Dushmani Shayari in Hindi | दुश्मनी शायरी

Dushmani Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फ़िर से हाजिर हैं एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है दुश्मनी शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

दुश्मनी उसकी तबियत में रची है मुर्शीद

कोई चिंगारी जहाँ देखी हवा दी उसने।


Dushmani Shayari in Hindi

क्यों मेरे चैन ओ सुकून के दुश्मन बन गए,

दुनिया बड़ी हसीं है किसी और से दिल लगा लेते।


जान जब प्यारी थी तब दुश्मन बहुत थे,

अब मरने का शौक है तो कोई कातिल नहीं मिलता।


दुश्मन-ए-जाँ है मगर जान से प्यारा भी है,

ऐसा किसी शहर में इक शख़्स हमारा भी है।


Dushmani Attitude Shayari

तुम होश में भी हमें दुश्मन मान बैठे हो, 

बेख्याली मे भी तुम्हारी शनासाई याद रहती है हमको।


Dushmani Shayari in Hindi

दुश्मनों को भी पसंद है मेरे लड़नें का तरीका,

पता तो उन्हें भी है कि मैं दिलदार हूँ गद्दार नहीं।


गली से कोई भी गुज़रे तो चौंक उठता हूं,

नए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा।


मै दुश्मनों से अगर जंग जीत भी जाऊं,

तो उनकी औरतें कैदी नहीं बनाऊंगा।


2 Line Shayari on Dushmani


खुदा ने किस्मत में चंद साँसे लिखी थी,

दुश्मनो ने उसमे भी जहर घोल दिया।


Dushmani Shayari in Hindi

आहिस्ता-आहिस्ता जिंदगी में लोग बदल जाते हैं,

जो लोग कल तक उन्हें दुश्मन कहते थे आज उनके साथ नज़र आते हैं।


तन्हाई हो या महफ़िल याद आते हो,

रात की ठंडी हवाओं सा छू जाते हो, 

मोहब्बत इतनी बढ़ गयी है तुमसे, 

दुश्मन की गोली में भी तुम मुस्कुराते हो। 


दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद,

वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है।


Dushmani Shayari Image

मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर,

रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं।


Dushmani Shayari in Hindi

तुम निभाते रहो दुश्मनी हमसे हम मोहब्बत की बात करेंगे,

पढ़े लिखे लोग है जनाब कई रास्ते आते है हमे बरबाद करने के।


दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है,

दोस्तों ने भी क्या कमी की है। 


हो यदि दुश्मन तो सामने से बार करता है,

लेकिन अजनबी अपना बन कर मीठा बोल कर कत्ल करता है।


दुश्मनी शायरी


दुश्मनी हो जाती है मुफ़्त में सैकड़ों से साहब,

इंसान का सीधा होना भी एक गुनाह है।


Dushmani Shayari in Hindi

कोई दुश्मनी नही ज़िन्दगी से मेरी,

बस ज़िद्द है तेरे साथ जीना है।


हमारे दिल की मत पूछो साहब बड़ी मुश्किल में रहता है,

हमारी जान का दुश्मन हमारे दिल मे रहता है।


दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,

जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों।


Dushmani par Shayari

बहुत गौर से देखने पर जिंदगी को जाना मैंने, 

दिल जैसा दुश्मन जमाने में नहीं मिलता।


Dushmani Shayari in Hindi

जो दिल के करीब थे वो दुश्मन हो गए,

जमाने में हुए चर्चे जबसे हम मशहूर हो गए।


सच के चेहरे में यहाँ झूठ के फसाने देखे,

दुश्मनों को जब गौर से  देखा उनमे कई दोस्त पुराने देखे।


इलाही क्यूँ नहीं उठती क़यामत माजरा क्या है,

हमारे सामने पहलू में वो दुश्मन के बैठे हैं।


मतलब की दुनिया थी फरेब का जमाना था, 

दिल मे दुश्मनी थी और दोस्ती का बहाना था।


Dushmani Shayari in Hindi

सौ दुश्मन बनाए हमने किसी ने कुछ नहीं कहा,

एक को हमसफर क्या बनाया सौ ऊँगली उठ गई।


इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप,

शहर वालों से हमारी दुशमनी बढ़ जायेगी।


बेवक्त बेवजह बेहिसाब मुस्कुरा देती हूं,

आधे दुश्मनों को तो यूं ही हरा देती हूं।


Dushmani Shayari in Hindi

तारीफ़ की चाहत तो नाकामों की फ़ितरत है,

काबिल के तो दुश्मन भी कायल होते हैं।


Dushmani Shayari in Hindi

उफ़ ये हसरते उफ़ ये हकीकतें,

दोनों में दुश्मनी पुरानी लगती है।


एक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर,

ता उम्र फिर हवा से मेरी दुश्मनी रही।


मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्यूंकि,

मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे ।


मेरी खामोशी का फायदा उठा रहे हो,

मेरी दुश्मनी का नुकसान तुम सह नही पाओगे।


Dushmani Shayari in Hindi

तुम हिने चोट दी मरहम भी तुम बन गए,

तुम्हारी दुश्मनी में मोहब्बत क्यों महकने लग जाए।


हम अपना इंतज़ार संभाल लेंगे तुम आ जाओ तो सही, 

हम ज़माने से दुश्मनी भी निभा लेंगे तुम खुद को मेरा बताओ तो सही।


दुश्मन को जलाना और दोस्त के लिए,

जान की बाजी लगाना फितरत है हमारी


दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको

हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं


दुश्मन भी दुआ देते है मेरी फ़ितरत ऐसी है,

और मेरे अपने दगा देते है मेरी किश्मत ऐसी है।


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