Nafrat Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है नफरत शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको अच्छी लगेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से,
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से।
हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।
बेहद गुस्सा करती हो आजकल,
नफरत करने लगी हो या मोहब्बत ज्यादा हो गयी।
ना मोहब्बतें सँभाली गई ना नफ़रतें पाली गई,
है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे ख़ाली गई।
नफ़रत बता देती है
मुहोब्बत कितने कमाल की थी।
Nafrat Wali Shayari
हाँ मैं पागल बन गया था उसके मुहब्बत में,
अब मैं शायर भी बना हूँ तो उसकी नफरत में।
कुछ अधुरी मुहब्बत की पूरी हिकायते भी है
कुछ नफरत की मुकम्मल सी शिकायतें भी है।
ना मोहब्बतें सँभाली गई ना नफ़रतें पाली गई,
है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे ख़ाली गई।
तेरी यादें सिरहाने रख के मैं रात रात भर न सोया हूँ,
नफ़रत हो गयी है तुमसें कहकर ख़ुद घंटों रोया।
नफ़रत की एक बात बड़ी अच्छी होती हैं कि,
यह मोहब्बत की तरह कभी झूठी नहीं होती।
Nafrat ki Shayari
सच कहूं तो सच बोलना भी गुनाह हो गया है,
इंसान को इंसान से ही नफरत बेपनाह हो गया है।
ये मेरी मोहब्बत और उसकी नफरत का मामला है,
ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर।
नफ़रत भी नहीं है गुस्सा भी नहीं हूँ,
पर तेरी जिन्दगी का अब हिस्सा भी नहीं हूँ।
भरोसा कोई एक तोड़ता है,
और नफरत सब से हो जाती है।
दुनिया को नफरत का यकीन नही दिलाना पड़ता,
मगर लोग मोहब्बत का सबूत जरूर मांगते है।
हमने कब कहा कि हमसे प्यार कीजिये,
नफरत कर सकते हो तो बेशुमार कीजिये।
तुम तुम्हारा इश्क तुम्हारी जिद्द,
मैं तुम तीनो से नफरत करता हूँ।
मुझे नफरत पसन्द है,
लेकिन दिखावे के अपनापन नही।
मैने कब कहा मोहब्बत कीजिये,
क़ाबिल ए नफरत हूं आप भी कीजिये।
तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।
Zindagi se Nafrat Shayari
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।
बे-हिसाब नफरत है हमें इश्क़ से,
बे-पनाह मोहब्बत जो की थी हमनें।
नफरत भी नहीं है तुझसे,
और कोई गुस्सा भी नहीं है।
पर सुन, अब तू मेरी जिंदगी का,
हिस्सा भी नहीं है।
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी।
Nafrat Shayari Image
मुझसे नफरत वाजिब है तुम्हें,
ये नहीं करोगे तो मोहब्बत हो जाएगी।
नफरत कमाना भी आसान नही इस दुनिया में,
लोगो की आँखों में खटकने के लिए भी कुछ खुबिया होनी चाहिए।
नसीब नसीब की बात है,
कोई नफरत देकर भी प्यार पाता है।
गुजरे है आशिकी मे हम कुछ ऐसे मुकाम से,
के नफरत सी हो गयी है अब मोहब्बत के नाम से।
मत पूछ कि मेरा कारोबार क्या है बस,
मुहब्बत की दुकान है नफरत के बाज़ार में।
2 Line Nafrat Shayari
थोड़ा सा इश्क चाहिये मुझको,
इन नफरतों से मेरा गुजारा नहीं होता।
नफरत खुलकर और मोहब्बत छुप कर करते है,
हम इंसान अपनी ही बनाई दुनिया से कितना डरते है।
दुनिया को नफरत का यकीन नहीं दिलाना पड़ता,
मगर लोग मोहब्बत का सबूत ज़रूर मांगते हैं।
बिल्कुल जुदा है मेरे महबूब की सादगी का अंदाज,
नजरे भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही।
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िंदगी हमने,
सोचो अगर तुम मोहब्बत करते तो हम क्या करते।
नफरत शायरी
प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
नफरत करुगा तो जिक्र भी नही करुगा।
नफ़रत का ख़ुद का अपना कोई वज़ूद नहीं होता है,
यह तो मोहब्बत की ग़ैर मौजूदगी का नतीजा है।
रहे न कुछ मलाल बड़ी शिद्दत से कीजिये,
नफरत भी कीजिये तो ज़रा मोहब्बत से कीजिये।
दिल में बसी नफरत को मिटा देना साहेब,
ये भी एक सबसे बढ़िया स्वच्छता अभियान है।
मोहब्बत का परिंदा हूं किसी से बैर नहीं रखता,
जहां नफ़रतें बिखरी हों वहां मैं पैर नहीं रखता।
नफरत शायरी हिंदी में
हिसाब तेरी चाहत का हम भी कहा रखते है,
एक तेरे ही भरोसे पे जमाना छोड़ बैठे है।
आदर उसी की करो जो इसका अधिकारी हो
अब चाहे वो पुरूष हो या फिर कोई नारी हो।
उम्र सफर कर रही है,
और मैं ख्वाहिशे लेकर वही खड़ा हूँ।
लेकर हाथों में हाथ उम्र भर का सौदा कर ले,
थोड़ी सी मोहब्बत तुम कर लो थोड़ी सी मोहब्त हम कर ले।
अरमान ही बरसों तक जला करते है यारों,
इंसान तो बस एक पल में ही ख़ाक हो जाता है।
ज़माना हो गया मगर देखो मेरी चाहत नही बदली,
ना तेरी जिद्द बदली ना मेरी आदत बदली।
हल्की हल्की सी हंसी साफ़ इशारा भी नहीं,
जान भी ले गए और जान से मारा भी नहीं।
जो जाहिर करना पड़े वह दर्द कैसा,
और जो दर्द ना समझें वो हमदर्द कैसा।
कह दिया करो जो दिल में आए,
सुकून दिल का दोनों को मिलेगा।
तेरी आँखों में शरारत सी है,
बताओ दिल लेना चाहते हो या जान।
हमने कब कहा कि हमसे प्यार कीजिये,
नफरत कर सकते हो तो बेशुमार कीजिये।
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