Trust Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है विश्वास शायरी। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको जरूर पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मैं चाहता हूँ तुझे यूँ ही उम्र भर देखूं,
कोई तलब ना हो दिल में तेरी तलब के सिवा।
हम भी किसी के दिल में शिद्धत से कैद थे कभी,
फिर उसने दुसरों की ज़मानत पर हमें रिहा कर दिया।
बेवक़्त बेपहर बेपर्दा सी रहती है तेरी यादें,
मैंने कई बार खुद को इनमें डूबते हुए जो देखा है।
ये मस्ती भरी अंदाज़ ये खुले गेसु,
तेरी सुबह बता रही हैं तेरा रात का फ़साना।
ठोकरें कहतीं रहीं अब तो संभल जा,
दिल ने कहा बस आख़री दफ़ा और मचल जा।
यादों की महफ़िल में यार कम न मिलेंगे,
मिल जायेंगे हम जैसे बहुत लेकिन हम न मिलेंगे।
गुज़र रहे थे हम तो वक्त की तरह,
जो तुम मिल गये तो लम्हा बन गया।
चेहरे बदल जाते है जनाब,
बस नाम वही रहता है बाबू।
फिक्र बता रही है, कि मोहब्बत ज़िन्दा है,
फासलो से कह दो के गुरूर ना करे।
सदा चेहरे पर मुस्कान तुम रखना,
एक तेरा मुस्कुराना कई दर्द भुला देता है।
काश हम भी आज खतम हो जाए,
बीते साल की तरह दुनिया से विदा हो जाए।
मेरे इश्क़ की हर बात यादगार होगी,
क्योंकि मेरी आशिक़ी हद से पार होगी।
किस्से बनेंगे अब के बरस भी कमाल के,
ये साल तो चला गया है कलेजा निकाल के।
तहरीरें लिखनी हमें नहीं आती,
हम जिसका हाथ पकड़ेंगें शहज़ादी बना देंगें।
शेर-ओ-शायरी छोड़ कर एक अफसाना लिखूंगा,
जिसमे आपको अपना सिर्फ अपना बस अपना लिखूंगा।
उसकी आँखों की गुफ़्तगू से साफ़ ज़ाहिर है,
कि ले रखी है मेरी जान की सुपारी उसने।
मेरा दिल ढूंढता है तुम्हें,
मेरी धड़कनों का मसला हो तुम।
अब तो मुझको मेरे हाल में जीने दो,
अब तो मैंने तुमपे मरना छोड़ दिया।
बस कुछ इस तरह दिसबर का अंजाम हो ,
की मेरी आने वाली हर जनवरी में तेरा नाम और साथ हो।
तेरी सादगी तेरी आजिजी,तेरी हर अदा कमाल है,
मुझे फक्र है मुझे नाज़ है मेरा यार बेमिसाल है।
तेरे बिना मेरा सब कुछ व्यर्थ है,
क्योंकि तुमसे ही मेरी जिंदगी का अर्थ है।
ये दिसंबर खुशगवां मौसम और आपकी यादें साहेबा,
आप अगर दूर न होती तो मिलकर चाय पीते।
ख्वाईश नही है कि पूरी दुनिया मेरी मुरीद हो,
पर जितने भी हों दिल के करीब हों।
कभी जो ज़ुल्फ तेरी गालों पे आए सनम,
यूँ समझना मैंने प्यार से चूमा है तुम्हें।
ज़रा भी नही देखेंगे किसी ओर को,
तुझे पा कर खुदगर्ज रहेंगे हम।
खुद को खोने का पता ही नहीं चला,
किसी को पाने के लिए यूं इंतेहा कर दी हमने।
रब जब सबर देता है ना,
तो जान से प्यारा शक्श भी पास खड़ा नजर नहीं आता।
एक तो वो इतनी हसीन,
ऊपर से चाय की शौकीन ।
कुछ तो है तेरे नाम में जादू,
नाम सुनकर ही धड़कने बढ़ जाती है।
जिस्म खुश,रूह उदास लिए फिरते हो,
ये किस किस्म की मोहब्बत किए फिरते हो ।
लौट आओ अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं,
अभी भी बाकी है एक रात दिसंबर की।
ये इश्क ही तो है हमारा चाय से ,
वरना खौलती हुई चीज आखिर कौन लबो से चूमता है।
ज़हन आदी हो गया है उसका,
बात सिर्फ मोहब्बत की नही है।
हमनें नजदीकियों में ख़लिश देखी है,
दूरियों में पनपता इश्क़ देखा है।
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
ज्ञान तो वही हैं जो किरदार में झलके।
मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो,
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।
तुम बस आने का मौका ढूंढ लेना,
हम रोकने का बहाना तयार रखेंगे।
हर लफ्ज़ तेरे प्यार की खुशबू में ढला है,
ये सिलसिला है इश्क का जो तुमसे मिला है।
फरमान अपनी हदों में रहने का आ गया है,
अब वक्त अलविदा कहने को आ गया हैं।
हर लफ्ज़ तेरे प्यार की खुशबू में ढला है,
ये सिलसिला है इश्क का जो तुमसे मिला है।
मेरी जिंदगी में कुछ इस तरह आके ठहरो तुम,
कि सांस भी लूं तो खुशबू तुम्हारी आये।
तम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री,
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया।
अब समझा तेरे रुख़सार पे तिल का मतलब,
दौलत-ऐ-हुस्न पे दरबान बिठा रखा है।
तेरी महफिल में तकाज़ों की अगर बात चली,
फर्क डालेगा बहुत एक मेरा ना होना।
उलझने क्या बताऊ जिंदगी की,
तेरे ही गले लगकर तेरी ही शिकायत करनी है।
आप सदा यूँ ही मुस्कुरातें रहना,
क्योंकि आप किसी के होठों की हँसी हैं।
तेरे साथ रंगों से भरा है मेरा ये संसार,
तेरे बिना दिल हमेशा रहता है बेकरार।
हर पल तुम्हारा साथ निभाएंगे ये वादा करते हैं,
तुझे हमेशा अपनाने का इरदा करते हैं।
मेरी पसंद मेरी तमन्ना मेरा इरादा जानता है,
कोई शख्स मुझे बखूभी अच्छे से जानता है।
तेरी यादों की उलफत से सजी है महफिल मेरी,
मैं पागल नही हूँ जो तुझे भूल कर वीरान हो जाऊ।
दिल ने यु भी कहा हमसे हस कर कई बार,
तू खुद पागल न हो जाना मुझे समझाते समझाते।
सर्दी का महीना और मोहब्बत में डूबे हम,
काश ऐसे में हमको कम्बल की तरह मांग लो तुम।
तेरे हिस्से की कप में चाय तक हम छोड़ देते हैं,
मेरे हिस्से की चाहत का बताओ क्या किया तुम ने।
इन आँखों मे आंखे मिला के मोहब्बत का इज़हार तो करो,
एक बार कम से कम मुझे वेपन्हा प्यार तो करो।
कौन यहाँ याद रखता है खाक हो जाने के बाद,
कोयला भी कोयला नही रहता राख हो जाने के बाद।
जब बेअसर होने लगे मन्नतों के धागे समझ लो,
और इम्तिहान बाकी है इसके आगे।
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