गई मुझे आरज़ू फक़त उसी की थी।
दुनिया का ज़र्रा ज़र्रा मियाँ इश्क़ इश्क़ है,
अदना हो या हो आला यहाँ इश्क़ इश्क़ है।
ख़ुद से उदास हूँ मैं न रौशनी हूँ न नूर हूँ मैं,
तू मुख़्तार हैं मुख़्तार रहेगा अब ख़ुद से ही उदास हूँ मैं।
मैं चाहता हूँ जैसा वैसा होता नहीं,
वो अपनी कहता हैं मेरी सुनता नहीं।
आज दिल से दुआ करो जानाँ,
हक़्क़ मोहब्बत का अदा करो जानाँ।
बिछड़ के मुझ से तुम अपनी कशिश न खो देना,
उदास रहने से चेहरा खराब होता है।
तुम निभा ना सके वो अलग बात है,
मगर तुमने वादे बड़े कमाल के किए थे।
काम जो उम्र ए रवाँ का है उसे करने दे,
मेरी आँखों में सदा तुझको हसीं रहना है।
जिनका ख्याल ख्वाबों भी शामिल हो जाये,
उनका ख्याल दिल से जाए भी तो जाए कैसे।
ये दो गज की दूरी से में तुम्हें अपने दिल की,
बात केसे कहु कही ज़माने ने सुन ली तो।
निकाह के तीन बोलों में कितनी ताकत है,
एक अजनबी जान से भी ज्यादा प्यारा हो जाता है।
मुझे बातें नहीं तेरी मोहब्बत चाहिए थी,
मुझे अफसोस हैं मुझको ये कहना पड़ रहा हैं।
एक बार फिर से मोहब्बत करेंगे अर्जुन,
क्योंकि पहली बार भरोसा उठा है जनाजा नही।
कभी वक़्त निकाल लेना बात करने के लिए,
बात जरुरी है यार तेरे दिल में उतरने के लिए।
आशिक़ जो इस गली का भी मर कर चला गया,
दुनिया से एक और क़लंदर चला गया।
वो शोख़ लड़की हसीन चेहरा कमाल बातें,
सुना है उस का किसी से रिश्ता लगा हुआ है।
ढूंढो तो सुकून खुद में है,
दुसरो में तो बस उलझने ही मिलेगी।
छूट जाते है हाथ चलते चलते,
तुम रूह से बंधे हो घबराना मत।
ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुझे भी अपना,
पहले माज़ी का कोई ज़ख़्म तो भर जाने दे।
में तुम्हारे काँधे से सर लगा कर ज़रा देर सो जाऊ,
इतना सा अपना वक़्त मुझपर पर बर्बाद कर दो ना।
न मोहब्बत न दोस्ती के लिए,
इरफ़ान रुकता नही किसी के लिए।
जिससे सच्ची मोहब्बत की जाती है,
उसकी इज्ज़त मोहब्बत से भी ज्यादा की जाती है।